- गर्भवती महिला की इलाज में लापरवाही से भड़के फैमिली मेंबर्स

- अस्पताल के डॉक्टर्स और स्टाफ नर्सों पर रिपोर्ट गायब करने और रुपये न देने पर बाहर भेजने का लगाया आरोप

द्दह्रक्त्रन्य॥क्कक्त्र:

पिछने दिनों तीन नवजातों की मौत के बाद हुई सख्ती का कोई असर महिला अस्पताल पर पड़ता नहीं दिख रहा हैं। अस्पताल में लापरवाही और उदासीनता बरकरार हैं। इंप्लाइज की मनमानी जारी है। गर्भवतियों को कोई राहत मिलती नहीं दिख रही है। सैटर्डे मार्निग अस्पताल इंप्लाइज की लापरवाही और मनमानी का एक और मामला सामने आया। गर्भवती प्रियंबदा मिश्रा दर्द से कराह रही थी। आरोप है कि डॉक्टर और स्टाफ नर्स ने इलाज के नाम पर पैसे मांगे। इंकार करने पर पेशेंट को मेडिकल कॉलेज के लिए रेफर कर दिया गया। वहीं प्राइवेट और सरकारी रिपोर्ट भी गायब कर दी गई। इस पर फैमिली मेंबर्स का गुस्सा फुट पड़ा और वह एसआईसी से शिकायत करने दफ्तर तक पहुंचे लेकिन एसआईसी नहीं मिली। तब उन्होंने ओपीडी के पास जमकर हंगामा मचाया। हेल्थ एंप्लाइज के समझाने पर मामला शांत हुआ।

सहजनवां एरिया के भरोहिया घघसरा निवासी मनोज कुमार मिश्रा अपनी पत्‍‌नी प्रियंबदा मिश्रा के साथ सैटर्डे को लगभग 11 बजे इलाज के लिए जिला महिला अस्पताल पहुंचे। गर्भवती दर्द से करार रही थी। लेकिन उसकी सुनने वाला कोई नहीं था। कुछ देर बाद उसे वार्ड में एडमिट कराया गया। लेकिन आंधे घंटे के बाद डॉक्टर ने पेशेंट को मेडिकल कॉलेज के लिए रेफर कर दिया। फैमिली मेंबर्स का कहना है कि छह तारीख को प्राइवेट हास्पिटल में पेशेंट को दिखाया गया था डॉक्टर ने सबकुछ नार्मल बताया था। मनोज ने आरोप लगाते हुए कहा कि अस्पताल के डॉक्टर की लापरवाही की वजह से पेशेंट की हालत बिगड़ी गई। रुपये नहीं देने पर पेशेंट को मेडिकल कॉलेज के लिए रेफर कर दिया गया। वहीं रिपोर्ट की पर्ची मांगी गई तो उन्होंने देने से इंकार कर दिया। मामले की शिकायत करने पर जिम्मेदारों ने मिलने से मना कर दिया।

मई व जून अब तक की लापरवाहियां

- 28 मई को बाल रोग विशेषज्ञ की लापरवाही से मासूम की मौत

- 31 मई को तीन मासूमों की मौत पर बवाल

- 3 जून को पीडि़ता महिला को अस्पताल से भगाए जाने का मामला

वर्जन

पेशेंट की हालत गंभीर थी। उसे लेबर रुम तक पहुंचाया गया। पेट में बच्चे पर खतरा था। वहीं हाई वीपी भी था। फैमिली मेंबर्स को ऑपरेशन करने की सलाह दी गई लेकिन वह नहीं मान रहे थे। इसके बाद पेशेंट को मेडिकल कॉलेज के लिए रेफर कर दिया गया। फैमिली मेंबर्स द्वारा जो आरोप लगाए जा रहे हैं वह बेबुनियाद है। उन्हें पहले ही इस बात से अवगत करा दिया गया था।

डॉ। मिन्टू शर्मा , कार्यवाहक एसआईसी