- नगर निगम में मेयर व नगर आयुक्त के औचक निरीक्षण में पकड़े गए चार दलाल

- जन्म-मृत्यु प्रमाणपत्र बनवाने के लिए रखे थे 107 फॉर्म

GORAKHPUR: नगर निगम में जन्म-मृत्यु प्रमाणपत्र को ऑनलाइन कर दिया गया है लेकिन इसमें भी दलालों ने सेंधमारी कर रखी है। नगर निगम में किसी भी काम के लिए पहुंचने वाले लोगों से यहां सक्रिय दलाल मोलभाव करते हैं और हर काम सिस्टम से तेज कराने का दावा करते हैं। इस बात का पहले ही आई नेक्स्ट ने खुलासा किया था। सोमवार को मेयर और नगर आयुक्त के औचक निरीक्षण में भी इसकी पुष्टि हो गई। मेयर को चार बाहरी लोग बड़ी संख्या में फॉर्म लेकर खड़े मिले तो कारण पूछा। जिसपर वे गोलमोल जवाब देने लगे। मेयर ने तत्काल पुलिस को बुला लिया। चारों को कोतवाली थाने भेज दिया गया।

107 फॉर्म के साथ पकड़े गए

निरीक्षण के दौरान पता चला कि चारों दलाल फॉर्म जमा करने पहुंचे थे। उन सभी के पास 107 फॉर्म थे। मेयर डॉ। सत्या पांडेय ने बताया कि पिछले कई दिन से इसकी शिकायत मिल रही थी कि जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र विभाग में दलाल अधिक सक्रिय हो गए हैं। ऐसे में इसके लिए पहले से तैयारी की गई थी। उन्होंने बताया कि सुबह 10 बजे के पहले ही ऑफिस खुल गया था। वहां जब पहुंचीं तो दो कर्मचारियों के अलावा चार और लोग मौजूद थे। जब उन लोगों से अंदर आने का कारण पूछा गया तो वह कुछ बोल नहीं पाए। उनके पास बहुत अधिक फॉर्म थे। तत्काल पुलिस को बुलाकर उन लोगों को गिरफ्तार कराया गया।

दलालों के चलते होता है विवाद

- अगस्त 2016 में लेखाधिकारी व मुख्य लेखा परीक्षक के निरीक्षण में रसीद में घालमेल का मामला सामने आया था।

- अप्रैल 2014 में एक ही व्यक्ति को दो प्रमाण पत्र जारी होने पर पार्षदों ने विवाद किया था।

- जून माह में दो दलालों के बीच मारपीट हुई थी।

- जनवरी 2016 में मेयर के औचक निरीक्षण में एक दलाल पकड़ा गया था।

- अक्टूबर 2016 में फिर दो दलालों में मारपीट हुई थी।

- दिसंबर 2016 में एक आवेदक और दलाल में कैंपस के अंदर मारपीट हुई थी।

वर्जन

कई दिनों से लगातार शिकायत मिल रही थी कि जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र विभाग में दलाल सक्रिय हैं। ऐसे में औचक निरीक्षण किया गया। जिसमें दलाल पकड़े गए।

- डॉ। सत्या पांडेय, मेयर

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आई नेक्स्ट ने किया था स्टिंग

नगर निगम में दलालों के सक्रिय होने के बारे में आई नेक्स्ट ने पहले ही अपने स्टिंग में खुलासा किया था। 10 अक्टूबर के अंक में ही इसकी न्यूज पब्लिश करते हुए नगर निगम के दलालों से निगम प्रशासन को सजग किया था। निगम प्रशासन ने देर से ही सही, लेकिन एक्शन लिया। जिसका नतीजा रहा कि सोमवार को चार दलाल पकड़े गए। यदि इसी तरह औचक निरीक्षण कर कार्रवाई की जाती रही तो निश्चित ही निगम से दलालों का नेटवर्क समाप्त हो जाएगा।