- जेई के संसाधनों की जांच
- केंद्र सरकार की टीम ने किया दौरा
GORAKHPUR: बीआरडी मेडिकल कॉलेज में इंसेफेलाइटिस से जूझ रहे मरीजों के लिए राहत की खबर है। केंद्र सरकार इस बीमारी को लेकर गंभीर हो गई है। सोमवार को केन्द्र सरकार की टीम ने जिले में इंसेफेलाइटिस के इलाज के लिए किए गए इंतजामों का जायजा लिया।
24 घंटे में जांच रिपोर्ट
केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के अतिरिक्त महानिदेशक डॉ। अरूणा जैन ने बीआरडी मेडिकल कॉलेज का दौरा किया। टीम ने सेंट्रल पैथोलॉजी के साथ ही वार्ड 12 व 100 शैया वाले इंसेफेलाइटिस वार्ड में मरीजों के एडमिट होने व इलाज की जानकारी ली। इस दौरान टीम ने सैंपल कलेक्शन और रिपोर्ट देने के समय अंतराल के बाबत भी पूछा। बाल रोग की विभागाध्यक्ष डॉ। महिमा मित्तल ने बताया कि इंसेफेलाइटिस के जांच के नमूनों की रिपोर्ट 24 घंटों में मिल जाती है। रिपोर्ट के आधार पर ही इलाज तय किया जाता है।
जिला अस्पताल में जताई नाराजगी
जिला अस्पताल के इंसेफेलाइटिस आईसीयू व वार्ड में जैसे ही जांच टीम पहुंची। अफसरों के हाथ पांव फूलने लगे। जांच के दौरान अस्पताल प्रशासन ने बताया कि बीते वर्ष इंसेफेलाइटिस के 60 मरीज ही एडमिट हुए थे। जबकि अस्पताल में 12 बेड का आईसीयू के अलावा 30 बेड का वार्ड मौजूद है। टीम ने अस्पताल के आईसीयू व वार्ड में क्षमता से कम मरीजों के भर्ती होने पर सवाल खड़े किए। अस्पताल प्रशासन ने टीम को बताया कि वह इंसेफेलाइटिस के जांच की रिपोर्ट दो से तीन दिन में देती है। टीम ने इस पर भी नाराजगी जताई। जांच टीम के साथ जिला मलेरिया अधिकारी डॉ। एके पांडेय मौजूद रहे।