गोरखपुर (ब्यूरो)।यह बीमारी एक दूसरे के संपर्क में आने से फैल रहा है। डॉक्टर्स उन्हें सावधानी बरतने की सलाह दे रहे हैं। वायरस के खतरे को देखते हुए जिला कारागार में सीएमओ ने शुक्रवार को मेडिकल टीम भेजी। डॉ। दीपा गुप्ता, ओपी चौरसिया, राधा सिंह, अली अख्तर ने 158 बंदियों का नेत्र परीक्षण किया। डॉक्टर्स ने उन्हें चश्मा लगाने की सलाह दी। साथ ही कंजेक्टिवाइटिस आई फ्लू दवाएं भी फ्री में दी गईं। 10 बंदियों को इलाज और सर्जरी की सलाह दी गई। इस अवसर पर वरिष्ठ जेल अधीक्षक दिलीप कुमार पांडेय, जेलर अरुण कुमार, विजय कुमार राय, विश्वनाथ पांडेय और अमिता श्रीवास्तव आदि मौजूद रहीं।
अलर्ट रहने की सलाह
बताया गया कि आंखों में किसी तरह की जलन होने और देखने में परेशानी होने पर सजग हो जाएं। आई फ्लू वायरस और बैक्टीरिया दोनों से होता है। बैक्टीरिया संक्रमण होने पर आंखों में गाढ़ा चिपचिपा पदार्थ निकलता है। जबकि वायरस की वजह से आंखों में चुभन, जलन और पानी निकलने की शिकायत होती है। इसलिए दोनों ही प्रकार के लक्षण पहचान करके, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें। बार-बार अपने आंखों को टच ना करें। अपने से आई ड्रॉप का इस्तेमाल ना करें। आई एक्सपर्ट से संपर्क कर इलाज करवाएं।
ये हो तो डॉक्टर्स से करें संपर्क
- आंखों में तेज दर्द होना।
- आंखों में चुभन महसूस होना।
- नजर धुंधली हो जाना।
- प्रकाश के प्रति संवेदनशीलता।
- आंखें अत्यधिक लाल हो जाना।
बचाव के उपाय
- आंख को हाथ से न छूएं।
- जब भी जरूरी हो अपने हाथों को धोएं।
- तौलिया, तकिया, आंखों के मेकअप का सामान किसी से साझा न करें।
- रुमाल, तकिए के कवर, तौलियां को रोज धोएं।
ये हैं लक्षण
- आंखों का लाल या गुलाबी दिखाई देना।
- आंखों में जलन यया खुजली होना।
- आसामान्य रूप से अधिक आंसू निकलना।
- आंखों से पानी जैसा या गाढ़ा डिस्चार्ज निकलना।
- आंखों में किरकिरी महसूस होना।
- आंखों में सूजन आ जाना।