- छेड़छाड़ के आरोपी ने कुलपति संग खिंचवाई फोटो

- पशोपेश में पड़ी पुलिस, यूनिवर्सिटी में खूब रही चर्चा

GORAKHPUR : डीडीयू यूनिवर्सिटी में छात्रा से छेड़छाड़ के आरोपियों को पुलिस नहीं अरेस्ट कर सकी। पुलिस की लापरवाही से फरार आरोपी कैंपस में घूम रहे हैं। हद तो तब हो गई जब मंडे को एक आरोपी सम्मान लेने यूनिवर्सिटी पहुंच गया। उसने कुलपति के साथ फोटो खिंचवाई, लेकिन पुलिस की नजर नहीं पड़ी। यह मामला सामने आने के बाद कैंपस में चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया। पुलिस का कहना है कि मामले की विवेचना की जा रही है। कोर्ट में पीडि़ता के बयान के बाद ही अन्य अभियुक्तों के खिलाफ आगे की कार्रवाई हो सकेगी।

छात्रनेता सहित चार खिलाफ दर्ज हुआ था मुकदमा

डीडीयू यूनिवर्सिटी गोरखपुर में एनएनएस की छात्राओं के साथ कैंपस में छेड़छाड़ हुई। इस मामले में ख्फ् नवंबर को पीडि़ता की तरफ से छात्र नेता अमर सिंह पासवान, अमन पांडेय, आदित्य त्रिपाठी और मनीष को नामजद कराया गया। कुछ अन्य अज्ञात छात्रों के खिलाफ जानमाल की धमकी देने, छेड़छाड़ का मुकदमा दर्ज हुआ। आरोपी अमर सिंह पासवान को पुलिस ने अरेस्ट करके जेल भेज दिया। जमानत पर छूटने के बाद छात्र नेता ने मामले की शिकायत एससी, एसटी आयोग से की। राज्य महिला आयोग की टीम भी यूनिवर्सिटी पहुंची।

छात्रा के मुकरने पर ढीली पड़ी पुलिस कार्रवाई

अमर सिंह पासवान को जेल भेजने के बाद पुलिस ढीली पड़ गई। पुलिस का कहना है कि पीडि़त छात्रा ने बयान बदल दिया है। छात्रा ने पुलिस को बताया कि बहकावे में आकर उसने झूठा मुकदमा दर्ज करा दिया। इसके बाद पुलिस ने अन्य अभियुक्तों की गिरफ्तारी की नहीं की। आरोपी स्टूडेंट आदित्य कुमार त्रिपाठी ने रांची में आयोजित युवा महोत्सव में भागीदारी निभाई। वाद-विवाद प्रतियोगिता में आदित्य कुमार को कांस्य पदक मिला। महोत्सव से लौटने के बाद प्रतिभागी छात्रों ने कुलपति के साथ फोटो खिंचवाई। आदित्य के सामने आने के बाद यूनिवर्सिटी में चर्चा शुरू हो गई। आखिर अभियुक्तों पर पुलिस मेहरबान क्यों है?

क्या तर्क दे रही पुलिस?

मुकदमा दर्ज करने के बाद आरोपी अमर सिंह पासवान को अरेस्ट किया गया। इसके बाद छात्रा अपने बयान से मुकर गई। इस वजह से मामले में नया मोड़ गया। राज्य महिला आयोग ने भी इसमें हस्तक्षेप किया। अनुसूचित जाति, जनजाति आयोग में मामले की शिकायत हुई। इस वजह से पुलिस पशोपेश में फंस गई। पुलिस का कहना है कि पीडि़ता का कोर्ट में बयान कराया जाएगा। एनएनएस के कोआर्डिनेटर अजय शुक्ला के खिलाफ भी एक शिकायत हुई है, इसकी भी जांच भी लंबित है। पुलिस का तर्क है कि मुकदमा दर्ज होने के बाद फौरी कार्रवाई की गई। जांच लंबित होने की वजह से अन्य को अरेस्ट नहीं किया जा सका। जल्द ही इस मामले में आगे की कार्रवाई पूरी हो जाएगी।

छात्रा ने अपना बयान बदल दिया है। उसने नोटरी बयान हलफी दे दिया है। एक अन्य शिकायत की जांच भी चल रही है। जांच पूरी होने पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।

सतेंद्र कुमार, एसपी सिटी