गोरखपुर (ब्यूरो).शनिवार को बारिश से फिर असुरन चौक स्थित राप्ती कांप्लेक्स में पानी घुस गया। इससे व्यापारी परेशान हुए। उन्होंने सामानों को दुकान के काउंटर पर रखकर सुरक्षित किया। पूर्वांचल उद्योग व्यापार मंडल के महानगर अध्यक्ष व स्थानीय कारोबारी मणि नाथ गुप्ता ने बताया कि व्यापार बंधु की मीटिंग में जिला प्रशासन से मांग की गई थी कि ऐसी व्यवस्थ कर दी जाए कि जलभराव न हो, लेकिन ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
बारिश से सूखती फसलों को जीवनदान मिल गया है। पहले जहां अनुमान था कि जिले में 50 प्रतिशत तक फसल बर्बाद हो जाएगी, अब वह घटकर 10 प्रतिशत हो गई है। इस बार अच्छी पैदावार के आसार हैं।
अरविंद कुमार सिंह, उप निदेशक कृषि
बारिश की संभावना इस महीने के अंत तक है। हालांकि अब हल्की बारिश के ही आसार हैं। शनिवार को करीब 28 एमएम बारिश हुई।
- जय प्रकाश गुप्ता, मौसम विज्ञानी
नगर निगम की टीमें जलभराव को खत्म करने के लिए जुटी हुई हैं। जहां से भी शिकायत आ रही है तत्काल जलभराव को दूर कराया जा रहा है। भारी बारिश से आई परेशानी को जल्द दूर कराया लिया जाएगा।
अविनाश सिंह, नगर आयुक्त
कंट्रोल रूम में शिकायतें, कर्मी समाधान में जुटे
जोरदार बारिश से आई जलभराव की परेशानी पर लोग नगर निगम के कंट्रोल रूम में फोन लगाते रहे। शनिवार को कुल 16 शिकायतें आईं। नगर निगम प्रशासन का कहना है कि सभी जगहों पर टीम भेज दी गई है, समस्या का समाधान कराया जा रहा है। इधर, सिटी के लोगों का कहना है कि निगम कर्मी काफी सुस्त गति से काम रहे हैं, इससे जलभराव की समस्या खत्म नहीं हो पा रही है।
पब्लिक ने बताई पीड़ा
1. महेवा ट्रांसपोर्ट नगर कॉलोनी के एसरार ने कंट्रोल रूम में फोन कर बताया कि पुलिस चौकी के पास जलभराव हो गया है। जानकारी पर निगम कर्मी ने पंप चलवाकर जलभराव को दूरा कराया।
2. भगत चौराहा निवासी मनीष उपाध्याय ने बताया कि घर के सामने जलभराव को दूर कराने के लिए कंट्रोल रूम में फोन किया, लेकिन कोई कर्मी नहीं आया। इसकी वजह से घर से बाहर निकलने के लिए पानी के बीच से जाना पड़ रहा है।
किसानों में खुशी
कौड़ीराम के बरडीहा निवासी किसान राजेश्वर ने बताया कि धान की फसल को बारिश की अत्याधिक जरूरत होती है। पहले जहां फसलें सूखने के कगार पर थीं अब बारिश से उन्हें संजीवनी मिली है। बारिश किसानों के लिए वरदान साबित हो रही है। सभी किसान इससे खुश हैं।
धनौड़ा खुर्द के अतुल राय ने बताया कि बारिश से धान की फसलें लहलहा रही हैं। पहले बारिश न होने से किसान परेशान थे। इंद्रदेव से बारिश की कामना कर रहे थे जो अब पूरी हुई। बारिश किसानों के लिए खुशियां लेकर आई है।