गोरखपुर (ब्यूरो)। रेलवे कोआपरेटिव बैंक पहुंचकर 12 मई 2023 को अजीत शाही ने कर्मचारियों को जान से मारने की धमकी देकर शहर में सनसनी फैलाई थी, जिसके बाद एक्शन में आई पुलिस ने अजीत शाही के साथ ही शहर सभी माफिया के खिलाफ अभियान चलाकर जेल का रास्ता दिखाया था।

दूसरी जेल भेजे गए अपराधी

जिले के टॉप 10 और प्रदेश के 61 माफिया की लिस्ट में शामिल सुधीर सिंह के खिलाफ अप्रैल माह में कोर्ट से वारंट जारी हुआ। मई माह में नाटकीय तरीके से सुधीर सिंह ने महाराजगंज कोर्ट में सरेंडर किया। इसके बाद वह गोरखपुर जेल आ गया था। जेल प्रशासन ने चार खूंखार अपराधियों की लिस्ट तैयार की, जिनसे गैंगवार का खतरा था। उनका जेल ट्रांसफर के लिए डीएम को लेटर भेजा। डीएम से ग्रीन सिग्नल मिलने के बाद लिस्ट में शामिल माफिया सुधीर सिंह आजमगढ़, माफिया राकेश यादव मऊ, शनि सिंह संतकबीर नगर, मुलायम यादव महराजगंज और बबलू सिंह मऊ जेल भेजा गया है।

अपराधी जेल ट्रांसफर

सुधीर सिंह आजमगढ़

राकेश यादव मऊ

शनि सिंह संतकबीर नगर

मुलायम यादव महाराजगंज

बबलू सिंह मऊ

अजीत के छूटने पर पुलिस अलर्ट

बता दें, अजीत शाही ने काली कोट पहनकर नाटकीय अंदाज में गोरखपुर की सिविल कोर्ट में 18 मई को सरेंडर किया था। करीब छह माह जेल काटने के बाद अब बेल पर बाहर आ गया है। अजीत के जेल के बाहर आने के बाद पुलिस भी अलर्ट हो गई है। थाने की पुलिस अजीत शाही की निगरानी भी कर रही है।

पुलिस से दूर इनामी विनोद उपाध्याय

जिले के टॉप 10 और प्रदेश के 61 माफिया की लिस्ट में शामिल विनोद उपाध्याय पुलिस के लिए चुनौती बना हुआ है। मई माह में गुलरिहा थाने में विनोद, उसके भाई संजय और अन्य गुर्गों के खिलाफ फ्राड करने और रंगदारी मांगने के आरोप में मुकदमा दर्ज हुआ था। तभी से विनोद उपाध्याय फरार चल रहा है, उसपर एक लाख का इनाम भी पुलिस ने रखा है। पुलिस की मानें तो विनोद उपाध्याय नेपाल में छिपा हुआ है।

किस माफिया पर कितने केस

राकेश यादव - 50

सुधीर सिंह - 36

विनोद उपाध्याय - 25

अजीत शाही - 35

संदिग्ध अपराधियों को दूसरी जेल ट्रांसफर किया गया है। इसके लिए डीएम को लेटर लिखा गया था। डीएम के यहां से परमिशन मिलने के बाद सुधीर समेत अन्य बदमाशों को अलग-अलग जेलों में भेज दिया गया है।

दिलीप कुमार पाण्डेय, जेल अधीक्षक

सभी बदमाशों की पुलिस निगरानी करती है। अजीत शाही जेल से बाहर आ गया है। उसकी निगरानी चल रही है। साथ ही पुलिस उसके मुकदमों की पैरवी तेज कर सजा दिलाने पर भी काम कर रही है।

कृष्ण कुमार बिश्नोई, एसपी सिटी