- प्रदेश सरकार ने जारी किया अलर्ट, गोरखपुर भी प्रभावित

- सूखे मौसम ने छीन लिया पब्लिक का सुकून

GORAKHPUR: सीजन में कम बारिश ने सूखे को न्यौता दे दिया है। सूखे की आहट पर अलर्ट जारी हुआ है। गवर्नमेंट ने इससे निपटने के समुचित उपाय करने के निर्देश दिए हैं। मुख्य सचिव का पत्र मिलने के बाद जिला प्रशासन भी तैयारी में जुट गया है। सूखा पड़ने से फसलों के उत्पादन पर असर पड़ेगा। कृषि विभाग के लोगों ने महंगाई बढ़ने की आशंका जताई है।

कम बारिश ने बढ़ा दिया खतरा

गोरखपुर सहित प्रदेश के ज्यादातर जिलों में बारिश कम हुई है। इस वजह से सूखे की आशंका बढ़ गई। बरसात के भरोसे होने वाली खेती मुरझा रही है। जिले में बांसगांव, चौरीचौरा, कैंपियरगंज, गोला, सहजनवां सहित कई इलाकों में धान की फसल पीली पड़ने लगी हैं। फसल की हालत देखकर किसान भी परेशान हैं। पंपिंग सेट के भरोसे धान का उत्पादन हो पाना मुश्किल है। पूर्वी क्षेत्र में सामान्य बारिश का मानक 756.3 मिलीमीटर निर्धारित है। इसके अनुसार वास्तविक बारिश महज 481.3 मिमी हुई है। कम बारिश के आधार पर सूखे से निपटने को कहा गया है।

40 से 60 प्रतिशत के बीच हुई बारिश

गोरखपुर में 40 से 60 प्रतिशत के बीच बारिश हुई है। गोरखपुर के अलावा महराजगंज, संतकबीरनगर, झांसी, एटा, हाथरस, फर्रुखाबाद, इलाहाबाद, रामपुर, मऊ, ललितपुर, लखनऊ, देवरिया, मैनपुरी, उन्नाव, हमीरपुर, औरेया, चित्रकूट, पीलीभीत, आगरा, कानपुर नगर, गाजियाबाद और जालौन में भी 40 से 60 फीसदी के बीच बारिश दर्ज की गई। इसके अलावा तमाम ऐसे जिले भी हैं जहां 40 फीसदी से कम बारिश हुई। इनमें कुशीनगर, रायबरेली, महोबा, कानपुर देहात, कौशांबी, फतेहपुर, अंबेडकर नगर, अमेठी शामिल है।

हेड से टेल तक पहुंचाएं पानी, चलाएं नलकूप

सूखे की आशंका पर मुख्य सचिव आलोक रंजन ने सभी डीएम को आगाह किया है। मुख्य सचिव ने कहा कि सूखे से निपटने के लिए नहरों में हेड से लेकर टेल तक पानी पहुंचने का इंतजाम किया जाए। सिंचाई के लिए राजकीय नलकूपों को चलाया जाए। यह सुनिश्चित कर लिया जाए कि गांवों में बिजली की अतिरिक्त सप्लाई मिल सके।

बारिश कम होने से फसल के उत्पादन पर असर पड़ेगा। इससे महंगाई भी बढ़ेगी। खेती बचाने के लिए किसान सिंचाई के अन्य साधनों का इस्तेमाल कर रहे हैं, लेकिन बारिश न होने से धान की खेती प्रभावित हो रही है।

मृत्युंजय सिंह, जिला कृषि अधिकारी