गोरखपुर (ब्यूरो)। 50 हजार के इनामी माफिया पर गुलरिहा थाने में एक ही दिन धोखाधड़ी, रंगदारी समेत कई गंभीर धाराओं में दो केस दर्ज हुआ है। इन दोनो केसों के साथ माफिया पर गुलरिहा थाने में चार और कई जिलों में अबतक कुल 35 केस दर्ज हो चुके है। शुक्रवार को गुलरिहा पुलिस ने दो अलग मामलों में माफिया विनोद, उसके दो भाई संजय उपाध्याय, जयप्रकाश उपाध्याय समेत कुल 15 के खिलाफ रंगदारी, धोखाधड़ी, बलवा, जबरन बैनामा कराने आदि गंभीर धाराओं में केस दर्ज किया है।
वरासत में मिली जमीन
मिली जानकारी के अनुसार कैंट थाना एरिया के दाउदपुर निवासी प्रवीण कुमार श्रीवास्तव की गुलरिहा क्षेत्र के सलेमपुर उर्फ मोगलपुर में जमीन के मालिक हैं। पीडि़त का कहना है कि दादी लगनदेई ने वर्ष 1975-76 में उमेश चंद्र श्रीवास्तव से रजिस्ट्री बैनामा द्वारा प्राप्त की थी। दादी के मरने के बाद पिता नागेंद्र प्रसाद के नाम वरासत में मिल गई। पिता के मरने के बाद प्रवीण के सभी भाईयों के नाम से जमीन हो गई थी।
आरोप है कि 6 जनवरी 2008 को माफिया विनोद के भाई संजय उपाध्याय व जयप्रकाश उपाध्याय एवं सतीश मिश्रा पुत्र सदानंद मिश्रा निवासी 38 ए सर्कुलर रोड थाना शाहपुर तथा देवेंद्र कुमार त्रिपाठी पुत्र गंगा प्रसाद तिवारी निवासी गनेशपुर थाना फरेंदा ने पीडि़त के पिता से उक्त जमीन औने पौने दाम पर खरीदने के लिए घर पर आए और कहे कि हमको विनोद उपाध्याय ने भेजा है। जमीन नेताजी (विनोद उपाध्याय) के नाम लिख दो। जमीन बेचने से मना करने के बाद 23 फरवरी 2008 को विनोद उपाध्याय ने कूटरचित दस्तावेज एवं फर्जी एग्रीमेंट का सहारा लेकर विनोद कुमार श्रीवास्तव, आलोक कुमार श्रीवास्तव, प्रदीप कुमार श्रीवास्तव, अशोक कुमार श्रीवास्तव पुत्र स्व। उमेशचंद्र श्रीवास्तव निवासी धम्माल थाना कोतवाली से करोड़ो की जमीन केवल 4 लाख में रजिस्ट्री एग्रीमेंट अपने साथी पुनीत कुमार श्रीवास्तव पुत्र ओम प्रकाश श्रीवास्तव व सतीश मिश्रा के पक्ष में करा लिया।
बैनामा करने का दबाव
6 सितंबर 2012 की रात साढ़े आठ बजे हथियारों से लैश होकर पीडि़त में घर उसके पिता से जबरन जमीन बैनामा करने के लिए दबाव बनाने लगे। पीडि़त के पिता हार्ट के मरीज थे। उसी समय सीने में दर्द होने 7 सितंबर 2012 को हार्ट अटैक से मृत्यु हो गई। मृत्यु के कुछ दिन पहले नागेंद्र प्रसाद श्रीवास्तव को ब्लैकमेल एवं दबाव देकर 3 लाख उनके पारिवारिक मित्र दीनानाथ तिवारी के सामने आरोपी लेकर गए थे। उक्त विनोद उपाध्याय के साथी आए दिन जमीन बेचने का दबाब बनाने के लिए भेजते रहे।
1995 से हैं काबिज
वहीं दूसरे केस में शाहपुर थाना क्षेत्र के बसारतपुर निवासी चंद्र प्रकाश दूबे पुत्र सुरेंद्र प्रकाश दूबे ने सीएम एवं एसएसपी से गुहार लगाया है कि उसके पत्नी विपुला देवी के नाम 20 डिसमिल जमीन 1995 में रजिस्टर्ड बैनामा है और तभी से काबिज है। विनोद उपाध्याय अपने महिला मित्र रंजना श्रीवास्तव निवासी रुस्तमपुर के नाम से 4 मार्च 2014 को कूटरचित दस्तावेज तैयार कर कृष्ण कुमार श्रीवास्तव, प्रदीप कुमार व अरुण कुमार निवासी जंगल तुलसीराम बिछिया को जमीन का मालिक दिखाकर बैनामा करा लिया, जबकि इन तीनों के नाम से कोई जमीन ही नहीं थी।
दबा दिया नोटिस
साजिश के तहत तहसीलदार(न्यायिक) से उक्त जमीन रंजना श्रीवास्तव के नाम करवा दिया। मामले में 32 लाख रुपया स्टैम्प भी कम लगाने के बाद स्टैम्प चोरी का नोटिस आने पर अधिकारियों को मिलाकर नोटिस को दबा दिया और सरकारी राजस्व को चुना लगा दिया। दोनों मामलों में गुलरिहा पुलिस ने लिखित तहरीर पर माफिया विनोद, दोनों भाइयों जयप्रकाश व संजय समेत 15 के खिलाफ शुक्रवार को केस दर्ज की है। बता दे कि विनोद अभी भी फरार है। वही, संजय 3 दिन पहले कोर्ट में सरेंडर किया है। साथ ही विनोद व संजय के मकान को बुलडोजर चलवाकर ध्वस्त करवाया जा चुका है।