- गोरक्षपीठ में समाहित समग्र हिंदू, क्षत्रिय होने के नाते सामाजिक अनुराग

- नमो, नमो का चोला ओढ़ गोरखनाथ मंदिर में पहुंचे राज्यसभा सांसद अमर सिंह

GORAKHPUR: राज्यसभा सांसद अमर सिंह थर्सडे इवनिंग गोरखनाथ मंदिर पहुंचे। गुरु गोरक्षनाथ के दर्शन करने के बाद उन्होंने ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ की समाधि पर पुष्प अर्पित किया। कभी सपा के खास सिपहसालार रहे अमर सिंह के गोरखनाथ मंदिर जाने से राजनीतिक गलियारे में हलचल बढ़ गई। लोगों ने इसके कई अर्थ निकाले, लेकिन अमर सिंह ने साफ कहा कि वे हिंदू हैं। गोरक्षपीठ में समग्र हिंदू समाज समाहित है। क्षत्रिय होने के नाते उनको सामाजिक अनुराग है। मानवीय संवेदना और आस्था पर राजनीति नहीं होनी चाहिए।

संक्रमण काल में योगी ने की थी मदद

शाम करीब सवा पांच बजे सांसद अमर सिंह गोरखनाथ मंदिर पहुंचे। गुरु गोरक्षनाथ के दर्शन करने के बाद वह सीधे ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ की समाधि पर गए। श्रद्धा सुमन अर्पित करने के बाद बैठक कक्ष में पहुंचे। कुछ देर तक महंत योगी आदित्यनाथ के आने का इंतजार किया। फिर मीडिया कर्मियों से बातचीत शुरू कर दी। उन्होंने कहा कि जब वे जेल गए थे तो उनका संक्रमण काल था। इस दौरान महंत आदित्यनाथ ने मदद की। राजनाथ सिंह ने पत्‍‌नी और बच्चों से मिलकर उनका हालचाल लिया। बहन सुषमा ने मामले को सदन में उठाया। इस वजह से मानवीय संवेदना के मुद्दे पर कोई राजनीति नहीं होनी चाहिए।

अस्वस्थ होने से नहीं हो सके थे शामिल

ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ को श्रद्धांजलि देने के सवाल पर उन्होंने कहा कि महराज जी का जब निधन हुआ तो काफी अस्वस्थ था। इस वजह से उस समय नहीं आ सका। तबियत ठीक होने पर यहां आया, क्योंकि आस्था की कोई जाति नहीं होती। हर धर्म के लोगों को अपने धार्मिक स्थलों पर जाने की स्वतंत्रता होती है। हिंदू होने के नाते इस मुद्दे पर कोई राजनीतिक प्रश्न नहीं होना चाहिए। भूतकाल और भविष्य की बात नहीं करता। वर्तमान में जो जिए उसको जीना कहते हैं।

अशांति की नींव पर न बनें राममंदिर

महंत अवेद्यनाथ का सपना था कि अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण हो। इस सवाल पर अमर सिंह ने कहा कि यह सपना जरूर पूरा होना चाहिए। लेकिन इस बात के कतई पक्षधर नहीं कि निर्माण अशांति की नींव पर हो। मामला अदालत में लंबित है। अदालत के फैसले पर निर्माण होना चाहिए। इसके लिए बातचीत से भी सहमति बनानी चाहिए।

