गोरखपुर (ब्यूरो)।पांच सौ बेड का बाल रोग चिकित्सा संस्थान 2019 में ही बनकर तैयार हो गया था। कोविड संक्रमण काल में 2020 से 2021 तक इसे कोविड अस्पताल बना दिया गया। संक्रमण समाप्त होने के बाद संचालन, रख-रखाव व मैन पावर की कमी की वजह से इसे शुरू नहीं किया जा सका था।
नए संस्थान में शिफ्ट
बच्चों की बढ़ती संख्या को देखते हुए प्रबंधन ने गुरुवार को जनरल वार्ड के 23 पेशेंट्स को नए संस्थान में शिफ्ट किया। इससे उन्हें काफी राहत मिल गई। आइपीडी भी शुरू कर दिया। ओपीडी 20 सितंबर को ही शुरू कर दिया गया था। धीरे-धीरे सभी अब सभी वार्र्डो को वहां शिफ्ट करने की तैयारी चल रही है। बाल रोग चिकित्सा संस्थान के चतुर्थ तल पर जनरल वार्ड को पूरी तरह शिफ्ट कर दिया गया है। द्वितीय तल पर कुपोषित, हीमोफीलिया व थैलीसीमिया पेशेंट्स के लिए 10-10 बेड का वार्ड बनाया गया है।
बाल रोग चिकित्सा संस्थान को एक साल तक कार्यदायी संस्था को ही संचालित करना है। चिलर प्लांट, एसी, गैस पाइपलाइन, लिफ्ट व अन्य संसाधनों का रख-रखाव उसे ही करना है। सुरक्षा की दृष्टि से इस संस्थान को शुरू करने में विलंब हुआ। अब भी मेरे पास मैन पावर की कमी है। लेकिन रोगियों को वापस न करना पड़े, इसलिए सीमित संसाधनों में नए अस्पताल में भर्ती शुरू कर दी गई है। धीरे-धीरे पूरा बाल रोग विभाग शिफ्ट कर दिया जाएगा।
डॉ। गणेश कुमार, प्रिंसिपल, बीआरडी मेडिकल कॉलेज