गोरखपुर (ब्यूरो)।इसके साथ ही गोरखपुर रेलवे स्टेशन पर होने वाली भीड़ भी कम हो जाएगी। दरअसल, 45 करोड़ की लागत से सेटेलाइट टर्र्मिनल रेलवे स्टेशन (छावनी) के रिमॉडलिंग का काम तेजी के साथ हो रहा है। जुलाई के अंतिम सप्ताह में जहां सारे काम पूरे हो जाएंगे। स्टेशन के निर्माण कार्य पूरा होने के बाद यात्रियों के सुविधाओं में भी इजाफा हो जाएगा।
ट्रिपल लाइन का भी शुरू हुआ निर्माण
रेलवे स्टेशन बिल्डिंग, प्लेटफॉर्म सब पुराने हो गए थे। सभी के रिमॉडलिंग का काम चल रहा है। यात्रियों की सुविधा के लिए डबल लाइन के साथ-साथ ट्रिपल लाइन भी काम जारी है। यात्रियों की सुविधा के लिए एक फूट ओवरब्रिज को एक्स्टेंड कर दिया गया है। दो प्लेटफॉर्म अतिरिक्त बना दिए गए हैैं। अब कैंट तीन नहीं पांच प्लेटफॉर्म का रेलवे स्टेशन हो जाएगा और एक की जगह दो एफओबी हो जाएंगे। यानी की यात्रियों को पूरब दिशा में जाने वाले दो दर्जन से ऊपर की ट्रेन पकडऩे में सुविधाजनक होगा। उन्हें रेलवे स्टेशन गोरखपुर जंक्शन आने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
फाइनल स्टेज में पहुंचा काम
नॉन इंटरलॉकिंग का काम भी जारी है। कुसम्ही जंगल से कैंट तक तीसरी लाइन बिछाए जाने का काम चल रहा है। वह भी फाइनल स्टेज में है। नॉन इंटरलॉकिंग काम पूरा होने के बाद तीसरी लाइन से भी ट्रेनों का संचालन शुरू हो जाएगा। वहीं रेलवे स्टेशन पर तीसरी लाइन बिछने के कारण स्टेशन मास्टर के बिल्ंिडग को नई बिल्ंिडग में शिफ्ट कर दिया जाएगा। यात्रियों को बेहतर सुविधा मिलने लगेगी।
सेटेलाइट टर्मिनल स्टेशन के रिमॉडलिंग का काम लगभग पूरा हो गया है। जो बचे हुए काम है। वह भी जुलाई के अंतिम सप्ताह तक पूरे कर लिए जाएंगे। 45 करोड़ के लागत से स्टेशन का रिमॉडलिंग का काम चल रहा है। यात्रियों के सुविधाओं का पूरा ख्याल रखा गया है।
- पंकज कुमार सिंह, सीपीआरओ, एनई रेलवे