- ड्राइवर बिन खड़ी हैं पांच एम्बुलेंस
- प्राचार्य कार्यालय में संबद्ध कर दिए गए एंबुलेंस चालक
GORAKHPUR: आप को अगर मेडिकल कॉलेज में एम्बुलेंस की सुविधा लेनी हो तो घूमते रह जाएंगे। यहां पहले से चल रही एंबुलेंस ड्राइवर्स की कमी को कॉलेज प्रशासन ने और बढ़ा दिया है। दो ड्राइवर्स के भरोसे चल रही पांच एंबुलेंस के चालकों को प्राचार्य कार्यालय से संबद्ध कर दिया गया है। हाल ये है कि अब ये ड्राइवर रोजाना इमरजेंसी में हाजिरी लगा कर प्राचार्य कार्यालय में ड्यूटी बजा रहे हैं। बंद पड़ी एंबुलेंस सुविधा के चलते एक्सीडेंटल व गंभीर मरीजों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
हाजिरी कहीं, ड्यूटी कहीं
मेडिकल कॉलेज के नेहरू चिकित्सालय में एंबुलेंस चालकों की तैनाती है। नियमत: उन्हें ड्यूटी के दौरान हर समय यहां मौजूद रहना चाहिए। लेकिन यहां तो उल्टा ही हिसाब चल रहा है। ये ड्राइवर्स रोज इमरजेंसी में हाजिरी लगाते हैं लेकिन ड्यूटी प्राचार्य कार्यालय में कर रहे हैं। विभाग के एक जिम्मेदार से जब इस संबंध में बात कि गई तो वे अपना ही तर्क देते नजर आए। उनका कहना था कि एनआरएचएम बाल रोग विभाग को दी गई दो एंबुलेंस से ही काम चलाया जाता है। बाकी की जरूरत ही नहीं पड़ती।
कोई सुनने वाला नहीं
एक तरफ गैराज में खड़ी एंबुलेंस जंग खा रही हैं तो वहीं दूसरी तरफ जिम्मेदारों की मरीजों की दिक्कत का परवाह ही नहीं है। कुछ कर्मचारियों का कहना है कि इस समस्या के बारे में कई बार प्राचार्य को पत्र भी लिखा गया लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई।
चार पोस्ट, दो हो चुके रिटायर
मेडिकल कॉलेज में चार एंबुलेंस ड्राइवर्स की पोस्ट हैं। इनमें से दो पहले ही रिटायर हो चुके हैं। वर्तमान में सिर्फ दो ड्राइवर बचे हैं। सूत्रों के मुताबिक काफी समय से यहां एंबुलेंस ड्राइवर्स की संख्या बढ़ाए जाने की मांग की जा रही है। इसके उलट बचे ड्राइवर्स को हटा कर कॉलेज प्रशासन ने परेशानी बढ़ाने का काम कर दिया है।
यहां एम्बुलेंस की संख्या
क्रिटिकल केयर एम्बुलेंस
-बड़ी एंबुलेंस दो
- दो छोटी मारुती वैन
- एनआरएचएम की ओर से दो एंबुलेंस
वर्जन
ड्राइवर के अभाव में एंबुलेंस नहीं चल रही हैं। कुछ विभागों पर चालकों को लगा दिया गया है। प्राचार्य को पत्र लिखकर अवगत करवाया है ताकि समस्या दूर की जा सके।
-डॉ। एके श्रीवास्तव,
कार्यवाहक एसआईसी