- शुल्क वसूलने के बावजूद नहीं मिलती प्रॉपर ट्रीटमेंट
द्दह्रक्त्रन्य॥क्कक्त्र: गोरखपुर यूनिवर्सिटी एडिमिनिस्ट्रेशन स्टूडेंट्स और टीचर्स की हेल्थ से खेल रहा है। इसका खुलासा आई नेक्स्ट ने 16 नवंबर के अंक में 'खुद हैं बीमार तो कैसे करेंगे स्टूडेंट्स का इलाज' किया था। खबर छपने के बाद आई नेक्स्ट ऑफिस में कुछ स्टूडेंट्स के फोन आए। कुछ ने खुद ऑफिस आकर अपनी समस्या बताई। उनका कहना है कि मेडिकल शुल्क के नाम पर उनकी फीस में 22 रुपए इनक्लूड होते हैं। इसके बावजूद भी उन्हें कोई मेडिकल सुविधा दी जाती है। आई नेक्स्ट को स्टूडेंट्स ने फीस की वह रसीद मुहैया कराई जिसमें मेडिकल शुल्क का जिक्र है।
कांपियां ढो-ढोकर खराब हो गई मिनी एंबुलेंस
लॉ डिपार्टमेंट के डीन प्रो। जितेंद्र तिवारी ने बताया कि डीडीयूजीयू में जितने भी मेडिकल इंस्ट्रूमेंट्स हैं वह खराब हो रहे हैं। इसकी देखभाल करने वाला कोई नहीं है। वहीं स्टूडेंट्स के लिए मंगाई गई मिनी एंबुलेंस भी खराब हो चुके हैं। उन्होंने बताया कि स्टूडेंट्स के लिए मंगाई गई मिनी एंबुलेंस एग्जाम टाइम में स्टूडेंट्स के बीमार पड़ने पर यूज के लिए रखी गई थी, लेकिन उसका इस्तेमाल बीमार स्टूडेंट्स के लिए न करके एग्जामिनेशन की कांपियां ढोकर खराब कर दिया गया। प्रो। जितेंद्र तिवारी ने बताया कि स्टूडेंट्स से मेडिसिन शुल्क के नाम पर वसूले गए रुपए को स्टूडेंट्स के हेल्थ पर ही खर्च किए जाएं। इसके लिए डीडीयू के पूर्व वीसी प्रो। पीसी त्रिवेदी और वर्तमान वीसी प्रो। अशोक कुमार को भी अवगत कराया जा चुका है।
स्टूडेंट्स के लिए होनी चाहिए मेडिकल सुविधा
- स्टूडेंट्स के लिए प्रॉपर मेडिसिन होनी चाहिए।
- टाइमिली सुबह 8-12 दोपहर के बीच खोला जाना चाहिए।
- मेडिकल इंस्टू्रमेंट का इस्तेमाल किया जाना चाहिए।
- एंबुलेंस की व्यवस्था होनी चाहिए।
स्टूडेंट्स के लिए मंगाई गई मिनी एंबुलेंस एग्जाम टाइम में स्टूडेंट्स के बीमार पड़ने पर यूज के लिए थी, लेकिन उसका यूज बीमार स्टूडेंट्स के लिए न करके एग्जामिनेशन की कांपियां ढोकर किया गया।
प्रो। जितेंद्र तिवारी
डीन, लॉ डिपार्टमेंट
सेंटर अक्सर बंद रहता है। मेडिसिन शुल्क के नाम पर 22 रुपए प्रत्येक स्टूडेंट से वसूले जाते हैं, लेकिन सुविधा के नाम पर कुछ भी नहीं है।
विराट यादव, स्टूडेंट
मेडिसिन सुविधा के नाम पर यूनिवर्सिटी एडमिनिस्ट्रेशन 22 रुपए वसूलता है, लेकिन कोई सुविधा नहीं देता है। जबकि मेडिसिन के साथ-साथ हर बीमारियों का इलाज होना चाहिए।
प्रियंका, स्टूडेंट