- चौरीचौरा एरिया से पुलिस को मिला सुराग
- गोरखनाथ के 10 नंबर बोरिंग से एसटीएफ ने किया अरेस्ट
<- चौरीचौरा एरिया से पुलिस को मिला सुराग
- गोरखनाथ के क्0 नंबर बोरिंग से एसटीएफ ने किया अरेस्ट
GORAKHPUR : GORAKHPUR : भोपाल शूटआउट में एसआई और कांस्टेबल पर गोली चलाने वाला अंशू उर्फ सुमित गोरखपुर में घूम रहा था। थर्सडे नाइट गोरखपुर एसटीएफ यूनिट ने गोरखनाथ एरिया के क्0 नंबर बोरिंग से उसको अरेस्ट किया। भोपाल में क्0 हजार और सीतापुर जीआपी के पांच हजारी अंशू लखनऊ के डबल सीएमओ मर्डर से चर्चा में आया। आरोपी के पास से पुलिस को पिस्टल और तमंचा बरामद हुआ। फर्जी आईडी प्रूफ और आधार कार्ड रखने वाला वांटेड अंशू चार शूटर्स की तलाश में गोरखपुर आया था। चंदन सिंह के शूटर्स की मदद से वह सीतापुर के एमएलसी और उनके बेटे की मर्डर की योजना बना रहा था।
कोहरे की रात में मुठभेड़ के बाद पुलिस को मिली कामयाबी
गोरखपुर जिले में अंशू के एक्टिव होने की सूचना यूपी एसटीएफ ने गोरखपुर की टीम को दी। तीन दिन पहले अंशू की लोकेशन चौरीचौरा एरिया के देवरिया हाइवे पर मिली। वह सलेमपुर में रहने वाले एक परिचित के घर जा रहा था। तभी से पुलिस उसके पीछे लग गई। थर्सडे नाइट सीओ विकास त्रिपाठी की अगुवाई में एसआई सत्य प्रकाश सिंह, एचसीपी भानू प्रताप सिंह कांस्टेबल अनूप राय की टीम ने अंशू को अरेस्ट करने की कोशिश की। रात में क्क् बजकर ख्फ् मिनट पर उसने फायर झोंककर भागने की कोशिश की, लेकिन पुलिस की तैयारी की वजह से वह भाग नहीं पाया। उसके पास से नाइन एमएम की पिस्टल, कारतूस, फ्क्भ् बोर का तमंचा, खोखे बरामद हुए।
फर्जी आईडी के सहारे घूम रहा था अंशू
पुलिस ने दावा कि सीतापुर जिले के मानपुर एरिया स्थित कुराबनी निवासी अंशू उर्फ सुमित दीक्षित के पास से फर्जी पहचान पत्र मिले। वोटर आईडी कार्ड और आधार कार्ड पर अंशू की फोटो लगी है, लेकिन उस पर नाम-पते अलग-अलग व्यक्तियों के लिखे गए हैं। उसके पास मिले ग्रीन कार्ड पर देवरिया के आदित्य मिश्रा का पता लिखा है। आधार कार्ड पर मध्य प्रदेश के भोपाल, टुजुर स्थित साकेत नगर और पिपराइच एरिया के उनवल दोयम के पते का वोटर आईडी कार्ड मिला। जेब में मिले पर्स पर पूजा का नाम लिखा था।
इन मामलों में पुलिस को थी अंशू की तलाश
- लखनऊ यूनिवर्सिटी में सेक्रेट्ररी विनोद त्रिपाठी और गौरव सिंह की हत्या का आरोपित
- लखनऊ में एनएचआरएम घोटाला सामने आने के बाद सीएमओ विनोद आर्या और वीपी सिंह के मर्डर में अंशू का नाम आया।
- भोपाल में छिपकर रहने के दौरान एसआई संदीप और भोपाल क्राइम ब्रांच के राघवेंद्र पांडेय पर अंशू ने गोली चलाई थी। सिपाही के पेट में गोली लगने की बात कही जा रही है।
- लखनऊ हत्याकांड में पेशी के बाद सीतापुर जाने के दौरान दो सिपाहियों को बेहोशी की दवा देकर फरार होने का आरोप
- सीतापुर जिले में भट्ठा मालिक और साहब ट्रांसपोर्ट के मालिकों से क्0 लाख रुपए की रंगदारी मांगने का आरोप
जीआरपी ने घोषित किया था पांच हजार का इनाम
