गोरखपुर (अमरेंद्र पांडेय)।ऐसे में स्टैंडर्ड फूड लेकर ही लाइफ को सेफ किया जा सकता है। गोरखपुर में ऐसे भी रेस्टोरेंट और होटल हैं, जिन्हें एफएसएसएआई की ओर से एक्सीलेंट रैंकिंग मिली है। लिहाजा सेफ फूड के लिए गोरखपुराइट्स को अलर्ट रहने की भी जरूरत है।
इसलिए मनाते हैं वल्र्ड फूड सेफ्टी डे
हर साल 7 जून को 'वल्र्ड फूड सेफ्टी डे' मनाया जाता है। इसे मनाने के पीछे का उद्देश्य यह होता है कि लोगों को खाने की क्वालिटी के बारे में जागरूक किया जा सके। हममें से बहुत सारे लोग अपने घर, दुकानों या होटलों में खाना खाते वक्त यही सोचते हैं कि जो हम खा रहे हैं उसकी क्वालिटी अच्छी होगी, लेकिन ऐसे खाने में इस्तेमाल होने वाले तेल, सब्जियों, आटा, मैदा और अन्य अनाज के बारे में किसी को पता ही नहीं होता कि उसकी क्वालिटी कैसी है। इस वजह से कई बार हम गुणवत्ताहीन खाना खा लेते हैं, जो हमारी सेहत के लिए घातक होता है। वल्र्ड फूड सेफ्टी डे 2023 का थीम फूड स्टैैंडड्र्स सेव लाइव्स रखा गया है।
89 होटल-रेस्टोरेंट की हुई थी हाइजिन रेटिंग
फूड एंड सेफ्टी डिपार्टमेंट से लाइसेंस लेकर होटल-रेस्टोरेंट में परोसे जाने वाले खानपान के रखरखाव के लिए हाइजिन की रेटिंग एफएसएसएआई की तरफ से कराई जाती है। होटल व रेस्टोरेंट को अस्थाई रेटिंग देने के साथ-साथ रैैंकिंग भी दी जाती है। जो साल भर के मान्य है। इसे हर बार बरकरार या बेहतर करने के लिए होटल-रेस्टोरेंट को अपना ऑडिट कराना होता है। पिछले साल हुई रेटिंग में गोरखपुर के 89 होटल-रेस्टोरेंट की हाइजिन रेटिंग हुई थी।
ऐसे मिलता है स्कोर
कैटेगरी - परसेंट में स्कोर
एक्सीलेंट - 81-100
वेरी गुड - 61-80
गुड - 41-60
नीड्स इंपॉवरमेंट - 21-40
पुअर - बिलो 20 परसेंट
इन होटल-रेस्टोरेंट को मिली एक्सीलेंट रैैंक
- गणेश मिष्ठान
- चौधरी स्वीट हाउस
- निर्वाण सरोवर पोर्टिको
- सिनेमन रेस्टोरेंट
- रंगरेजा रेस्टोरेंट
- होटल पार्क रिजेंसी
- क्ले किचन रेस्टोरेंट
- बर्गर किंग
- डोमिनोज एंड पिज्जा
- जुबिएिंट फूड वक्र्स
एक नजर में फूड सैंपलिंग
- 2185 प्रतिष्ठानों का इंस्पेक्शन
- 246 प्रतिष्ठानों पर छापेमारी
- 320 प्रतिष्ठानों से लिए गए सैैंपल
- 434 सैैंपल की लैब से आई रिपोर्ट
- 190 सैैंपल रिपोर्ट में सब स्टैंडर्ड
- 7 सैैंपल अनसेफ
- 66 सैैंपल में नियमों का उल्लंघन
- 261 सैैंपल की रिपोर्ट फेल
- 207 मामले कोर्ट में दाखिल
- 6 अपर न्यायिक मजिस्ट्रेट कोर्ट में
- 31.12 लाख रुपए जुर्माना वसूला
(नोट: आंकड़े फूड सेफ्टी डिपार्टमेंट की ओर से अप्रैल 2022 से दिसंबर 2022 तक के हैं.)
इम्पॉर्टेंट फैक्ट
- डब्लूएचओ प्रतिनिधि डॉ। संदीप पाटिल ने बताया, खराब खाने के कारण एक दिन में करीब 16 लाख लोग बीमार हो जाते हैं।
- पांच साल से कम उम्र के 340 बच्चे खराब क्वालिटी वाले खाने की वजह से अपनी जान हर रोज गंवा देते हैं।
- डब्लूएचओ के अनुसार डायरिया और कैंसर सहित करीब 200 बीमारियां ऐसी हैं जो अनसेफ फूड की वजह से होती हैं।
5 फूड सेफ्टी फैक्टर, जिन्हें ध्यान रखना जरूरी
1. फूड प्रिपरेशन - खाना बनाने से पहले हमेशा साबुन से हाथ धोएं। साफ बर्तन इस्तेमाल करें। अधपका खाना या छिलके या वेस्ट मुख्य खाने से अलग रखें। खाना एक निश्चित आग पर पकाएं।
2. फूड स्टोरेज -कई लोगों को नहीं पता होता कि कौन सी चीज फ्रि ज में रखनी है, कौन सी नहीं या किन चीजों को ढंककर पकाना है और किन्हें खुले में। फूड स्टोरेज का मकसद यही है कि खाने में बैक्टीरिया न लगे।
3. फूड टेंप्रेचर - खाने का टेंप्रेचर उसकी क्वालिटी प्रभावित करता है। इसलिए फ्रि ज में कच्चे और पकाने के बाद कौन सा खाना रखें इसके बारे में पूरी जानकारी होनी चाहिए।
4. फूड हैंडलिंग - जब भी खाना बनाने की तैयारी होती है तो कुछ चीजें खराब होने लगती है। या कई बार सब्जियां ठीक से धुली नहीं होती। ज्यादातर लोग सेचुरेटेड तेल का इस्तेमाल खाना पकाने में करते हैं। यानि खाना जब पका रहे हों तो साफ-सफाई और जो प्रोडक्ट आप यूज कर रहे हैं उसका ख्याल रखें।
5. फूड एक्सपायरी - गांवों को छोड़ दें तो आजकल सभी बाजार से खरीदे गए सामान, सब्जियों पर ही निर्भर हैं। इसलिए अगर पैकेट वाले फूड खरीद रहे हैं तो इस बात का ध्यान रखें कि वो एक्सपायर न हों।
खाद्य सुरक्षा की तरफ से होटल, रेस्टोरेंट व ढाबा पर मिलने वाले खाद्य पदार्थों की हाइजिन की रैैंकिंग कराई जाती है। खाने की क्वालिटी को चेक किया जाता है। फूड सेफ्टी डे पर कार्यक्रम कर लोगों को अवेयर किया जाएगा।
कुमार गुंजन, सहायक आयुक्त सेकेंड, फूड सेफ्टी डिपार्टमेंट