गोरखपुर (ब्यूरो)। सरकारी हो या गैर सरकारी, सभी जॉब्स में बढ़ती मल्टीटास्किंग ने युवा मतिष्क में न्यूरॉन्स को प्रभावित करना शुरू कर दिया है। इसके कारण अल्जाइमर इफेक्ट से ग्रसित होकर अल्पकालीन याददाश्त खोने लगे हैं, जिसमें यह अत्यधिक तनाव देने वाले काम नहीं भूलते, लेकिन छोटी-छोटी काम को भूल जाते हैं। न्यूरो सर्जन चिकित्सकों के यहां इन दिनों ये मामले लगातार आ रहे हैं।
50 से 60 नए केस
गोरखपुर में हर महीने इस तरह के 50 से 60 नए मामले आ रहे हैं। इसमें 70 से 80 परसेंट की आयु 30 से 50 वर्ष के बीच की है। यह समस्या न्यूरो ट्रांसपिट से संबंधित है। इसमें अधिक तनाव देने वाले काम या घटनाएं दिमाग के न्यूरॉन्स में गहराई से बैठ या चिपक जाती हैं। न्यूरॉन्स के नेटवर्क होते हैं। जहां कोई एक काम बात बार-बार सर्किट में घूमती है तो वह अल्जाइमर इफेक्ट से ग्रसित हो जाता है। इसमें ऐसा हार्मोंस रिलीज होता है। जो तनाव बढ़ाता है। इस समय यह हार्मोंन एक्टिव होता है। बार बार यह बात दिमाग के सर्किट में जाती है।
इसलिए पड़ा प्रभाव
किसी भी टास्क को याद रखने के लिए अटेंशन की आवश्यकता होती है, जिससे वो वर्किंग मेमोरी में चलती जाती है। जो कुछ सेकेंड से घंटों की होती है। मल्टीटास्किंग में कम जरूरी काम के लिए पूरी अटेंशन नहीं दे पाते। इसलिए वर्किंग मेमोरी में नहीं जा पाती और हम भूल जाते हैं।
ऑफिस में नंबर वन, घर पर भूलक्कड़
शाहपुर निवासी प्रमोद कुमार तिवारी एक प्राइवेट कंपनी में काम करते हैं। ऑफिस में टास्क को सही समय पर पूरा करने के लिए जाना जाता है, लेकिन उसकी निजी लाइफ में यह ऐसा नहीं कर पा रहा है। वह अपने छोटे-छोटे काम रोजना भूलने लगा। न्यूरोफिजिशियन से बात करने पर उसे पता चला कि वह अल्जाइमर डिजीज इफेक्ट से प्रभावित है। अब उसे सलाह दी जा रही है कि वह तनाव को कम कर अपने रूटीन को लिखकर याद रखने की आदत डालें।
कुछ ऐसी परेशानी
- पत्नी ने कोई काम बताया है तो भूल गए, लेकिन ऑफिस में बॉस का बताया हर काम याद रहता है।
- कई बार आप घर पर पढ़े हुए को परीक्षा कक्ष में याद नहीं कर पाते, लेकिन घर पर तो याद आ जाता है।
- अपने अभी तक गियर वाला स्कूटर चलाया है। ऑटोमेटिक स्कूटर में भी आप काफी समय तक अपने आप गियर बदलने की कोशिश करते हैं।
- याददाश्त गड़बड़ी किसी चीजों के नाम भूल जाते हैं।
- जानने पहचानने वालों के नाम भूल जाते हैं, व्यवहार में परिवर्तन, रास्ता भी भूल चलते चलेते भूल जाना।
ऐसे थमेगी यह बीमारी
1. मेडिकल थेरेपी लेनी चाहिए।
2. अल्जाइमर को कंट्रोल करने के लिए व्यायाम, खान पान, मनोरंजन करना होगा।
3. बच्चों के साथ खेलने से मरीज को अच्छा महसूस होता है।
अल्जाइमर डिमेंशिया डिजीज इफेक्ट न्यूरान से संबंधित होता है। अत्यधिक तनाव देने वाली बाते दिमाग में गहराई से चिपक जाती हैं। मनोरंजन और तनाव नहीं देने वाली बातों को इंसान का दिमाग बहुत अधिक याद नहीं रख पता। दिमाग में न्यूरॉन्स के नेटवर्क होते हैं। यहां कोई बात-बार बार सर्किट में घुमती है तो यह व्यक्ति इससे प्रभावित हो जाता है।
डॉ। मुकेश शुक्ला, न्यूरो सर्जन
मस्तिष्क कई चीजें ऐसी होती हैं, जो याददाश्त को नियंत्रित करते हैं और सूचना की महत्ता के अनुसार उसके परिणाम में भी कहीं ना कहीं मेमोरी पर प्रभाव डालते हैं।
डॉ। अमित शाही, मनोरोग विशेषज्ञ