गोरखपुर (अनुराग पांडेय)।यह पुलिस रिकॉर्ड में अपना कैरेक्टर अच्छा साबित करने में नाकाम हुए हैं। गोरखपुर जिले में ऐसे लोगों की तादाद 8,198 है। यह हम नहीं कह रहे हैं, बल्कि पुलिस रिकॉर्ड खुद इस बात की गवाही दे रहे हैं। खराब कैरेक्टर के बाद भी इन लोगों ने अपने कैरेक्ट सर्टिफिकेट के लिए आवेदन किया। मगर पुलिस के वेरिफिकेशन में उनकी हकीकत सामने आ गई और यह फेल हो गए।
अहम दस्तावेजों के लिए जरूरी
नौकरी और पासपोर्ट समेत कई अहम वक्र्स के लिए व्यक्ति का कैरेक्टर सर्टिफिकेट लगाना जरूरी होता है। यह अहम दस्तावेज है, इसलिए इसका वेरिफिकेशन करने की जिम्मेदारी पुलिस को सौंपी गई है। पुलिस बड़ी बारीकी से इसकी जांच करती है, जिसके बाद सर्टिफिकेट के लिए अप्रूवल दिया जाता है। कैरेक्टर सर्टिफिकेट के लिए हर माह लगभग दो हजार आवेदन आते हैं। साल 2023 जनवरी माह से 17 मार्च तक 7490 लोगों ने इसके लिए आवेदन किया है। जिसमे 3379 कैरेक्टर सर्टिफिकेट अप्रूव कर जारी किए गए, जबकि 1145 का आवेदन रिजेक्ट कर दिया गया है।
साल 2022 में आए आवेदन
साल 2022 जनवरी से 31 दिसंबर तक 21804 आवेदन कैरेक्टर सर्टिफिकेट बनवाने के लिए आए। इसमे 14733 सर्टिफिकेट अप्रूव हुए। जबकि एक साल में 7053 सर्टिफिकेट रिजेक्ट किए गए। इस तरह 2022 और 2023 मिलाकर 29,291 लोगों ने कैरेक्टर सर्टिफिकेट के लिए आवेदन किया है। जिसमें 18,112 अप्रूव और 8,198 हजार आवेदन रिजेक्ट कर दिए गए हैं।
इस तरह होता है वेरिफिकेशन
- कोई भी व्यक्ति कैरेक्टर सर्टिफिकेट बनवाने के लिए ऑनलाइन आवेदन करता है।
- इसके बाद उसकी वेरिफिकेशन संबंधित थाना स्तर से होती है।
- आवेदक पर कोई मुकदमा तो नहीं है।
- इसकी जांच के लिए पुलिस सबसे पहले अपराध रजिस्टर 4 और 8 को खंगालती है।
- रजिस्टर नंबर 4 में हर साल अपराध होने वाले अपराध डिटेल लिखा जाता है।
- रजिस्टर नंबर 8 में साल 1860 से अब तक के अपराध की डिटेल होती है।
- बीपीओ मुहल्ले में जाकर करता है वेरिफिकेशन
- इसके बाद पुलिस सीसीटीएनएस पर ऑनलाइन भी आवेदक का नाम से मुकदमा चेक करती है।
- इसके बाद बीट पुलिस अधिकारी आवेदक के मुहल्ले में जाकर उसके बारे में आस-पास पड़ोसियों से फीडबैक लेता है।
निक नेम की भी करती पुलिस पड़ताल
पुलिस की मानें तो बहुत से शातिर लोग जिस नाम से मुकदमा होता है, उससे आवेदन ना करके निक नेम से कैरेक्टर सर्टिफिकेट के लिए आवेदन कर देते हैं। इसलिए बीपीओ मुहल्ले में जाकर आवेदन का निक नेम भी पता करते हैं। जो भी निक नेम होता है, उस नाम से भी सीसीटीएनएस पर अपराध चेक करते हैं।
साल 2023 में आए आवेदन
आवेदन आए- 7490
अप्रूव हुए- 3379
रिजेक्ट किए- 1145
साल 2022 में आए आवेदन
आवेदन आए- 21804
अप्रूव हुए- 14733
रिजेक्ट हुए- 7053
2022 से अब तक आवेदन आए- 29,291
अब तक रिजेक्ट हुए - 8,198
अब तक अप्रूव हुए- 18,112
इस तरह होता है आवेदन
- कैरेक्टर सर्टिफिकेट के लिए यूपी कॉप पर करें आवेदन।
- पेज खुलते ही उसमे नाम, पता, जन्म तिथि आदि भरना होता है।
- फोटो पहचान पत्र और अड्रेस प्रूफ भी साथ अपलोड करना होता है।
- आपके या परिवार के किसी भी सदस्य का आपराधिक रिकॉर्ड है तो उसे भी दर्शाना होता है।