- सहमति न बनने की स्थिति में धुरियापार चीनी मिल स्थित जमीन को रखा था विकल्प में जल्द आगे बढ़ सकती है एम्स बनाने की प्रक्रिया
GORAKHPUR: गोरखपुर में एम्स बनने का रास्ता अब साफ होता दिख रहा है। शनिवार को पीएमओ की बैठक में खुटहन की जमीन को लेकर सहमति बन गई है। बैठक में प्रदेश सरकार की ओर से चीफ सेक्रेटरी आलोक रंजन के साथ दो प्रमुख सचिव भी गए थे। इस मामले में केंद्र ने कानूनी मामलों को सुलझाने के बाद प्रक्रिया शुरू कराने की बात कही है। इससे पहले प्रदेश सरकार ने चार स्थानों का सर्वे कराया था। जिसमें खुटहन को सिटी से सबसे करीब होने और भौगोलिक दृष्टि से अनुकूल होने के कारण जुलाई 2015 में आई केंद्र सरकार की टीम ने फाइनल किया था। बाद में जमीन से जुड़े कुछ विवादों और राज्य तथा केंद्र सरकार की खींच-तान के कारण एम्स स्थापना में देरी हो रही थी।
पीडब्ल्यूडी ने भेजा था सड़क का प्रस्ताव
खुटहन में एम्स के निर्माण के लिए फोरलेन की शर्त थी। इसके लिए पीडब्ल्यूडी ने मेडिकल रोड से खुटहन गांव तक फोरलेन सड़क का प्रस्ताव बनाकर शासन को जनवरी माह में भेज दिया था। पीडब्ल्यूडी ने इसकी अनुमानित लागत एक अरब अस्सी करोड़ आंकी थी।
धुरियापार में कराया था सर्वे
प्रदेश सरकार ने पीएमओ की बैठक के पहले एम्स को लेकर सभी तैयारियां पूरी कर ली थी। खुटहन की जमीन पर सहमति न बन पाने कि स्थिति में धुरियापार चीनी मिल की जमीन का कराया था सर्वे कराया गया। गुरुवार को एसडीएम गोला ने जमीन का सर्वे कर डीएम को रिपेार्ट सौंप दी थी।