- समोसा खाने की बात पर जेल में भिड़े रक्षक
- अनुशासनहीन बंदी रक्षकों पर गिरेगी गाज
GORAKHPUR : जेल के भीतर समोसे की रार महंगी पड़ेगी। समोसे के लिए बंदी रक्षकों के बीच छिड़ी जंग की जांच शुरू हो गई है। वरिष्ठ जेल अधीक्षक ने मंडे इवनिंग बंदी रक्षकों का बयान लिया। मारपीट करने वाले बंदी रक्षकों के खिलाफ कार्रवाई तय है। सस्पेंशन के साथ-साथ दोनों पर तबादले की गाज गिर सकती है।
इंडिपेंडेंस डे पर हुई भिड़ंत
जेल के भीतर 15 अगस्त की दोपहर दो बंदी रक्षकों के बीच कहासुनी हो गई। जेल की कैंटीन से समोसा खाने को लेकर बंदी रक्षक भिड़ गए। कैंटीन के इंचार्ज की जिम्मेदारी दिनेश सिंह के पास है। 15 अगस्त की दोपहर बंदी रक्षक अरुण सिंह ने कैंटीन से समोसा खाने की कोशिश की। उन्होंने दो समोसा उठा लिया। पैसा जमा करने की बात पर दिनेश सिंह ने समोसा खिलाने से मना कर दिया। आरोप है कि उनके हाथ से समोसा छीन लिया गया। इस बात को लेकर दोनों के बीच खूब कहासुनी हुई।
कड़ी कार्रवाई के मूड में जेल प्रशासन
15 अगस्त को अन्य बंदी रक्षकों ने मामला शांत करा दिया। संडे दोपहर करीब तीन बजे जेल के तलाशी गेट पर दोनों बंदी रक्षक फिर भिड़ गए। बताया जाता है कि दोनों का कंधा आपस में टकरा गया। इसको लेकर कहासुनी, पटकापटकी के बाद असलहे और बेल्ट निकल गई। दोनों जेलर के कमरे में पहुंचे तो वहां गाली गलौच की। बंदी रक्षकों की हरकत से जेलर भी दंग रह गए। मामले की जानकारी आईजी, डीआईजी, एसएसपी सहित अन्य अफसरों को मिली। मंडे इवनिंग वरिष्ठ जेल अधीक्षक एसके शर्मा लखनऊ से लौटे। जेलर ने अपनी गोपनीय जांच रिपोर्ट वरिष्ठ जेल अधीक्षक को सौंप दी। वरिष्ठ जेल अधीक्षक ने जेल में हुई घटना की जांच शुरू की। ड्यूटी पर मौजूद बंदी रक्षकों का बयान लिया। हालांकि देर शाम तक दोनों बंदी रक्षकों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हो सकी थी। दोनों बंदियों को सस्पेंड करने के अलावा देवरिया, महराजगंज या सिद्धार्थनगर की जेल में ट्रांसफर किया जा सकता है।
इस मामले में बंदी रक्षकों का बयान लिया गया है। जेल के भीतर अनुशासनहीनता बर्दाश्त नहीं की जाएगी। दोनों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई तय है।
एसके शर्मा, वरिष्ठ जेल अधीक्षक