-एक्सपीरियंस से नहीं फिजिकल और स्किल टेस्ट से होगा सेलेक्शन
-सेलेक्शन के बाद बदल सकते हैं एडॉक कोच का जिला
GORAKHPUR: ग्राउंड पर खिलाड़ी को एबीसीडी सिखाने वाले कोच भी पसीना बहा रहे हैं। मगर ये मेहनत वे खिलाड़ी के मेडल के लिए नहीं बल्कि अपने सेलेक्शन के लिए कर रहे हैं। स्पोर्ट्स डिपार्टमेंट के बदले रूल के मुताबिक अब कोच का सेलेक्शन एक्सपीरियंस से नहीं बल्कि उसके सर्टिफिकेट और फिजीकली टेस्ट के आधार पर किया जाएगा। इस बदले रूल से न सिर्फ टैलेंट को मौका मिलेगा बल्कि कई जमे अंगद पांव हिल जाएंगे। साथ ही सेलेक्शन के बाद कोच को कहां भेजा जाएगा, यह स्पोर्ट्स डायरेक्टर ऑफिस तय करेगा।
फिजिकल और स्किल का है 10-10 नंबर
स्पोर्ट्स डिपार्टमेंट ने खेल को सुधारने और बढ़ावा देने के लिए कई नियमों में बदलाव किया है। पहले जहां एक्सपीरियंस से सेलेक्शन होता था। वहीं अब खिलाड़ी की तरह कोच का भी फिजिकल और स्किल टेस्ट लिया जाएगा। फिजिकल और स्किल टेस्ट के 10-10 नंबर हैं। फिजिकल टेस्ट में 100 मीटर रेस, 1200 मीटर रेस, स्टैंडिंग ब्राड जंप, एब्डामिनल और मेडिसिन बालथ्रो कराया जाएगा। साथ ही इंटरनेशनल लेवल के खिलाड़ी और एनआईएस कैंडिडेट के 10 अंक, इंटरनेशनल खिलाड़ी के 8 अंक, नेशनल लेवल के खिलाड़ी के 6 अंक, एनआईएस डिप्लोमाधारी के 5 अंक, राज्य स्तर के खिलाड़ी के 4 अंक और इंटर यूनिवर्सिटी के खिलाड़ी के 2 अंक निर्धारित किए गए हैं।
प्रेग्नेंट लेडीज का नहीं होगा फिजिकल टेस्ट
खेल सचिव के लेटर के मुताबिक प्रेग्नेंट लेडीज कोच का सेलेक्शन एक्सपीरियंस और सर्टिफिकेट के आधार पर किया जाएगा। अगर तीन माह की प्रेग्नेंसी है तो उनका फिजिकल और स्किल टेस्ट नहीं होगा। उन्हें सीएमओ का सर्टिफिकेट लगाना होगा।
गेम पर कब्जा है कोच का
गोरखपुर मंडल में विभिन्न गेम पर कोच का कब्जा है, यह कहना गलत नहीं होगा। क्योंकि अगर गेम का कैंप मिला है तो 90 परसेंट कोच की जिम्मेदारी उसी की रही है। लगातार दो साल से विभिन्न गेम में कोचिंग कर रहे अधिकांश कोच लगातार एक ही प्लेस पर जमे हुए हैं।
इनकी हिल सकती है सल्तनत
कोच - गेम - साल (करीब)
नफीस अहमद - हैंडबाल - 10
विनोद यादव - कबड्डी - 2
सीमा विश्वकर्मा - जिम्नास्टिक - 10
प्रवीन कुमार - पावरलिफ्टिंग - 2
सुजीत कुमार - बॉक्सिंग - 4
क्रांतिदेव - फुटबाल - 1
बिट्टू पासवान - हॉकी - 2
अमिता कुशवाहा - वॉलीबाल - 2
देवी सिंह - रेसलिंग - 2
संध्या यादव - स्विमिंग - 2
रिषिश्वेत सिंह - रेसलिंग - 2
पवन कुमार - क्रिकेट - 2
विष्णुलाल - जिम्नास्टिक - 2
सुभाष - फुटबाल - 6
ओसामा - रेसलिंग - 2
अंजुम तारिक - हॉकी - 2
स्टेडियम में चलने वाले विभिन्न गेम के एडॉक कोच की नियुक्ति डायरेक्टर ऑफिस से होगी। पहले गेम के आधार पर सेलेक्शन होगा, फिर उसे कैंप दिया जाएगा। इसलिए ये जरूरी नहीं है कि कोच के मांगे प्लेस को ही दिया जाए। इस साल एक्सपीरियंस नहीं बल्कि ट्रायल के आधार पर गेम एलॉट किया जाएगा।
अश्विनी कुमार सिंह, आरएसओ
कहीं छिन न जाए ये गेम
गोरखपुर के रीजनल स्टेडियम। जहां प्रैक्टिस करने वाले एक, दो नहीं बल्कि कई खिलाड़ी नेशनल और इंटरनेशनल लेवल पर अपना दम दिखा चुके हैं। कुश्ती और बास्केटबाल के हॉस्टल के अलावा स्टेडियम में करीब एक दर्जन गेम की एक्सपीरियंस कोच की देखरेख में रेगुलर प्रैक्टिस होती है। मगर इस साल स्टेडियम में चलने वाले कुछ गेम पर रोक लग सकती है। ये रोक कोई खिलाड़ी या कोच नहीं बल्कि कैंप एलॉट न होने से लगने का खतरा बढ़ गया है। क्योंकि कैंप के लिए गोरखपुर से किए गए विभिन्न आवेदन में कुछ गेम का नाम ही नहीं है। वहीं कई गेम के लिए मारामारी है। गोरखपुर से 12 गेम के लिए करीब 24 आवेदन किए गए हैं। जिनकी फर्स्ट प्रायॅरिटी गोरखपुर है। बाकी सेलेक्शन के बाद किस जिले का कैंप एलॉट किया जाता है, यह देखने वाली बात होगी।
गेम - आवेदन
बॉक्सिंग - 1
कबड्डी - 1
वॉलीबाल - 1
बैडमिंटन - 1
रेसलिंग - 3
जूडो - 2
फुटबाल - 3
जिम्नास्टिक - 3
हैंडबाल - 1
हॉकी - 4
पावरलिफ्टिंग - 1
एथलेटिक्स - 3
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इन गेम में नहीं पड़ा आवेदन
खो-खो, क्रिकेट, आर्चरी, शूटिंग, स्विमिंग, टेबुल-टेनिस, भारोत्तोलन, ताइक्वांडो