- दिवाली पर ट्रैफिक रूल्स के पालन का लें संकल्प
- जिले की सड़कों पर अचानक बढ़ गए सड़क हादसे
- पांच दिनों में 10 की मौत, 12 से अधिक गंभीर
GORAKHPUR: जिले की सड़कों पर हादसे अचानक बढ़ गए हैं। पांच दिनों के भीतर विभिन्न सड़क हादसों में 10 लोगों की जान चली गई। वहीं 20 से अधिक लोग गंभीर रूप से घायल हो गए हैं। ट्रैफिक पुलिस से जुड़े लोगों का कहना है कि सड़क पर चलते समय मामूली सी लापरवाही जान पर भारी पड़ रही है। सतर्कता बरतकर सड़क हादसों को कम किया जा सकता है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि जागरूकता अभियान चलाकर लोगों को अवेयर किया जा रहा है। लोग इस दिवाली संकल्पित हो जाएं तो हर घर का चिराग सलामत रहे।
ज्यादातर मामले नहीं होते दर्ज
शहर में होने वाले एक्सीडेंट के ज्यादातर मामले दर्ज नहीं होते हैं। कई बार पीडि़त अस्पताल चले जाते हैं। उनके उपचार में लंबा समय लगने के बाद पुलिस मामले को टरकाने लग जाती है। ऐसा भी होता है कि उपचार में आने वाले खर्च की भरपाई होने पर लोग मुकदमा दर्ज कराने नहीं जाते हैं। एक्सीडेंट का मुकदमा दर्ज कराने में पीडि़त व्यक्तियों को काफी परेशानी झेलनी पड़ती है। छोटे-मोटे मामलों को पुलिस अपने स्तर से निपटाकर एक्सीडेंट को रजिस्टर्ड नहीं करती है।
इन वजहों से हो रहे हादसे
- ट्रैफिक नियमों का ज्यादा उल्लंघन
- सड़कों की खराब इंजीनियरिंग
- सड़क किनारे पटरियां टूटी होने के कारण
- बारिश में खराब हुई सड़कों की मरम्मत नहीं
- भीड़ वाले इलाकों में तेज रफ्तार से वाहनों के गुजरने के कारण
- लापरवाही से वाहन चलाने के कारण
इन घटनाओं में गंवाई जान
27 अक्टूबर 2016: गोरखनाथ एरिया में ट्रैक्टर ट्राली की चपेट में अंधियारीबाग निवासी ईश्वरचंद की मौत।
26 अक्टूबर 2016: बेलीपार एरिया के सेंवई बाजार चौराहे पर ट्रैक्टर- ट्राली से साइकिल सवार इंदरीश की कुचलकर मौत
25 अक्टूबर 2016: गगहा एरिया में सड़क एक्सीडेंट में बुजुर्ग सहित तीन लोगों की मौत
24 अक्टूबर 2016: कैंट एरिया में रेल म्यूजियम के पास तेज रफ्तार पिकअप की चपेट में आने से बाइक सवार लखनऊ निवासी युवक की मौत, महिला गंभीर
23 अक्टूबर 2016: बड़हलगंज कस्बे में बाइक सवार पिता-पुत्र को ट्रक ने रौंदा। मौके पर दोनों की मौत। झंगहा एरिया में ट्रैक्टर पलटने से युवक की जान गई।
ये बरतें सावधानी
- सड़क पर चलते समय ट्रैफिक नियमों का पालन करें।
- बड़े वाहनों के अगल-बगल से गुजरने पर सतर्क रहें।
- वाहन चलाते समय मोबाइल का इस्तेमाल न करें।
- ओवरटेकिंग के दौरान साइड मिलने का इंतजार करें।
- किसी तरह का नशा करके गाड़ी न चलाएं।
- बाइक चलाते समय हेलमेट जरूर पहनें।
दुर्घटना पर होने कर सकते हैं मुआवजे का क्लेम
- वाहन किसी को कुचलकर भाग जाता है। वाहन का रजिस्ट्रेशन नंबर पता न होने पर हिट एंड रन के केस में डेथ होने पर ढाई लाख रुपए और गहरी चोट लगने पर एक लाख 25 हजार का मुआवजा सरकार की ओर दिया जाता है। इसके लिए एक्सीडेंट के छह माह के भीतर आवेदन करना होता है। जिला मजिस्ट्रेट के आदेश पर बीमा कंपनी मुआवजा देना होता है।
- रजिस्ट्रेशन नंबर वाले वाहन से एक्सीडेंट होने पर मुआवजे की रकम ट्रिब्यूनल निर्धारित करता है। एक्सीडेंट पीडि़त के परिवारीजन ट्रिब्यूनल के सामने वाद दायर कर सकते हैं। 10 रुपए के फीस पर पुलिस अधिकारी, पंजीयन अधिकारी की ओर से सात दिनों के भीतर सूचना दी जाएगी।
- वाहन का रजिस्ट्रेशन नंबर पता होने पर मृत्यु की दशा में 50 हजार रुपए, विकलांगता की दशा में 25 हजार रुपए की मदद दी जाती है। किसी यात्रा वाहन से एक्सीडेंट होने पर मौत की दशा में 40 हजार, गंभीर रूप से घायल होने पर 20 हजार रुपए, अन्य व्यक्ति की मृत्यु की दशा में 10 हजार, अन्य व्यक्ति गंभीर रूप से घायल होने पर पांच हजार रुपए की मदद देने का प्राविधान है।