- फोटो और डिटेल्स दीजिए, किसी का भी बना देंगे ड्राइविंग लाइसेंस

- आरटीओ कैंपस में ब्रोकर्स की चांदी, बैकडेट में बनाते हैं डीएल

GORAKHPUR : आरटीओ में दलालों का फर्जी ड्राइविंग लाइसेंस बनाना नया खेल नहीं है, लेकिन उनके हौसले जरूर बुलंद हैं। आई नेक्स्ट रिपोर्टर ने आम आदमी बनकर आरटीओ कैंपस में बैठे दलाल से डीएम रंजन कुमार का ड्राइविंग लाइसेंस बनाने को दिया। दलाल ने बिना कुछ पूछे, डीएम साहब का ही डीएल बना डाला। खेल ये है कि अब मैनुअल डीएल नहीं बनते, लेकिन ये शातिर दलाल बैक डेट में मैनुअल डीएल बना कर थमा देते हैं। इन सब की जानकारी आरटीओ के अधिकारियों को भी है, लेकिन वह सिर्फ विभागीय अधिकारियों पर कार्रवाई की बात करते हैं। दलालों पर रोक के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए जाते।

प्लेस - आरटीओ कैंपस, सिविल लाइंस

सीन - आरटीओ कैंपस में बैठा दलाल

समरी- रिपोर्टर ने कैंपस में बैठे एक दलाल की ओर रुख किया। दलाल की ललचाई नजरों ने तुरंत ताड़ लिया कि मुर्गा आ रहा है। रिपोर्टर और दलाल के बीच हुई बातचीत इस प्रकार है।

रिपोर्टर - भईया डीएल बनवाना है।

ब्रोकर - बन जाएगा।

रिपोर्टर - कितना लगेगा।

ब्रोकर - 100 रुपए

रिपोर्टर - क्या-क्या लगेगा?

ब्रोकर - कुछ नहीं। बस फोटो, नाम, पिता का नाम और डेट ऑफ बर्थ दे दीजिए।

रिपोर्टर - ठीक है। कितनी देर में बनाकर दे देंगे?

ब्रोकर - आधा घंटा।

रिपोर्टर - इस डीएल का यूज कहां कर सकते हैं?

ब्रोक्रर- कहीं भी लगा सकते हैं।

रिपोर्टर - आरटीओ ऑफिस से ही बनता है?

ब्रोक्रर- नहीं।

रिपोर्टर - ये डीएल कुछ अलग होता है क्या?

ब्रोक्रर- वैसे ही होता है।

नोट - आई नेक्स्ट रिपोर्टर और ब्रोकर के बीच हुए बातचीत की विजुअल आई नेक्स्ट के पास है।

मैनुअल पर रोक, बैक डेट में बनाते हैं डीएल

आरटीओ ऑफिस में डीएल बनवाने के लिए डेली 250-500 अप्लिकेशंस आते हैं। फर्जीवाड़े से बचने के लिए आरटीओ ने दो साल पहले से स्मार्ट कार्ड डीएल का प्रोसेस शुरू कर दिया गथा। तब से मैनुअल डीएल के लिए न तो कोई आवेदन लिए जाते हैं और ना ही यह मान्य है। इसके बावजूद भी आरटीओ कैंपस में मौजूद ब्रोकर्स बैक डेट और इयर में मैनुअल डीएल बनाने में उस्ताद हैं। कैंपस में मौजूद ब्रोकर्स के बारे में जानकारी सभी को है, फिर भी आरटीओ डिपार्टमेंट के आला अधिकारी पल्ला झाड़ लेते हैं। अधिकारियों की मानें तो ब्रोकर्स के लिए वह कुछ नहीं कर सकते। ऑफिसर्स का कहना है कि अगर विभागीय कर्मचारी फर्जीवाड़ा करते हैं तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाती है।

व्हीकल टैक्स, वीआईपी नंबर के लिए आए यहां

चाहे लाइट व्हीकल हो या फिर हैवी, सबका टैक्स आरटीओ दफ्तर के कैश काउंटर पर जाकर जमा कर सकते हैं। इसके लिए किसी भी अदर पर्सन से मिलने की कोई जरूरत नहीं है। व्हीकल ओनर के ट्रांसफर प्रोसेस के लिए डिपार्टमेंट में तैनात क्लर्क से सीधे संपर्क कर सकते हैं। वीआईपी नंबर के शौकीन ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट की वेबसाइट http://www.uptransport.org/ पर जाकर अपना मनपसंद नंबर सेलेक्ट कर सकते हैं। जिसका पेमेंट ऑनलाइन या डिपार्टमेंट में जाकर कर सकते हैं।

ऑनलाइन कर सकते हैं अप्लाई

लर्निग लाइसेंस और ड्राइविंग लाइसेंस के लिए अप्लिकेंट्स आरटीओ की वेबसाइट https://sarthi.nic.in पर अप्लाई कर सकते हैं।

- लर्निग लाइसेंस के लिए issue of a learning license पर क्लिक करें।

- स्थायी ड्राइविंग लाइसेंस के लिए issue of driving license पर क्लिक करें।

- क्लिक करते ही अप्लिकेशन फॉर्म शो करने लगेगा। फॉर्म भरें।

- फीस जमा करने के लिए एसबीआई का पेमेंट गेटवे ओपेन होगा। सरकारी बैंकों की नेट बैंकिंग, डेबिट-क्रेडिट का‌र्ड्स के थ्रू लाइसेंस फी ऑनलाइन जमा कर सकेंगे।

- फी पेमेंट के बाद अप्लिकेंट्स को उसकी ई-रसीद प्रिंट करनी होगी।

- फी पेमेंट की सूचना अप्लिकेंट्स को एसएमएस के थ्रू मिल जाएगी।

- अप्लिकेशन प्रिंट, ई-रसीद और अन्य आवश्यक दस्तावेज (निवास प्रमाण पत्र, जन्मतिथि प्रमाण पत्र) की फोटोकॉपी एंड ओरिजिनल के साथ बायोमीट्रिक कैप्चरिंग और लर्निग-ड्राइविंग टेस्ट के लिए आरटीओ ऑफिस जाना होगा।

यहां कर सकते हैं कंप्लेंट

- हेल्प लाइन नंबर - 18001800151

- वेबसाइट - www.uptransporthelpline.org

- आरटीओ ई-मेल आईडी - rtogr_up@nic.in

- एआरटीओ ई-मेल आईडी -- artogr_up@nic.in

क्या कहते हैं जिम्मेदार?

9 अप्रैल ख्0क्फ् से ड्राइविंग लाइसेंस मैनुअल नहीं, बल्कि स्मार्ट कार्ड बनाए जा रहे हैं। पब्लिक को अवेयर रहना होगा ताकि वह इन ब्रोकर्स के चुंगल में न फंसे। अगर कोई ब्रोकर स्मार्ट कार्ड बनवाने का दावा करता है तो इसकी शिकायत मुझसे करें।

मुआशिरुल्लाह अंसारी, आरटीओ, गोरखपुर