- गोरखपुर में बिना रजिस्ट्रेशन ही चल रहे हैं 2700 कोचिंग संस्थान

-क्षेत्रीय उच्च शिक्षा विभाग की टीम ने जारी की लिस्ट, होगी कार्रवाई

केस-1

डीआईजी बंगला रोड पर स्थित एक कोचिंग सेंटर संचालक ने अपने स्टूडेंट्स को किसी दूसरे संचालक को सुपुर्द कर दिया। स्टूडेंट्स ने संचालक को पूरी फीस दे दी थी लेकिन नया संचालक उनसे फिर फीस मांगने लगा। दर्जनों छात्र कोचिंग संचालक के खिलाफ जहां-तहां कार्रवाई की गुहार लगाते रहे लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।

केस-2

खोराबार स्थित एक कोचिंग में 150 से अधिक स्टूडेंट्स थे लेकिन संचालकों के बीच तकरार से कोचिंग बंद हो गई। स्टूडेंट्स ने फीस वापस मांगी तो फीस रिटर्न नहीं की गई। स्टूडेंट्स ने इसकी कंप्लेन जिला प्रशासन के अधिकारियों से भी की लेकिन कहीं कोई कार्रवाई नहीं हुई।

<- गोरखपुर में बिना रजिस्ट्रेशन ही चल रहे हैं ख्700 कोचिंग संस्थान

-क्षेत्रीय उच्च शिक्षा विभाग की टीम ने जारी की लिस्ट, होगी कार्रवाई

केस-क्

डीआईजी बंगला रोड पर स्थित एक कोचिंग सेंटर संचालक ने अपने स्टूडेंट्स को किसी दूसरे संचालक को सुपुर्द कर दिया। स्टूडेंट्स ने संचालक को पूरी फीस दे दी थी लेकिन नया संचालक उनसे फिर फीस मांगने लगा। दर्जनों छात्र कोचिंग संचालक के खिलाफ जहां-तहां कार्रवाई की गुहार लगाते रहे लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।

केस-ख्

खोराबार स्थित एक कोचिंग में क्भ्0 से अधिक स्टूडेंट्स थे लेकिन संचालकों के बीच तकरार से कोचिंग बंद हो गई। स्टूडेंट्स ने फीस वापस मांगी तो फीस रिटर्न नहीं की गई। स्टूडेंट्स ने इसकी कंप्लेन जिला प्रशासन के अधिकारियों से भी की लेकिन कहीं कोई कार्रवाई नहीं हुई।

GORAKHPUR: GORAKHPUR: यह दो केसेज बताते हैं कि जिले में कोचिंग चलाने के नाम पर किस तरह से गोरखधंधा चल रहा है। बोर्ड एग्जाम हो या फिर किसी कॉम्प्टीशन की तैयारी। शहर के कोचिंग संस्थान इसमें सफलता दिलाने के दावे कर देते हैं। लेकिन असलियत यह है कि इनमें से अधिकांश कोचिंग संस्थान रजिस्टर्ड ही नहीं हैं। दूसरे शब्दों में कहें तो फर्जी तैयार कर रहे हैं मेधावी। जिले में संचालित एक-दो नहीं, बल्कि ख्700 कोचिंग संस्थान फर्जी हैं। एक तरफ तो ये संस्थान टैक्स न देकर गवर्नमेंट को चूना लगा रहे हैं। साथ ही हजारों स्टूडेंट्स के भविष्य के साथ भी खिलवाड़ कर रहे हैं। अब क्षेत्रीय उच्च शिक्षा विभाग बगैर रजिस्ट्रेशन वाले सभी कोचिंग संस्थानों पर कार्रवाई की तैयारी में है।

विभाग ने किया गोपनीय सर्वे

फीस जमा कराकर फरार हो जाने, अधिक फीस लेकर भी अच्छी शिक्षा नहीं देने, मनमानी फीस वसूलने जैसी तमाम शिकायतें कोचिंग संस्थानों के बारे में मिलती रहती हैं। लेकिन, हकीकत यह है कि इन संस्थानों में कुछ नहीं, बल्कि बहुत कुछ गड़बड़ है। अधिकतर का तो रजिस्ट्रेशन ही नहीं है। यानी वे अवैध तरीके से संचालित हो रही हैं। तमाम शिकायतों के बाद गोरखपुर के दाउदपुर स्थित क्षेत्रीय उच्च शिक्षा विभाग की टीम ने जिले में चलने वाले कोचिंग संस्थानों का गोपनीय सर्वे किया। सर्वे की रिपोर्ट अब जारी कर दी गई है जो काफी चौंकाने वाली है। इसके अनुसार, जिले में सिर्फ ख्भ्ख् कोचिंग संस्थान ही रजिस्टर्ड हैं। वहीं ख्700 से अधिक कोचिंग संस्थान अवैध तरीके से संचालित हो रहे हैं।

क्ख्0 का रिन्यूअल ही नहीं

क्षेत्रीय उच्च शिक्षा विभाग में कोचिंग रजिस्ट्रेशन का काम देखने वाली टीम के प्रभारी रवींद्र यादव ने इस बारे में जानकारी दी। उनके मुताबिक रजिस्ट्रेशन के वक्त स्टूडेंट्स की सही संख्या छुपाने वालों की भी जांच की जा रही है। इनकी अलग लिस्ट तैयार हो रही है। वहीं रिन्यूअल नहीं कराने वाले कोचिंग संस्थानों पर भी नजर है। जिले में क्ख्0 से अधिक कोचिंग संस्थान रजिस्टर्ड तो हैं लेकिन उन्होंने रिन्यूअल नहीं कराया है।

यह है नियम

क्षेत्रीय उच्च शिक्षा विभाग के अनुसार, शासन का आदेश है कि जिले भर में चल रहे कोचिंग संस्थान की मॉनिटरिंग की जाय। संस्थानों का रजिस्टर्ड होना आवश्यक है। इसका जिम्मा क्षेत्रीय उच्च शिक्षा विभाग की टीम पर है। स्टूडेंट्स की संख्या के अनुसार टीम रजिस्ट्रेशन करती है और संख्या में गड़बड़ी होने पर कार्रवाई करती है। क्-ख्0 तक के स्टूडेंट्स को पढ़ाने के लिए एक हजार रुपए तक रजिस्ट्रेशन चार्ज लगता है। जानकारी छुपाने पर दस गुना तक जुर्माना लगाने का प्रावधान है।

हैरान करता आंकड़ा

ख्700- अवैध कोचिंग

ख्भ्ख्- वैध कोचिंग

क्ख्0 - रिन्यूअल नहीं

क्भ् दिन के भीतर कार्रवाई

यदि आप स्टूडेंट हैं और किसी कोचिंग में किसी तरह की गड़बड़ी है तो आप इसकी कंप्लेन दाउदपुर स्थित क्षेत्रीय उच्च शिक्षा विभाग के कार्यालय में कर सकते हैं। शिकायत के ठीक क्भ् दिन के भीतर संबंधित कोचिंग संचालक के खिलाफ जांच कर कार्रवाई की जाएगी।

वर्जन

जिले भर में बगैर रजिस्ट्रेशन के चल रहे कोचिंग संचालकों पर कार्रवाई के लिए टीम ऑलरेडी काम कर रही है। बहुत ही जल्द इस तरह के कोचिंग संचालकों के खिलाफ कार्रवाई सुनिश्चित कराई जाएगी।

-डॉ। राजीव पांडेय, क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारी, गोरखपुर