- 135 कालेजों में हुई हैं सामूहिक नकल की रिपोर्ट, 300 से अधिक नकलची धराए
GORAKHPUR: एक मार्च से शुरू हुई डीडीयूजीयू की वार्षिक परीक्षाएं सोमवार को संपन्न हो गई। करीब दो माह की अवधि वाली वार्षिक परीक्षा कई मायनों में खास रही। एक ओर जहां उड़ाका दलों ने औचक निरीक्षण कर रिकार्ड संख्या में सामूहिक नकल की रिपोर्ट की, तो दूसरी ओर कुशीनगर के एक कालेज में परीक्षा से पहले ही उत्तर पुस्तिकाएं लिखवाए जाने का सनसनीखेज मामला सामने आया। यही नहीं इस वर्ष बड़ी संख्या में अनुचित साधन का प्रयोग करते हुए परीक्षार्थी भी धरे गए।
135 केंद्रों पर सामूहिक नकल
आंकड़ों पर गौर करें तो बीते सत्र में कुल 73 केंद्रों पर सामूहिक नकल की रिपोर्ट उड़ाका दलों ने की थी, जबकि इस बार यह संख्या 135 तक पहुंच गई। 4 मार्च से 1 अप्रैल तक डॉ। हिमाशु चतुर्वेदी के नेतृत्व में उड़ाका दलों ने कुल 72 कालेजों के खिलाफ सामूहिक नकल की रिपोर्ट की गई, वहीं डॉ। श्रीवर्द्धन पाठक के नेतृत्व में 2 अप्रैल से 2 मई तक 61 कॉलेजों में सामूहिक नकल होने की शिकायत की। 2 अप्रैल से अब तक करीब 200 परीक्षार्थी व्यक्तिगत रूप से नकल के आरोप में रेस्टीकेट किए गए हैं। उड़ाका दलों की रिपोर्ट अब परीक्षा समिति के समक्ष रखी जाएगी, जिसके बाद नियमानुसार कार्रवाई तय होगी।
देवरिया में सबसे ज्यादा नकल
उड़ाका दलों की रिपोर्ट के अनुसार इस बार सर्वाधिक नकल देवरिया जिले में पकड़ी गई। यहां करीब 44 कालेजों के खिलाफ सामूहिक नकल की रिपोर्ट की गई है, जबकि 125 से अधिक छात्र रेस्टीकेट किए गए हैं। सूत्र बताते हैं कि करीब 40 केंद्र ऐसे भी हैं, जहां उड़ाका दलों की टीम ने अपने सामने परीक्षा संपन्न कराकर कॉपियां सील कराई। यह हाल के कई वर्षों में रिकॉर्ड संख्या है। परीक्षा के पहले ही सप्ताह में करीब दो दर्जन कालेजों के खिलाफ सामूहिक नकल की रिपोर्ट की गई थी। इस वर्ष उड़ाका दल ने कॉलेजों में जिस तरह होने की रिपोर्ट की है, वह चौंकाने वाली है। निरीक्षण में धराए करीब डेढ़ दर्जन मोबाइल और दर्जनों नकल सामग्री भरी बोरियों को छोड़ भी दें, तो बाहरी लोगों को कक्ष निरीक्षक के तौर पर नियुक्त कर सुनियोजित नकल के प्रयास, कमरा बंद कर भीतर कापियां लिखी जाने के मामले भी हुए हैं।