आई एक्सक्लूसिव

- कनेक्शन के बाद से न विभाग ने कभी बिल दिया, न कंज्यूमर्स ने पेमेंट किया

- चार साल में कभी विभाग ने न टोका, न रोका, बिना बिल जमा किए कंज्यूमर्स कंज्यूम करते रहे बिजली

- विभाग में शुरू हुई गोपनीय जांच, विभाग में मचा हड़कंप

GORAKHPUR: बिजली विभाग दावे के मुताबिक बिजली देने में तो फेल है ही, जितनी बिजली वह दे रहा है उसकी कीमत तक वसूल नहीं कर पा रहा। विभाग की लापरवाही का इससे बड़ा नजीर और क्या होगा कि वह अपने कंज्यूमर्स को कनेक्शन देकर भूल चुका है। चार साल में न तो इन कंज्यूमर्स के पास बिल भेजा और न ही बकाए में बिजली काटने की कार्रवाई की। विभाग चुपचाप उन्हें बिजली देता रहा और कंज्यूमर्स भी बिल नहीं मिलने का फायदा उठाते हुए बिना बकाया जमा किए बिजली का मजा लेते रहे। विभाग के अंदर गोपनीय जांच में ऐसे 12 हजार कंज्यूमर्स सामने आए हैं, जिन्हें 4 साल में एक बार भी बिल नहीं दिया गया। इन पर करीब 10 करोड़ रुपए का बकाया है लेकिन विभाग में इसका ऑनलाइन रिकॉर्ड तक मेंटेन नहीं है। अब इतने रुपए एक साथ वसूल कर पाना जितना मुश्किल विभाग के लिए है, उतना ही मुश्किल ये रुपए दे पाना कंज्यूमर्स के लिए भी है। यह मामला सामने आने के बाद विभाग में हड़कंप मचा हुआ है।

2012 से गड़बड़ी

बिजली विभाग में 2012 से ऑनलाइन सिस्टम शुरू हुआ। एक तरफ ऑनलाइन प्रक्रिया शुरू हुई, दूसरी तरफ कनेक्शन देना भी जारी रहा। इस दौरान हुए कनेक्शन की ऑनलाइन फीडिंग नहीं हो पाई। कनेक्शन होने के बाद कंज्यूमर्स बिजली का मजा लेने लगे और विभाग के पास उनका ऑनलाइन रिकॉर्ड मेंटेन नहीं होने के कारण वह उनको बिल भेजना ही भूल गया। फीडिंग नहीं होने के कारण कंज्यूमर्स पर कोई बकाया शो नहीं हो रहा था। जिससे कंज्यूमर्स भी बिना बिल का भुगतान किए आराम से बिजली कंज्यूम करते रहे।

विभाग के पास रिकॉर्ड

विभाग के पास नए कनेक्शन के रिकॉर्ड में इन सभी कंज्यूमर्स का डिटेल्स तो है लेकिन ऑनलाइन नहीं होने के कारण जब भी बकाया वसूली अभियान चला, ये कंज्यूमर्स इससे बच गए। विभाग भी ऑनलाइन रिकॉर्ड के आधार पर भी बिल वसूल करता रहा और अपने 12 हजार कंज्यूमर्स को भूला रहा। इस बीच विभाग में कराई गई गोपनीय जांच में यह मामला सामने आया। जिसके बाद विभागीय अधिकारियों के होश उड़ गए।

एमडी ने पूछा कारण

गोपनीय जांच में यह मामला सामने आने के बाद पूर्वाचल विद्युत वितरण निगम के एमडी एके सिंह ने गोरखपुर महानगर के एसई को पत्र भेजा। पत्र मिलते ही विभाग में हड़कंप मच गया। एमडी ने जांच में सामने आए 12 हजार कंज्यूमर्स के बारे में डिटेल्स मांगा है। पूछा है कि ये कंज्यूमर्स कौन हैं, इन पर कितना बकाया है और अभी तक इनका बिल क्यों जमा नहीं हुआ? पत्र मिलने के बाद विभाग में अफरातफरी की स्थिति है। ऐसे कंज्यूमर्स के डिटेल्स एकत्र कर ऑनलाइन फीडिंग कर बिल भेजने और बकाया वसूलने की तैयारी चल रही है।

इन डिविजन में इतना बकाया

डिविजन कंज्यूमर्स बकाया

फ‌र्स्ट 4500 6 करोड़

सेकेंड 3500 3 करोड़

थर्ड 4000 3 करोड़

वर्जन

एमडी की तरफ से पत्र आने के बाद कंज्यूमर्स की तलाश की जा रही है। बिल न भेजना विभाग की तकनीकी कमी है तो बिल जमा न करना कंज्यूमर्स की मनमानी है। अब ऐसे कंज्यूमर्स को चिन्हित कर उनसे पूरा बकाया वसूल किया जाएगा।

- एके सिंह, एसई, महानगर विद्युत वितरण निगम