रंगदारी मांगने के मामले में क्7 अक्टूबर ख्0क्फ् को अंशू की कोर्ट में पेशी हुई। पेशी से लौटने के दौरान सीतापुर रेलवे स्टेशन पर सिपाहियों को नशे की गोलियां खिलाकर अंशू चंपत हो गया। जीआरपी सीतापुर ने उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज करके पांच हजार का इनाम घोषित किया। जबकि भोपाल में हुई मुठभेड़ में अंशू के खिलाफ क्0 हजार का इनाम घोषित था। ख्7 सितम्बर ख्0क्ब् को शार्प शूटर अंशू दीक्षित भोपाल के हबीबगंज, बाग सेवनिया एरिया में पहुंचा। एसटीएफ लखनऊ यूनिट के एसआई संदीप मिश्रा ने भोपाल एसओजी की मदद ली। अंशू की गिरफ्तारी के लिए रात साढ़े क्0 बजे टीम ने कार्रवाई की। पुलिसवालों पर गोली चलाकर अंशू फरार हो गया। भोपाल में उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया।
एमएलसी के मर्डर के लिए तलाश रहा था शूटर
लखनऊ यूनिवर्सिटी में बीकॉम का स्टूडेंट रहा अंशू कई दिनों से गोरखपुर और आसपास के एरिया में एक्टिव था। सलेमपुर में अंशू का एक क्लासमेट रहता था। उसकी बाइक पर बैठकर वह किसी काम से चौरीचौरा गया। तभी पुलिस को उसकी लोकेशन मिल गई। पुलिस की पूछताछ में अंशू ने बताया कि सपा के एमएलसी भरत त्रिपाठी और उनके बेटे परीक्षित का मर्डर करने के लिए वह शूटर्स तलाश रहा था। इसके लिए उसने देवरिया में दो लोगों से संपर्क किया। गोरखपुर में वह चंदन सिंह के करीबियों से मिलने की कोशिश में लगा था। गोरखपुर में चंदन के दुश्मन माफिया को निपटाने का ठेका लेकर वह सीतापुर में चंदन के शूटर्स से अपना काम कराना चाहता था।
बहन की छेड़छाड़ से परेशान होकर उठाया हथियार
पुलिस कस्टडी में मौजूद अंशू अपना टारगेट पूरा करने जिद में अड़ा नजर आया। उसने पुलिसवालों को बताया कि सपा नेता का बेटा उसकी बहन से छेड़छाड़ करता था। मना करने पर सपा नेता के बेटे ने गुंडई की। सरेआम पिटाई करने के बाद उस पर गोली दागी गई। सपा नेता के बेटे के हमले में उसके पैर में गोली लगी। शिकायत लेकर वह थाने गया तो एसओ ने कार्रवाई से मना कर दिया। उसकी पूरी फैमिली का उत्पीड़न कराया गया। उत्पीड़न की वजह से उसकी भाभी को काफी तकलीफ उठानी पड़ी। गर्भ में पल रहा उनका बेटा मर गया। इसलिए वह बाप-बेटे से बदला लेकर रहेगा। अंशू को फैजाबाद के एक नेता का वरदहस्त मिला हुआ है, इसलिए वह आराम से अपने काम को अंजाम देता है।
अंशू को अरेस्ट करने में कामयाबी मिली है। भागने के लिए अंशू ने पुलिस टीम पर गोलियां दागी, लेकिन घेराबंदी करके उसको पकड़ लिया गया। गोरखपुर में उसके नेटवर्क, मददगारों की तलाश की जा रही है।
विकास चंद्र त्रिपाठी, सीओ एसटीएफ यूनिट गोरखपुर
क्राइम हिस्ट्री
अंशू उर्फ सुमित
क्। क्राइम नं। ख्क्ब्/07 धारा फ्0ख् आईपीसी थाना-मडि़यांव लखनऊ
ख्-क्राइम नं। ख्ब्फ्/07 धारा क्ब्7, क्ब्8, क्ब्9, फ्07 आईपीसी थाना-महानगर लखनऊ
फ्-क्राइम नं। 70भ्/07 धारा फ्0ख् आईपीसी थाना-कोतवाली लखनऊ
ब्-क्राइम नं। 7म्फ्/09 धारा फ्8म् आईपीसी थाना-कोतवाली सीतापुर
भ्-क्राइम नं। 8क्फ्/09 धारा फ्8म्, भ्0ब्, क्ख्0बी आईपीसी थाना-कोतवाली सीतापुर
म्-क्राइम नं। भ्ख्/क्फ् धारा ख्ख्फ्, ख्ख्ब्, ख्ख्भ्क, फ्07, आईपीसी थाना-जीआरपी सीतापुर