- नशे में अपना होश खो बैठते हैं लोग, खुशी में झूमते हुए झोंक देते हैं फायरिंग

- असलहों का लाइसेंस रद कराने में पुलिस रहती लापरवाह, इसलिए फायरिंग करने वाले भी हैं बेपरवाह

GORAKHPUR: जिले में हर्ष फायरिंग की घटनाएं नहीं रुकने के लिए पुलिस भी कम जिम्मेदार नहीं। हाल में हर्ष फायरिंग की जितनी भी घटनाएं हुई, उनमें अधिकतर मामलों में केस दर्ज कर पुलिस ने कार्रवाई का कोरम पूरा कर लिया। फायरिंग करने वालों के असलहों का लाइसेंस रद कराने की प्रक्रिया में पुलिस का रवैया गैर जिम्मेदाराना रहा। हर्ष फायरिंग करने के पीछे के कारणों की पड़ताल में यह बात सामने आई कि अधिकतर मामलों में फायरिंग करने वालों ने शराब पी रखी थी। नशा चढ़ने पर आरोपियों ने गोलियां दागी जिससे किसी न किसी को जान गंवानी पड़ी।

दिखावे के लिए फायरिंग

शादी-विवाह, बर्थ पार्टी या रिसेप्शन में असलहों संग पहुंचने वालों लोगों पर सबकी नजर होती है। राइफल और बंदूक वालों का भौकाल तो नजर आता है किन पिस्टल और रिवाल्वर रखने वाले अपना 'रुतबा' नहीं दिखा पाते हैं। ऐसे में असलहों को दिखाने के लिए लोग फायरिंग करने लगते हैं। कई मामलों में सामने आया है कि नशे में धुत होने के बाद फायरिंग की गई। पुलिस से जुड़े लोगों का कहना है कि कई बार यह भी होता है कि खुशी के मौकों पर शराब पीने वाले असलहों का भौकाल टाइट करने में पीछे नहीं रहते। वह अपने परिचितों से असलहे लेकर गोली चला देते हैं।

इन बातों का रखें ख्याल

- शादी-विवाह, बर्थडे, रिसेप्शन में असलहों से फायरिंग न करने दें।

- अपने परिचित असलहाधारियों को फायरिंग करने से मना करें।

- किसी भी व्यक्ति के नशे की हालत में होने पर उसे असलहा न दें।

- असलहा रखने वाले लोग खुशी के मौके पर फायरिंग करने से बचें।

- असलहों का दुरुपयोग रोकने के लिए खुद को इससे बचाएं।

वर्जन

हर्ष फायरिंग रोकने लिए कार्रवाई शुरू कर दी है। मैरेज हॉल संचालकों को नोटिस दी जा चुकी है। इसके लिए पुलिस अलग से अभियान चलाएगी।

अभय कुमार मिश्र, सीओ कैंट