- कारागार में बज रही मोबाइल की घंटी
- बदमाशों के काल ट्रैस कर रही पुलिस
GORAKHPUR: जिला कारागार में पुलिस-प्रशासन की छापेमारी बेअसर होने की गहन छानबीन की जा रही है। जेल में बंद बदमाशों के बाहरी संपर्क तलाशने में लगी पुलिस को अहम सुराग मिले हैं। जेल की चहार दीवारी के भीतर मोबाइल की घंटी बजने की सूचना पर एसटीएफ जांच में लगी है। करीब एक सौ मोबाइल नंबर्स को राडार पर लेकर पुलिस ट्रेस कर रही है।
बंदियों को मिलती विशेष सुविधाएं
मंडलीय कारागार में बंदियों को विशेष सुविधाएं देने की शिकायतें अफसरों को मिलती हैं। शिकायतों के आधार पर होने वाली छापेमारी में कई बार जेल के भीतर मोबाइल फोन बरामद किया। इसी माह में डीएम और एसएसपी की मौजूदगी में भारी पुलिस ने जेल की तलाशी ली। इस दौरान तन्हाई बैरक में सेटअप बॉक्स से जुड़ा टीवी चलता हुआ मिला। तन्हाई बैरक में बंदी टीवी चैनल्स के मजे ले रहे थे। आरोप है कि राजनेताओं और कुख्यात बदमाशों को जेल के भीतर विशेष सुविधाएं दी जाती हैं। 24 मई की रात डीआईजी जेल के निरीक्षण में बंदियों को सुविधाएं देने की असलियत सामने आई। हाई सिक्योरिटी बैरक में मच्छरदानी तानकर सात बंदी मिले। जेल मैन्युल के खिलाफ बंदियों के मच्छरदानी यूज करने पर तीन बंदी रक्षकों के खिलाफ कार्रवाई हुई।
डीएम को मिले सिर्फ मोबाइल चार्जर
इसके पहले 13 मई की रात डीएम और एसएसपी ने जेल में छापेमारी की। रात में करीब नौ बजे दलबल के साथ पहुंचे अधिकारी करीब तीन घंटे तक जेल की तलाशी लेते रहे। इस दौरान चाकू, टीवी, सेटअप बॉक्स के अलावा मोबाइल के चार चार्जर बरामद हुए। बंदियों की सक्रियता से प्रशासनिक अफसर मोबाइल नहीं बरामद कर सके। मोबाइल न बरामद होने पर दूसरे दिन जेल में खूब जश्न रहा। जेल से जुड़े लोगों का कहना है कि कुछ बंदियों ने एक जेल अधिकारी से कहा हम लोग मोबाइल बचाने में कामयाब रहे। जेल अधिकारी ने उनको आश्वस्त किया कि आगे भी वह इसी तरह से सतर्क रहे।
रंगदारी मांगने से बढ़ी निगरानी
मई माह में बड़हलगंज के चार डॉक्टर्स सहित कई लोगों से रंगदारी मांगी गई। जिला पुलिस के साथ-साथ क्राइम ब्रांच और एसटीएफ भी जांच पड़ताल में लगी। इस दौरान सामने आया कि जेल में बंद कुछ बदमाश मोबाइल यूज करके बाहर की दुनिया से संपर्क साध रहे हैं। बाहर रहने वाले उनके गुर्गे रंगदारी की रकम वसूल रहे हैं। इस बीच खोराबार एरिया में एक मुठभेड़ में एसटीएफ ने शातिर बदमाश धर्मेद्र सिंह को ढेर कर दिया। तब सामने आया कि जेल के भीतर बंद धर्मेद्र के साथी रंगदारी मांगते थे। रकम न मिलने पर बाहर घूम रहा धर्मेद्र लोगों को गोली मारकर दहशत फैला रहा था। इस प्रकरण के बाद पुलिस को करीब सौ ऐसे मोबाइल नंबर्स मिले जो सलाखों के पीछे काम कर रहे हैं।
पॉस्ट हिस्ट्री
24 मई 2016: डीआईजी जेल का छापा, हाई सिक्योरिटी बैरक में सात बंदियों के पास से मच्छरदानी बरामद।
13 मई 2016: जेल में डीएम और एसएसपी का छापा, चाकू, मोबाइल चार्जर, कलर टीवी, सेटअप बाक्स बरामद।
24 फरवरी 2016: जिला कारागार में छापेमारी के दौरान छह मोबाइल सेट, सिमकार्ड, चाकू सहित कई आपत्तिजनक सामान बरामद।
जेल के भीतर शातिर बदमाशों की गतिविधियों पर नजर रखा जाता है। जांच में सामने आया है कि करीब एक सौ मोबाइल नंबर्स ऐसे हैं जिनकी लोकेशन जेल के आसपास मिली है। उनको ट्रेस करके पड़ताल की जाएगी।
विकास चंद त्रिपाठी, सीओ एसटीएफ गोरखपुर यूनिट