कोई वजह बताइए जिस पर करूं मोदी का विरोध

सपा के खास सिपहसालार रहे अमर सिंह ने पूरी तरह से नमो-नमो का चोला ओढ़ चुके हैं। अमर सिंह ने कहा कि वे भाजपा के राजनीतिक विरोधी रहे। लेकिन कोई ऐसी वजह नहीं बची जिसको लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का विरोध कर सकें। मोदी के खिलाफ बोलने के लिए वर्तमान में कोई मुद्दा नही है। रुपया मजबूत हुआ, औद्योगिक विकास की गति बढ़ी, पेट्रोल-डीजल के दाम घटे। इतना सारा काम हुआ। ऐसे में विरोध करने की वजह तो चाहिए। नरेंद्र मोदी बीजेपी के नेता या सिर्फ संघ के व्यक्ति नहीं है। वे देश के प्रधानमंत्री हैं। यह बात हर किसी को मानना होगा, क्योंकि नरेंद्र मोदी सिर्फ प्रधानमंत्री नहीं बल्कि एक संस्था हैं। मोदी की पत्‍‌नी और परिवार को लेकर टिप्पणी करने वालों को इसके पीछे छिपे दर्शन को समझने की जरूरत है।

अखिलेश को मैंने पाला, मुलायम के पास नहीं था समय

अमर सिंह ने कहा कि मुलायम सिंह ने कुनबा बनाया तो उनके पास भी फैमिली में समय नहीं बचा। धौलपुर में अखिलेश पढ़ने गए तो मुलायम के पास उनकी देखभाल का समय नहीं था। हम लोग अखिलेश से मिलने जाते थे। यूं कहिए कि अखिलेश को मैंने पाला है। मुलायम से मेरे संबंध रहे हैं। इसलिए वे जितनी बार बुलाएंगे, मैं उनसे मिलने उतनी बार जाऊंगा। लेकिन अखिलेश के लैपटाप अभियान के खिलाफ मुलायम के बयान से कतई सहमत नहीं। मुलायम को नहीं पता है कि सबके मोबाइल में लैपटॉप, कंप्यूटर चलता है। हर मोबाइल में मोदी दिखते हैं।

जिनको पहचान बनानी हो वें जाए राज्य सभा

राज्यसभा के लिए टिकट न मिलने के संबंध में अमर सिंह ने कहा कि वे पहचान के मोहताज नहीं। राज्यसभा छोटी जगह है। जिनको पहचान की जरूरत है वे राज्य सभा जाएं। मैंने कभी मुलायम से राज्यसभा का आवेदन नहीं किया। पार्टी से निकालने के बाद मुलायम ने पत्र लिखकर मुझे और जयाप्रदा को राज्य सभा से निकालने को कहा था। लेकिन कोर्ट के आदेश से वे लोग आज भी सांसद हैं।

घूस देने पर यूपी में होता है काम

अमर सिंह ने कहा कि सपा सरकार के कार्यकाल में बिना घूस के कोई काम नहीं होता। उत्तर प्रदेश विकास परिषद का पूर्व अध्यक्ष होने के बावजूद यूपी गवर्नमेंट के अफसरों ने मेरे कैंपस में आकर घूस लिया। बिना घूस दिए यहां कोई काम नहीं हो रहा है। मुलायम के कार्यकाल में ख्7 चीनी मिलें लगाई गई जो अब बंद पड़ी हैं। मायावती के कार्यकाल में उनके दफ्तर में छापेमारी की गई थी। इन बातों की चर्चा करने के दौरान वे भाजपा में शामिल होने के सवालों को बार-बार टालते रहे।

आखिर ब्9 मिनट तक योगी से क्या हुई चर्चा

गोरखनाथ मंदिर में दर्शन करने के बहाने पहुंचे सांसद अमर सिंह ने बंद कमरे में सांसद महंत योगी आदित्यनाथ से बातचीत की। मीडिया से बातचीत के बाद करीब क्भ् मिनट तक नाश्ते का दौर चला। इसके बाद छह बजकर छह मिनट पर सभी लोगों को बैठक कक्ष से बाहर जाने को कहा गया। बताया जाता है कि योगी आदित्यनाथ और अमर सिंह कमरे में रह गए। करीब छह बजकर भ्भ् मिनट पर अमर सिंह कमरे से निकलकर रवाना हो गए। आखिर बंद कमरे में योगी और अमर सिंह के बीच क्या गुफ्तगू हुई। इसको लेकर सवालों की बौछार होती रहीं।