गोरखपुर (ब्यूरो)।स्कूली वाहन मालिक इसके लिए आगे नहीं आ रहे हैं। इसे लेकर आरटीओ की ओर से नोटिस भी भेजी जा चुकी है। बावजूद इसके गोरखपुर में 350 से अधिक ऐसे स्कूली वाहन हैं, जिनकी फिटनेस जांच नहीं हुई है। यानि ये अनफिट स्थिति में ही सड़क पर दौड़ रही हैं। ये स्कूली वाहन बच्चों की सुरक्षा के लिहाज से खतरा बन सकते हैं। अफसरों की मानें तो स्कूल खुलने के बाद ऐसे वाहनों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
हर बार भेजी जाती है नोटिस
गोरखपुर के विभिन्न स्कूलों के 2070 वाहन आरटीओ से रजिस्टर्ड हैं, जिसमें करीब हजारों की संख्या में बच्चे सफर करते हैं। वहीं, कई स्कूली बसों के फिटनेस सर्टिफिकेट एक्सपायर हो चुके हैं, जिसे लेकर आरटीओ की ओर से कई बार फिटनेस जांच कराने के लिए स्कूल प्रबंधकों और वाहन स्वामियों को नोटिस भेजा जा चुका है, लेकिन वह फिटनेस जांच कराने में इंट्रेस्ट नहीं दिखाते हैं।
आरटीओ दिखाएगा सख्ती, चलेगा अभियान
अफसरों के मुताबिक, बार-बार नोटिस भेजने के बाद भी वाहन स्वामी की ओर से रुचि नहीं दिखाई जा रही है। ऐसे स्कूलों के खुलने के बाद अभियान चलाकर सड़कों पर दौड़ रहे अनफिट वाहनों का चालान किया जाएगा। साथ ही स्कूली वाहनों पर एक्शन लिया जाएगा। जो भी बिना फिटनेस सर्टिफिकेट के मिलेंगे, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
स्कूली वाहनों का 13 बिंदुओं पर फिटनेस टेस्ट होना है, जिसमें ड्राइवर का लाइसेंस, सीसीटीवी, स्पीड लिमिट डिवाइस, इमरजेंसी फोन नंबर आदि मानकों पर जांच होनी है। वहीं, कई वाहन स्वामी द्वारा बीते कई वर्षो से टैक्स भी नहीं जमा किया है। टैक्स देने से बचने के लिए वे फिटनेस जांच कराने नहीं पहुंचते हैं। कई बार नोटिस भेजने के बाद भी फिटनेस नहीं कराते हैं। दरअसल अनफिट वाहन होने के बाद भी कई बार गोरखपुर में हादसे हो चुके हैं। जिसमें बच्चों को चोटे भी आई हैं।
कई बार वाहन स्वामियों को नोटिस भेजी जा चुकी है कि वह अपने वाहनों का फिटनेस करवा लें। मगर वह इसमें रुचि नहीं दिखाते हैं। स्कूल खुलने के बाद ऐसे वाहनों के खिलाफ जांच कराकर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
वीके सिंह, आरटीओ प्रवर्तन गोरखपुर