गोरखपुर (ब्यूरो)। उन्होंने कहा कि राजेश सिंह गोरखपुर में जिन आरोपों का सामाना कर रहे हैं यह उनके लिए नए नहीं हैं, अपितु बिहार के नवनिर्मित पूर्णिया यूनिवर्सिटी के वीसी रहने के दौरान भी उनके द्वारा किए गए भ्रष्टाचार के मामले में एफआईआर होने के साथ लोकायुक्त की जांच चल रही है। लोकायुक्त की जांच के बावजूद उन्हें उत्तर प्रदेश में वीसी कैसे नियुक्त किया गया? जिस सर्च कमेटी ने उनकी नियुक्ति की सिफारिश की है वह भी जांच करने योग्य है।

शिक्षण संस्थानों में हो छात्रसंघ चुनाव

गोरखपुर में भी उन पर कॉलेजों से अवैध वसूली, डिग्री का पैसा लेने के बावजूद डिग्री नहीं देना, मेस घोटाला, पीएचडी प्रवेश घोटाला, बिना अनुमति पेड़ कटान, शिक्षकों को निलंबित करना, छात्रों पर झूठे केस लादना आदि उनकी आदत का नतीजा है। उन्होंने कहा कि वीसी जैसे आदर्श पद पर रहते हुए, प्रो। राजेश सिंह के वित्तीय अनियमितताओं के कारण पूर्णिया यूनिवर्सिटी एवं गोरखपुर यूनिवर्सिटी की साख गिरी है। एबीवीपी इस भ्रष्टाचार में शामिल सभी मेंबर्स के साथ-साथ वीसी पर तत्काल कार्यवाई की मांग करती हैं। इसके साथ ही सभी शैक्षणिक संस्थानों में अविलंब छात्रसंघ चुनाव की मांग करती है। गोरक्ष प्रांत मंत्री सौरभ कुमार गौंड ने कहा कि गोरखपुर यूनिवर्सिटी छात्रों के शोषण का अड्डा बन गया है। वीसी प्रो। राजेश सिंह ने यूनिवर्सिटी को धनोदहन का केंद्र बना दिया है।