गोरखपुर (ब्यूरो)।एम्स के सुरक्षाकर्मी, कर्मचारी, पैरामेडिकल स्टॉफ, नर्सिंग स्टॉफ के साथ ही टीचर व स्टूडेंट्स को एप संचालन व रजिस्ट्रेशन की ट्रेनिंग दी गई।

हेल्थ रिकॉर्ड का डिजिटल लॉकर

इसके लिए सोमवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के नेशलन हेल्थ अथॉरिटी से विशेषज्ञ के तौर पर पारस और दीपांकर मौजूद रहे। उन्होंने बताया कि यह सिस्टम पेशेंट्स के लिए हेल्थ रिकॉर्ड का डिजीटल लॉकर होगा। पेशेंट्स को अ्रस्पतालों में पर्चा पटल पर लंबी लाइन नहीं लगानी पड़ेगी। आयुष्मान भारत हेल्थ एकाउंट आभा में रजिस्टर्ड पेशेंट का अधिकतम दो मिनट में पर्चा बन जाएगा। पहले एक पर्चा बनाने में तीन से पांच मिनट लग जाते थे।

एम्स में खुला काउंटर

शुरूआत में इसके लिए एम्स में एक ही काउंटर खोला गया है। अन्य काउंटर्स पर पहले की भांति पर्चा बनाया जा रहा है। ताकि विभिन्न एरिया से आए पेशेंट्स को कोई प्रॉब्लम न हो। आभा पर पर्चा बनवाने के लिए पेशेंट को अपने मोबाइल में एप डाउनलोड करना होगा। इसके आधार कार्ड व मोबाइल नंबर से रजिस्टर्ड करना होगा। अस्पताल के मुख्य द्वार पर आभा का क्यूआर कोड चस्पा रहेगा। उसे एप से स्कैन करते ही एक अकाउंट नंबर मिल जाएगा। पर्चा काउंटर पर सिर्फ उसी नंबर को बताना होगा। काउंटर लिपिक अपने कंप्यूटर में उस नंबर को डालेगा। पेशेंट के आधार कार्ड का पूरा ब्योरा स्क्रीन पर आ जाएगा। पेशेंट से सिर्फ बीमारी पूछेगा और डॉक्टर कक्ष का नंबर भरकर तत्काल पर्चा प्रिंट कर पेशेंट को दे देगा। वे डॉक्टर के पास चले जाएंगे।

एम्स में अब पेशेंट को ओपीडी काउंटर के पटल पर जाकर अपना नाम, पिता का नाम, उम्र व पता आदि नहीं बताना होगा। केवल वह आभा बताएगा और उसका पर्चा तत्काल बन जाएगा। इससे पेशेंट को लाइन नहीं लगानी पड़ेगी। एम्स में कर्मचारी पेशेंट्स को आभा एप के संचालन की ट्रेनिंग देंगे।

- डॉ। सुरेखा किशोर, कार्यकारी डायरेक्टर