- गोरखपुर महानगर में 34 प्रतिशत होती है बिजली चोरी
- दो माह अभियान चलाकर 2 प्रतिशत भी कम न कर पाए बिजली चोरी
GORAKHPUR : बिजली चोरी रोकने के लिए अफसरान लाख मीटिंग करें या सख्ती दिखाएं, लेकिन हकीकत यही है कि बिजली चोरी रुक नहीं रही है। पिछले एक महीने से सिटी में कांबिंग अभियान भी चल रहा है, इसके बावजूद न तो लाइनलॉस रुक रहा है न बिजली चोरी। सिटी को मिलने वाली कुल बिजली का फ्ब् परसेंट कहां गायब हो जाता है, इसकी खबर बिजली विभाग को नहीं है। अलबत्ता उसे ये जरूर पता है कि इस फ्ब् परसेंट का बिल उसे नहीं मिल रहा है।
गोलघर में होता है सबसे अच्छा लाइनलॉस
महानगर विद्युत वितरण निगम के रिकार्ड की बात करें तो पूरे सिटी में फ्ब् प्रतिशत बिजली लाइनलॉस के चलते बर्बाद हो जाती है। इसमें सबसे अधिक लाइनलॉस डिविजन फर्स्ट गोलघर में होता है। एक जेई ने बताया कि इस डिविजन में सबसे अधिक कंज्यूमर्स होने के साथ ही साथ इतनी घनी बस्ती है कि किस घर में बिजली चोरी हो रही है, इसे पकड़ना बहुत मुश्किल है। डिविजन फर्स्ट में कुल ख्9 प्रतिशत लाइनलॉस होता है। वहीं डिविजन सेकेंड बक्शीपुर में ख्भ् से ख्म् प्रतिशत जबकि डिविजन थर्ड मोहद्दीपुर में ख्क् से ख्ख् प्रतिशत लाइनलॉस होता है।
यहां होती है सबसे अधिक चोरी
सिटी में सबसे अधिक बिजली चोरी कटिया कनेक्शन से होती है। कटिया कनेक्शन का खेल सिटी के बाहरी एरिया में खूब चलता है। राप्ती नदी के किनारे बंधे पर बने अधिकांश झुग्गी-झोपडि़यों में कटिया कनेक्शन से उजाला होता है। इसके अलावा बिछिया और इंजीनियरिंग कॉलेज से आगे मोतीराम अड्डा तक कटिया कनेक्शन से घरों में बिजली सप्लाई होती है। वहीं सिटी के अंदर वाले एरिया में मीटर बाइपास करके बिजली चोरी की जाती है। एसडीओ चंद्रशेखर चौरसिया ने बताया कि पहले मीटर के पीछे से तार जोड़कर बिजली चोरी की जाती थी, लेकिन अब ऐसा नहीं होता। अब मीटर में एक डिवाइस लगा दिया जा रहा है जिससे मीटर स्लो हो जाता है। एक माह से चलाए जा रहे कांबिग अभियान में इसी तरह की मीटर चेकिंग की जा रही है।