- मेडिकल कालेज के बर्नवार्ड में आकांक्षा को लेकर भटकते रहे परिजन
- डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल के डॉक्टरों ने बीआरडी कॉलेज के लिए किया था रेफर
GORAKHPUR: छेड़छाड़ का विरोध करने की सजा पाई किशोरी आकांक्षा की हालत बिगड़ती जा रही है। डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल के डॉक्टर्स ने ट्यूज्डे को उसे मेडिकल कालेज रेफर कर दिया। मेडिकल कालेज के बर्न वार्ड की अव्यवस्था देखकर युवती के फैमिली मेंबर्स खिन्न हैं। एसी रूम में बेड देने की उनकी मनुहार अनसुनी कर दी गई। दो घंटे तक आकांक्षा स्ट्रेचर पर पड़ी रही। स्ट्रेचर खाली न होने पर महिला कर्मचारी ने भी खरीखोटी सुनाई। जख्म पर मरहम की उम्मीद में पहुंचे फैमिली मेंबर्स की परेशानी बढ़ती दिखी।
संडे को हैवानियत की शिकार हुई थी युवती
सिकरीगंज एरिया के सीयर गांव की रहने वाली आकांक्षा को छेड़छाड़ का विरोध करने पर पांच हैवानों ने संडे इवनिंग को मिट्टी का तेल छिड़क कर आग लगा दी थी। युवती के शोर मचाने पर परिजनों को जानकारी हुई। आननफानन में उसको जिला अस्पताल में एडमिट कराया गया। डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में युवती परिजनों ने उपचार में लापरवाही का आरोप लगाया। दवाएं न मिलने की शिकायत की। बर्न मरीजों के लिए पर्याप्त सुविधा न होने से फैमिली मेंबर्स परेशान रहे। मंडे नाइट डिस्ट्रिक्ट हास्पिटल ने युवती को मेडिकल कालेज रेफर कर दिया। ट्यूज्डे को झुलसी आकांक्षा को लेकर परिजन मेडिकल कॉलेज पहुंचे।
और मरीज तो नहीं मर रहे
जिला अस्पताल से मेडिकल कालेज पहुंची आकांक्षा को फौरन कोई राहत नहीं मिली। उसका दर्द पहले की अपेक्षा चार गुना हो गया। एबुलेंस से उतारकर एडमिट कराने के लिए उसको स्ट्रेचर से इमरजेंसी में ले जाया गया। एडमिशन का कोरम पूरा होने पर महिला कर्मचारी स्ट्रेचर लेकर बर्न वार्ड में पहुंची। लेकिन वहां बेड खाली न होने से उसको करीब दो घंटे तक स्ट्रेचर पर रहना पड़ा। दर्द से कराहती आकांक्षा के फैमिली मेंबर्स लगातार दौड़भाग करते रहे। कर्मचारियों से एसी रूम में बेड देने की विनती करते रहे। विलंब होने पर आकांक्षा को वार्ड में पहुंचाने वाली महिला कर्मचारी गुस्से से लालपीली हो गई। उसने फैमिली मेंबर्स से यहां तक कह दिया कि और मरीज तो नहीं मर रहे। वह लोग इसी व्यवस्था में इलाज करा रहे है। उसकी बातें सुनकर एक युवक ने प्रतिकार किया। इस पर आकांक्षा की मां बोल पड़ीं जाने तो यहां कोई बात न करो।
बदहाली दूर करने का नहीं कर रहे प्रयास
उपचार की आधुनिक सुविधाएं देने के दावों पर हकीकत भारी पड़ रही। बर्न वार्ड की हालत ऐसी है कि वहां बेहद ही मजबूरी में पेशेंट्स एडमिट हो रहे। बर्न वार्ड में हर तरफ गंदगी नजर आई। बर्नवार्ड में बने केबिन में 24 बेड का इंतजाम है। बिना एसी वाले कमरे में लगे चार पंखों में दो नहीं चल रहे थे। एसी रूम में बेड न खाली होने से आकांक्षा को उसी कमरे में जगह मिली।
फैला रहा पानी, भरा था मेडिकल वेस्ट
बर्न वार्ड से अटैच बाथरूम का पानी वार्ड तक फैल रहा। बाथरूम में पसरे पानी के बीच लोग छपाछप करते हुए आ जा रहे थे। लोगों के पैरों की चप्पल, जूते से पानी हर वार्ड में जा रहा था। इसके साथ वार्ड के गेट पर कचरा रखने वाला पॉट नजर आया। वह मेडिकल वेस्ट से लबालब भरा था। वार्ड में गंदगी और बदबू से आकांक्षा के परिवार वाले परेशान हो गए। लोग काफी देर तक किसी प्राइवेट हास्पिटल में जाने के लिए सोचते रहे लेकिन पुलिस केस होने से उन लोगों ने मेडिकल कॉलेज में उपचार कराना मुनासिब समझा।
अपराधियों की गिरफ्तारी की मांग
भारतीय जनता पार्टी के नेता जटाशंकर त्रिपाठी ने जिला अस्पताल पहुंच कर मिट्टी का तेल छिड़क कर जलाई गई आकांक्षा के परिजनों से मुलाकात की। पीडि़ता को न्याय दिलाने के लिए हर संभव प्रयास करने का आश्वासन दिया। उन्होंने जिला प्रशासन से नामजद आपराधियों को जल्द गिरफ्तार करने की मांग की।
इस दौरान जीपी त्रिपाठी, अंजनी शुक्ला, रमेश चंद्र त्रिपाठी, राकेश मिश्रा, अनूप मिश्रा आदि मौजूद रहे।
पुलिस पर अपराधियों को संरक्षण देने का आरोप
आम आदमी पार्टी के नेता प्रबल प्रताप शाही ने पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ जिले में महिलाओं पर बढ़ रहे अपराधों के विरोध में प्रदर्शन कर डीएम और एसपीआरए को ज्ञापन सौंपा। उन्होंने सिकरीगंज के सियर गांव कि किशोरी और सहजनवा की मंदबुद्धि के साथ हैवायित करने वालों की गिरफ्तारी और पीडि़त परिवारों को पचास-पचास लाख रुपये का मुआवजा देने की मांग की। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर पुलिस इन अपराधियों को जल्द गिरफ्तार नहीं करती है तो आप पार्टी सहजनवा और सिकरीगंज थाने का घेराव करेगी। इस दौरान राजेश पांडेय, उमेश राय, संतोष मौर्या, हितेश सिंह विनिता मिश्रा सतीश शुक्ला, रामनगीना साहनी राजकुमार, अतुल श्रीवास्तव सहित करीब एक दर्जन लोग मौजूद रहे।
मेडिकल कॉलेज में मौजूद सुविधाएं पेशेंट्स को दी जा रही है। बेड खाली न होने के कारण आकांक्षा को फौरन एसी रूम नहीं मिल सका। बेड खाली होते ही उसको एसी वार्ड में शिफ्ट कर दिया जाएगा। साफ-सफाई में लापरवाही पर कार्रवाई की जाएगी।
डॉ। रामयश यादव, एसआईसी, मेडिकल कालेज