- प्राइवेट संस्था करेगी पुलिस कर्मचारियों को ट्रेंड

- हर जिले से कम से कम दो पुलिस कर्मी होंगे प्रशिक्षित

GORAKHPUR: जोन की पुलिस साइबर अपराधियों से निपटने में सक्षम होगी। जोन भर के 30 पुलिस कर्मचारियों को साइबर क्राइम से निपटने के लिए स्पेशल ट्रेनिंग दी जाएगी। आईजी मोहित अग्रवाल की पहल पर एक इंटरनेशलन संस्था की मदद से तीन दिनों तक ट्रेनिंग कैंप चलाया जाएगा। जोन के हर जिले से कम से दो पुलिस कर्मचारियों को ट्रेंड कर उन पर पूरे जिले के पुलिस कर्मचारियों को प्रशिक्षित करने की जिम्मेदारी सौंपी जाएगी।

ट्रेनिंग के दौरान परीक्षा पास करने वाले पुलिस कर्मचारियों को पुरस्कृत किया जाएगा। आईजी ने कहा कि आठ, नौ और 10 जुलाई को प्रशिक्षण का शेड्यूल तय किया गया है। साइबर सेल में पहले से काम कर रहे पुलिस कर्मचारी भी इसमें शाि1लल होंगे।

ट्रेनिंग के अभाव में होती है परेशानी

साइबर क्राइम के मामले सामने आने पर पुलिस कर्मचारियों की हालत खराब हो जाती है। सोशल मीडिया पर किसी अफवाह के फेलने पर उसको रोकने, निरोधात्मक कार्रवाई करने, उसके बारे में पब्लिक को ज्यादा से ज्यादा जानकारी देने की जरूरत पड़ती है। सोशल मीडिया से संबंधित मैटर को हटाने के साथ ही उसकी अपलोडिंग के जांच की प्रक्रिया शुरू हो जाती है। लेकिन टेक्नालॉजी की जानकारी के अभाव में तमाम पुलिस कर्मचारियों के हाथ-पांव फूल जाते हैं। ऐसे में सोशल मीडिया, ऑनलाइन फ्राड जैसे मामलों को कंट्रोल करने में समस्याएं सामने आती हैं।

यूजर आईजी का पता लगाना जरूरी

सोशल मीडिया का यूज बढ़ने के साथ ही प्रॉब्लम भी बढ़ती जा रही है। अपराधी इसका दुरुपयोग करते हुए लोगों को अपना शिकार बना रहे हैं। लड़कियों की अश्लील फोटो अपलोड करने, तकनीकी का इस्तेमाल करके उनको ब्लैकमेल करने, मोबाइल पर एप्स का प्रयोग करके लोगों को धमकाने, गलत मैसेज भेजने, ऑनलाइन ट्रांजेक्शन करने सहित कई चीजें सामने आती हैं। ऐसे मामलों में साइबर क्रिमिनल का पता लगाने के लिए यूजर आईडी की जानकारी बेहद जरूरी होती है। सोशल मीडिया के ज्यादातर मुख्यालयों के विदेश में होने से पुलिस को जांच में प्रॉब्लम होती है। लेकिन सही तरीके से जानकारी मांगने पर मदद मिलती है। विदेश में बैठी इंटरपोल जैसी संस्थाओं से मदद मांगने के लिए ट्रेनिंग दी जाएगी। ऐसे मामलों में विवेचक की भूमिका, उसके जांच के तौर-तरीके, आपत्तिजनक चीजों को सोशल साइट््स से हटाने के बारे में तकनीकि ज्ञान दिया जाएगा।

वर्जन

साइबर क्राइम के बढ़ते मामलों को देखते हुए हर पुलिस कर्मचारी को ट्रेनिंग की जरूरत है। पुलिस कर्मचारियों में कौशल का विकास करने के लिए तीन दिनों की ट्रेनिंग दी जाएगी। एक्सपर्ट्स से ट्रेनिंग लेने वाले पुलिस कर्मचारियों की परीक्षा कराई जाएगी। अच्छे नंबर्स से पास होने वाले पुलिस कर्मचारियों को पुरस्कृत किया जाएगा।

मोहित अग्रवाल, आईजी जोन