-पं। दीनदयाल उपाध्याय जन्म शताब्दी के उपलक्ष्य में प्रशासन की तरफ से शुरू किया गया दो दिवसीय रोजगार मेला
-पहले दिन अव्यवस्था से तंग कैंडिडेट्स ने प्रशासन को जमकर कोसा
GORAKHPUR: बड़े उम्मीदों से इस चिलचिलाती धूप में रोजगार की आस लिए गोरखपुर पहुंचे युवकों को गुरुवार को खासा दिक्कतों का सामना करना पड़ा। साथ ही पुलिस की लाठियां खानी पड़ी। जिला प्रशासन की अव्यवस्था की वजह से डीडीयूजीयू के दीक्षा भवन में आयोजित रोजगार मेले में दिनभर अफरा-तफरी मची रही है। पुलिस ने जमकर लाठियां भांजी तो भगदड़ मच गई। वहीं, पुलिस का कहना है कि भीड़ को काबू में करने के लिए लाठीचार्ज नहीं बल्कि लाठियां चटकाई गई थी। अभ्यर्थियों का कहना है कि जिन कैंडिडेट्स ने ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराया था उन्हें खाली हाथ लौटना पड़ा।
अव्यवस्थाओं के बीच शुरू हुआ रोजगार मेला
दरअसल, रोजगार मेले में शामिल होने के लिए प्रशासन की तरफ से ऑफलाइन और ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन प्रोसेज स्टार्ट किए गए थे। इसके लिए 21 जून से 26 जून तक लास्ट डेट निर्धारित थे। रोजगार मेले की सूचना जैसे ही यूपी के विभिन्न जिलों के युवाओं को हुई उन्होंने ऑनलाइन ही अप्लाई कर दिया। वहीं, लोकल एरियाज वाले कैंडिडेट्स ने प्रशासन के बनाए गए दो ऑफलाइन सेंटर पर रजिस्ट्रेशन कराया। लेकिन रोजगार मेले में आए करीब 65 प्रतिशत कैंडिडेट्स के पास टोकन नंबर नहीं होने कारण वे रोजगार मेले से वंचित हो गए। वंचित कैंडिडेट्स को लेकर प्रशासन की तरफ से यह तर्क दिया गया कि उन्होंने ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन के दौरान फार्म पूरी तरह से भरा नहीं था। इसके कारण उन्हें टोकन नंबर इश्यू नहीं किया गया।
पुलिस के छूटे पसीने
हजारों के तादाद में पहुंचे कैंडिडेट्स को संभालने में पुलिस के पसीने छूट गए। कुछ कैंडिडेट्स ने आरोप लगाया कि पुलिस ने मारा है। हालांकि सीओ कैंट अभय मिश्रा ने इस आरोप को खारिज कर दिया। भीड़ को कंट्रोल करने के लिए डंडे का सहारा लिया गया था।
खाए पीए और निकल लिए
दीक्षा भवन कैंपस में कैंडिडेट्स के लिए खाने पीने की व्यवस्था की गई थी, एक तरफ जहां पीने की पानी के इंतजाम किए गए थे वह भी कम पड़ गए थे। कुछ कैंडिडेट्स को तो दो गुने रेट पर जूस और बिस्कुट नमकीन खरीदकर खाने पड़े। खाद्य सुरक्षा व औषधि प्रशासन की तरफ से खाने पीने की व्यवस्था की गई थी। जिसका बकायदा रेट लिस्य टांगा गया था।
पत्नी दे रही थी इंटरव्यू, पति संभाल रहे थे बच्चा
भीड़ का सामना करने पहुंची चित्ररेखा को काफी धक्के खाने पड़े। एक तरफ जहां चित्ररेखा इंटरव्यू के लिए धक्के खा रही थी। वहीं बाहर उनके पति मनोज कुमार अपने डेढ़ साल की बच्ची शिवांगी को संभाल रहे थे। पति मनोज बताते हैं कि पेशेवर शिक्षक हैं, लेकिन पत्नी के नौकरी के लिए वह काफी उम्मीद लेकर आए हैं।
आईट्म्स - रेट्स
- जूस - 20 रुपए
- साफ्ट ड्रिंक्स 20 रुपए
- मशाला डोसा - 50 रुपए
- रसगुल्ला - 15 रुपए पीस
- ढोकला - 15 रुपए
कोट्स
