GORAKHPUR:
डीडीयूजीयू की अद्यतन संशोधित परिनियमावली मंगलवार को तैयार हो गई। इसे तैयार करने के लिए गठित समिति के संयोजक प्रति कुलपति प्रो। हरीशरण ने समिति के सदस्यों के साथ मंगलवार को संशोधित परिनियमावली का प्रारूप कुलपति प्रो। वीके सिंह के समक्ष प्रस्तुत कर दिया। आखिरी बार वर्ष 1995 में यूनिवर्सिटी की परिनियमावली का प्रकाशन हुआ था। पिछले ढाई दशकों में नियमों में लगातार संशोधन होते रहे। नए नियम आते रहे और समय-समय पर नियुक्ति प्रोन्नति की नई नियमावली भी आती रही, लेकिन इन सब का संकलित स्वरूप प्रकाशित नहीं हो पा रहा था। हालांकि यूनिवर्सिटी ने इन ढाई दशकों में इस कार्य के लिए अनेक समितियों का गठन किया था और उन्हें परिनियमावली को अद्यतन बनाने का कार्य सौंपा था लेकिन किसी न किसी वजह से यह कार्य लगातार लंबित रहा।
नैक मूल्यांकन का किया निश्चय
परिनियमावली के अद्यतन स्वरूप के उपलब्ध न होने से कई बार महत्वपूर्ण प्रक्रियाओं और निर्णयों में विलंब, संशय और अनिश्चितता जैसी स्थिति भी बनती थी। पिछले दिनों जब यूनिवर्सिटी ने नैक मूल्यांकन कराने का निश्चय किया तो आवश्यक औपचारिकताएं पूरा करते हुए एक बार फिर यह मुद्दा यूनिवर्सिटी प्रशासन के समक्ष आया। नियमत: किसी भी यूनिवर्सिटी की अद्यतन परिनियमावली उसकी वेबसाइट और प्रकाशित स्वरूप में उपलब्ध होनी चाहिए। इस बात के मद्देनजर वीसी प्रो। वीके सिंह ने प्रति कुलपति प्रो। हरिशरण, रक्षा अध्ययन के प्रो। हर्ष कुमार सिन्हा, विधि संकाय के प्रो। अहमद नसीम तथा कुलसचिव की एक समिति गत दिसंबर माह में गठित की गई।
40 दिन के भीतर पूरा कर लिया कार्य
यद्यपि यह कार्य लंबे और जटिल प्रकृति का था लेकिन समिति से इसे जल्दी पूरा करने के लिए कहा गया ताकि विश्वविद्यालय नैक मूल्यांकन की औपचारिकताएं समय से पूरी कर सके। समिति के सदस्यों ने लगातार मीटिंग करते हुए 40 दिन के भीतर यह कार्य पूरा कर लिया। समिति के संयोजक प्रो। हरिशरण ने इसे तैयार करने में विशेष सहयोग करने वाले विश्वविद्यालय के पूर्व प्रशासनिक अधिकारी राम रूप तथा विवि के विभिन्न अनुभागों के प्रति धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि यह प्रारूप अनुमोदन और आवश्यक कार्यवाही के लिए कुलपति के समक्ष प्रस्तुत कर दिया गया है।