- कमिश्नर की कार्रवाई से एडी व सीएमओ परेशान
- जननी सुरक्षा, अनटाइम्ड फंड व निर्माण में पाई गई कमियां
GORAKHPUR: जननी सुरक्षा योजना के अंतर्गत स्वास्थ्य कार्यो में मिली लापरवाही पर कमिश्नर ने पिछले माह एडी हेल्थ और जिले के सीएमओ का वेतन रोक दिया था। इनकी लापरवाही का खामियाजा एमवाईसी और एएनएम को भी भुगतना पड़ रहा है। कमिश्नर की इस हनक से अपर निदेशक स्वास्थ्य ने सभी सीएमओ को तलब कर उनसे सूचना मांगी है।
समीक्षा में फेल स्वास्थ्य महकमा
शासन ने मंगलवार को उच्च प्राथमिकता वाले कार्यक्रमों की मंडलीय समीक्षा बैठक की। इसमें स्वास्थ्य विभाग की ओर से संचालित विभिन्न कार्यक्रमों की प्रगति अत्यंत खराब पाई गई। जबकि प्रगति में वांछित सुधार लाने के लिए पूर्व में भी कई बार स्पष्ट निर्देश दिए जा चुके हैं। इसके बावजूद आज तक प्रगति में कोई सुधार नहीं हुआ। कमिश्नर ने जिम्मेदारों में उदासीनता व लापरवाही पाई गई। इस मामले में कमिश्नर पी गुरु प्रसाद ने अपर निदेशक स्वास्थ्य, मंडल के सभी सीएमओ, एएनएम और एमसीवाई का जनवरी माह का वेतन रोक दिया है।
सीएमओ से कलेक्ट की सूचना
जननी सुरक्षा योजना के तहत चेक समय से न देने के साथ स्वास्थ्य सुविधा की बेहतरी और निर्माण कार्य में कमी को देखते हुए कार्रवाई की गई है। इसके बावजूद भी अभी तक कोई सुधार नहीं हुआ है। इस मामले को गंभीरता से लेते हुए अपर निदेशक स्वास्थ्य ने मंडल के सभी सीएमओ से सूचना भेजने को कहा है। विभागीय सूत्रों की मानें तो मंगलवार को मंडल के सभी सीएमओ को तलब कर सूचना मांगी है।
चेक के लिए लगा रहीं चक्कर
बताते चलें कि जिले में किसी भी प्रसूता का खाता नहीं खुलवाया गया है। इस लापरवाही की वजह से प्रसूताओं का चेक फंसा हुआ है। जबकि उनका खाता खुलवाने की जिम्मेदारी स्वास्थ्य विभाग का है। इस उदासीनता के चलते आज भी प्रसूताएं चेक के लिए स्वास्थ्य केंद्रों का चक्कर लगा रही है।