गोरखपुर (ब्यूरो)। दीन-ए-इस्लाम की मोहब्बत लोगों के दिलों में रचती बसती जा रही और लोग दीन-ए-इस्लाम अपनाते जा रहे हैं। पैगंबर-ए-आजम हजरत मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने पूरी दुनिया को ईमान के साथ दीन-ए-इस्लाम के मुताबिक नेक अमल करने की तालीम दी। पैगंबर-ए-आजम और आपके सहाबा की पैरवी हमारी पहली जिम्मेदारी है, इसलिए पैगंबर-ए-आजम की तालीम पर हम सब अमल करें।

जिंदगी को नेक काम से संवारें

पैगंबर-ए-आजम ने अपने जीवन में ही अपने सच्चे और अच्छे सहाबा की वह पाक जमात तैयार की जिसके हर व्यक्ति ने पैगंबर-ए-आजम का हर पैगाम पूरी दुनिया में पहुंचाया। आज हर कलमा पढऩे वाले की यह जिम्मेदारी है कि वह पैगंबर-ए-आजम के पैगाम-ए-अमन व मोहब्बत को घर-घर पहुंचाएं। हम अपनी जिंदगी को नेक कामों से संवारें और बुराइयों से बचें। विशिष्ट वक्ता मौलाना इम्तियाज अहमद ने कहा कि हर हाल में अल्लाह व रसूल का शुक्र अदा करें। मां-बाप, उस्ताद, उलमा-ए-किराम का अदब करें। तालीम हासिल करने पर जोर दें।

पानी की बचत करें

बच्चों को दीनी तालीम हर हाल में दिए जाने की व्यवस्था करें। दुनियावी तालीम भी दिलाएं। हर हाल में औरतों का इज़्जत करें। साफ-सफाई को अपनाएं। जमीन को हरा-भरा और पानी की बचत करें। पशु-पक्षियों पर रहम करें। पड़ोसियों, आम इंसानों और मजदूरों का हक अदा करें। यतीमों, बेसहारा, विधवाओं पर रहम करें। आखिर में सलातो सलाम पढ़कर मुल्क में अमनो-अमान की दुआ मांगी गई। शीरीनी बांटी गई। जलसे में ताल्लुकदार, मौलाना मोहम्मद शुएब निजामी, कारी अशरफ अली, शहादत हुसैन, करामत हुसैन, इबादत हुसैन, फिदा हुसैन, शाह आलम आदि मौजूद रहे।