मोतीराम अड्डा से आया हू। घर दूर होने के कारण मैंने ऑनलाइन आवेदन किया था। लेकिन यहां आने के बाद एंट्री नहीं मिली। भीड़ इतनी थी कि पुलिस का डंडा खाकर वापस चले आए। ऐसे मेले में दोबारा आने से पहले कई बार सोचना पड़ेगा।
ब्रृजेश कुमार, 12वीं पास
धुरियापार से आया हूं, बताया गया था कि लिखित और मौखिक परीक्षा होगी। लेकिन यहां आने के बाद तो नजारा ही कुछ और था। दीक्षा भवन तक तो आसानी से पहुंच गया, लेकिन भीतर पहुंचने से पहले ही पुलिस ने डंडे से ऐसा खदेड़ा की जाने की हिम्मत नहीं जुटा सका, लेकिन फिर भीतर पहुंचा तो मेरा टोकन नंबर व कंपनी का नाम मेंशन न होने के कारण एंट्री नहीं मिली। बहुत अवयवस्था है।
सतीश, 12वीं पास
ढकवा बाजार से आया हूं, ऑनलाइन अप्लाई किया था, लेकिन नौकरी के बजाय पुलिस का डंडा मिला, ऐसी अव्यवस्था थी कि पूछिए मत, जो लोग ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन करवाए थे, उन्हें आसानी से इंटरव्यू में शामिल किया गया, लेकिन हमारे पास टोकन नंबर नहीं था तो हमें बाहर कर दिया। किराया भाड़ा लगाकर आया था। 760 रुपए भी खर्च हुए थे, लेकिन नौकरी नहीं मिली।
विकास, आईटीआई पास
ढकवा बाजार से आया हूं, ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराया था, टोकन नंबर मांग रहे थे। लेकिन टोकन नहीं था, इसलिए नहीं एंट्री मिली। हालांकि इसकी सूचना ऑनलाइन देनी चाहिए थी। लेकिन नहीं दी गई। खैर, जॉब तो मिली नहीं लेकिन पुलिस के डंडे जरूर खाने को मिले।
अमृत लाल, एमकॉम पास
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रूस्तमपुर से आई हूं, मैंने ऑफलाइन आवेदन किया था। प्रशासन की तरफ से आयोजित रोजगार मेला एक बेहतर प्लेटफार्म है। सिटी में नौकरी मिल जाए। इसके लिए मैंने अप्लाई किया है।
हेमलता, एमए
सिटी की एक कंपनी है। जहां के लिए मैंने अप्लाई किया था। इंटरव्यू हो गया है। अब आगे क्या प्रोसेस होता है। इसकी जानकारी अभी नहीं मिली है। लेकिन उम्मीद है कि जॉब मिल जाएगी।
सलोनी गुप्ता, बीए
इंटरव्यू के लिए आई हूं, प्राइवेट जॉब करना चाहती हूं, पूरी उम्मीद है कि जॉब लग जाएगी। इसके लिए प्रशासन को थैंक्स कहना चाहूंगी। लेकिन व्यवस्था और चौकस होनी चाहिए।
अर्पणा तिवारी, बीए
जेएमके कंपनी के लिए इंटव्यू दिया है। मेरा सेलेक्शन भी हो गया है। जो पैकेज था। उसके मुताबिक कमीटमेंट भी हुआ है। अब आगे जो निर्देश प्राप्त होगा। वैसा किया जाएगा।
रणजीत कुमार, 12वीं पास
प्वाइंट टू बी नोटेड
टोटल कंपनियां - 64 रजिस्टर्ड
पहले दिन कंपनियों की संख्या - 47
पहले दिन पहुंचे कैंडिडेट्स - 9,000
पहले दिन सेलेक्शन - 1926
कंपनियों द्वारा रोके गए रिजल्ट की संख्या - 19
- 65 प्रतिशत कैंडिडेंट्स वापस लौटे बैरंग
टोटल वैकेंसी - 11,466
नोट - सेवायोजन कार्यालय के डिप्टी डायरेक्टर अंखड प्रताप सिंह ने बताया कि जिन कैंडिडेट्स ने ऑफलाइन या ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराए हैं और उनके पास टोकन नंबर और कंपनी का नाम दर्ज हैं वे ही इंटरव्यू में शामिल हो सकेंगे। अगर टोकन नंबर या कंपनी का नाम दर्ज नहीं है तो वह इस इंटरव्यू में शामिल नहीं हो सकेंगे।