गोरखपुर (ब्यूरो)।इसका पता इस बात से ही चलता है कि बीते छह माह के दौरान यहां हजारों वाहनों का चालन कर उनसे करीब 2 करोड़ रुपए से अधिक शमन शुल्क वसूला गया है। इसके बाद भी यहां जाम की समस्या खत्म नहीं हो सकी है। इसका प्रमुख कारण यह है कि चौराहों पर तैनात ट्रैफिक पुलिसकर्मियों का ध्यान सिर्फ चालान काटने पर रहता है, वहीं ट्रैफिक कंट्रोल करने का अघोषित रूप से होमगार्डों के कंधों पर आ चुका है। सिटी को जाम मुक्त करने के लिए ई-रिक्शा और ऑटो को व्यवस्थित खड़े कराने, डग्गामार बसों को हटवाने और रूट निर्धारण जैसी सभी कवायद ठंडे बस्ते में हैं।

धर्मशाला, मोहद्दीपुर, टीपीनगर में रोज जाम

धर्मशाला, मोहद्दीपूर, टीपीनगर चौराहा, रेती रोड, घंटा घर, गोलघर, बेतियाहाता, पैडलेगंज से यूनिवर्सिटी चौराहा आदि स्थानों पर जहां हर दिन जाम जाम लगता है। कई बार ट्रैफिक डिपार्टमेंट की ओर से इन प्वाइंट पर जाम खत्म करने की योजनाएं बनाई गईं, लेकिन जमीनी स्तर पर काम न होने से नतीजा सिफर हो रहा।

ट्रैफिक पुलिस चालान काटने में व्यस्त

गोरखपुर में कई चौराहे ऐसे हैं, जहां अक्सर ट्रैफिक का लोड अधिक रहता है। ड्यूटी पर तैनात ट्रैफिक पुलिस सिर्फ चालान काटने में मशगूल रहती है और पब्लिक जाम से जूझती रहती है। अगर ट्रैफिक पुलिस सही दिशा में काम करते तो जाम की समस्या से निजात मिल सकता है।

चालान चालान शमन शुल्क

हेलमेट 87,827 10,16,80,00

सीट बेल्ट 3028 11,91,000

मोबाइल 761 6,15,000

नो पार्किंग 30,425 21,01,500

ट्रैफिक सिग्नल 6974 10,21,000

तीन सवारी 13,213 9,36,500

ओवर स्पीडिंग 3990 9,22,000

अन्य चालान 42,505 48,59,400

(नोट: आंकड़ा एक जनवरी 2023 से लेकर जून तक का है। कुल चालान 1,88,757 चालान काटकर 21,82,4400 रुपए शमन शुल्क वसूला गया.)

ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करने वालों का चालान करवाया जा रहा है। नियम का पालन नहीं करने वालों का ऑनलाइन और ऑफलाइन चालान कर जुर्माना वसूला जा रहा है। लोगों को जुर्माना चालान से बचने के लिए ट्रैफिक नियमों का पालन करना चाहिए। ताकि शहर को जाम से मुक्त कराया जा सके और दुर्घटनाओं पर अंकुश लग सके।

- श्याम देव, एसपी ट्रैफिक गोरखपुर