-शहर को जाम और निगम का आय बढ़ाने के लिए डीएम ने बनाई रणनीति
-अब कॉमर्शियल वाहनों को देना होगा अनुज्ञा शुल्क, इससे पार्किंग की होगी व्यवस्था
- नगर आयुक्त ने आरटीओ को लिखा लेटर, निगम की एनओसी के बाद ही मिलेगा फिटनेस सर्टिफिकेट
GORAKHPUR: शहरवासियों को जाम के झाम से मुक्ति दिलाने और नगर निगम के आय को बढ़ाने का अधिकारियों ने नया प्लान तैयार कर लिया है। निगम कॉमर्शियल वाहनों से हर साल अनुज्ञा शुल्क लेकर इनके लिए शहर की प्रमुख जगहों पर पार्किग की व्यवस्था करेगा। वहीं, पार्किग स्थल की साफ-सफाई का इंतजाम भी नगर निगम अनुज्ञा शुल्क से होने वाली आय से करेगा। एक जनवरी से नगर निगम अनुज्ञा शुल्क की वसूली को कड़ाई के साथ लागू करेगा। दरअसल होता यह है शहर में कॉमर्शियल गाडि़यों के पार्किंग के लिए कोई स्थान नहीं है। इससे वाहन रोड पर लोग लगा देते हैं। ऐसे में जाम का सामना करना पड़ता है।
आदेश में कहा गया है कि अनुज्ञा शुल्क जमा करने के बाद मिले एनओसी लेटर को दिखाने के बाद ही आरटीओ डिपार्टमेंट से वाहनों को फिटनेस सर्टिफिकेट मिल सकेगा। 400 से लेकर 800 रुपए तक अनुज्ञा शुल्क एक जनवरी से 31 दिसंबर तक के लिए वसूल ि1कया जाएगा।
दस जगहों पर बनेगी पार्किग
कॉमर्शियल वाहनों की पार्किग के लिए नगर निगम ने दस जगहों को चिह्नित कर लिया है। इन सभी जगहों पर पार्किग के अलावा उस जगह साफ-सफाई की व्यवस्था भी नगर निगम ही करेगा। नगर आयुक्त के विजयेंद्र पांडियन ने बताया कि 10 जगहों पर पार्किग स्थलों को चिह्नित कर लिया गया है। इसमें रेलवे बस स्टेशन के सामने दो एकड़ जमीन, एयरपोर्ट के पास एक एकड़ जमीन, गोरखपुर क्लब के सामने एक एकड़, थियोसोफिकल सोसाइटी कैंपस सहित 10 जगहों पर पार्किग के लिए जगहों का चुनाव हो गया है।
जमा नहीं होता 1000 रुपए शुल्क
अभी तक नगर निगम अनुज्ञा शुल्क के तौर पर हर साल 1000 रुपए ले रहा था। जमा करने की अनिवार्यता नहीं होने के कारण गाड़ी मालिक इसे जमा नहीं कर रहे थे। नगर आयुक्त के विजयेंद्र पांडियन ने गाडि़यों की क्षमता अनुसार अनुज्ञा शुल्क के रेट को बदल दिया है। उन्होंने इस संबंध में सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी को पत्र जारी कर दिया है। अभी तक निगम सभी कॉमर्शियल फोर व्हीलर मालिकों से 1000 रुपए अनुज्ञा शुल्क और 750 रुपए टैक्स एक गाड़ी से लेता था।
तो नहीं मिलेगा फिटनेस सिर्टफिकेट
आरटीओ की ओर से हर दो साल पर गाडि़यों को फिटनेस सर्टिफिकेट जारी किया जाता है। जिसके जरिए गाडि़यों को शहर में चलने की अनुमति दी जाती है। अब कॉमर्शियल वाहनों को आरटीओ फिटनेस सर्टिफिकेट तब तक नहीं जारी करेगा जब तक कि नगर निगम की ओर से अनुज्ञा शुल्क के संबंध में गाड़ी को एनओसी नहीं मिल जाता। निगम ने सभी गाडि़यों के लिए हर साल की दर भी तय कर दी है। अनुज्ञा शुल्क से निगम ने निजी गाडि़यों को पूरी तरह मुक्त रखा है।
400 से 800 रुपए लेगा निगम
नगर निगम एरिया में संचालित होने वाले सभी कॉमर्शियल वाहनों का हर साल अनुज्ञा शुल्क तय कर दिया गया है। गाड़ी मालिकों को इसके भुगतान के बाद ही आरटीओ से फिटनेस सर्टिफिकेट मिलेगा। दो सीटर ऑटो रिक्शा के लिए 400 रुपए एक गाड़ी से एक वर्ष के लिए लिया जाएगा। इसके अलावा फोर सीटर ऑटो रिक्शा से 600 रुपए और सात सीटर गाड़ी से प्रतिवर्ष 800 रुपए अनुज्ञा शुल्क के तौर पर लिया जाएगा।
शहर में गाडि़यां
कार- 22614
ट्रैक्टर्स- 23978
जीप - 18493
ओमनी बस- 93
ट्रेलर्स - 209
अदर व्हीकल्स - 318
ट्रांसपोर्ट व्हीकल्स - 34715
कुल वाहनों की संख्या- 8,17,428
वर्जन
कॉमर्शियल वाहनों से अनुज्ञा शुल्क की वसूली को एक जनवरी से लागू किया जाएगा। नहीं देने वालों के खिलाफ सख्ती की जाएगी। अनुज्ञा शुल्क से होने वाली आय से कॉमर्शियल वाहनों के लिए पार्किग व साफ-सफाई की अन्य सुविधाएं दी जाएंगी।
-के विजयेंद्र पांडियन, डीएम व नगर आयुक्त