गोरखपुर (ब्यूरो)।अभी तक किसी भी फर्म के फाइनल नहीं होने के कारण गोरखपुर में 1.64 लाख वाहन स्क्रैपिंग के इंतजार में हैं। जबकि 31 मई से वाहनों की स्क्रैपिंग शुरू की जानी थी।
345 सरकारी वाहन 15 वर्ष पुराने
नई स्क्रैप पॉलिसी के तहत पहले चरण में सरकारी वाहन कंडम घोषित किए गए हैं। अगले साल एक अप्रैल से 15 वर्ष पूरे कर चुके कॉमर्शियल वाहन कंडम हो जाएंगे। तीसरे चरण यानि एक अप्रैल 2025 से निजी टू व्हीलर और फोर व्हीलर वाहन कंडम होंगे। आरटीओ में दर्ज रिकॉर्ड के अनुसार गोरखपुर में 345 सरकारी वाहन 15 वर्ष से अधिक पुराने हो चुके हैं।
कई पुराने वाहनों के री-रजिस्ट्रेशन नहीं
गोरखपुर में रजिस्टर्ड 10.71 लाख वाहनों में 1.31 लाख वाहन 15 वर्ष की उम्र पूरी कर चुके हैं। इसमें मोटरसाइकिल की संख्या 1,06,251 है। जबकि मोपेड 2049 हैं और फोर व्हीलर की संख्या 20,648 है। इनसे अधिकतर के रजिस्टे्रशन का रीन्युअल नहीं हुआ है। कुछ वाहन प्रदूषण फैलाने के साथ दुर्घटनाओं को दावत दे रहे हैं। तो कुछ दरवाजे या दुकानों पर खड़े हैं। उम्र पूरी करने के बाद भी वाहन मालिकों ने इन वाहनों का पुन: रजिस्ट्रेशन नहीं कराया है।
मोटर यानों की स्क्रैपिंग के लिए आरवीएसएफ की सुविधा
आरटीओ के अनुसार भारत सरकार के 23 सितंबर 2021 द्वारा अधिसूचित मोटरयान यान स्क्रैपिंग सुविधा का रजिस्ट्रेशन और कार्य नियम-2021 के प्रावधानों के तहत प्रदेश के ऐसे यानों जिनका रजिस्ट्रीकरण प्रमाण पत्र का रीन्युअल न किया गया हो, फिटनेस प्रमाण-पत्र समाप्त हो गया हो, आग, दंगा, प्राकृतिक आपदा, दुर्घटना या अन्य किसी आपदा के कारण क्षतिगस्त वाहनों तथा अन्य अनुपयोगी प्रकार के यानों की स्क्रैपिंग के लिए रजिस्ट्रीकृत यान स्क्रैपिंग सुविधा केंद्र आरवीएसएफ स्थापित किए गए हैं।
स्टेट में 24 व्हीकल स्क्रैपिंग फैसेलिटी सेंटर रजिस्टर्ड
नेशनल सिंगल विंडो सिस्टम की वेबसाइट www.ppe.nsws.gov.in/portal/scrappagepolicy पर आरवीएसएफ के आवेदन भी आमंत्रित किए जा रहे हैं। वर्तमान में कुल 24 रजिस्टर्ड व्हीकल स्क्रैपिंग फैसेलिटी सेंटर्स प्रदेश में रजिस्टर्ड हो चुके हैं। जबकि 12 अन्य जिलों में इसके लिए आवेदन किए गए हंै।
स्क्रैपिंग सेंटर के ये शर्तें जरूरी
नई स्क्रैप पॉलिसी के तहत 15 साल से पुराना कामर्शियल वाहन और पुराने प्राइवेट वाहन हटाए जाने हैं।
आवेदन के लिए नियम
-कोई भी व्यक्ति या संस्था स्क्रैपिंग सेंटर बनाने के लिए आवेदन कर सकता है। वाहन कबाड़ सेंटर स्थापित करने के लिए सड़क के पास 1 से 3 एकड़ जमीन होनी चाहिए।
-एक सिंगल विंडो क्लियरेंस पोर्टल ऐसे आवेदनों की जांच और मंजूरी के लिए बनाया गया है।
-ऐसे यात्री वाहन या कामर्शियल वाहन जिनका दोबारा रजिस्ट्रेशन नहीं हो सकता या फिर वो सड़क पर चलने लायक नहीं हैं।
-ऐसे वाहन जो आग, दुर्घटना या प्राकृतिक आपदा के कारण खराब हो चुके हैं, उन्हें भी कंडम घोषित कर कबाड़ में तब्दील किया जाएगा।
-हर स्क्रैप सेंटर पर ऑटोमोबाइल या मैकेनिकल इलेक्ट्रानिक या केमिकल इंजीनियरिंग में ग्रेजुएट डिग्री होना जरूरी है।
-भूमि मालिक के अलावा एक डाटाबेस एडमिनिस्ट्रेटर, दो ड्राइवर और एक मेंटेनेंस टेक्नीशियन की जरूरत होगी।
-स्क्रैप सेंटर में वाहन को तोडऩे और उससे अलग-अलग धातु निकालने के लिए अनिवार्य उपकरण भी होने चाहिए।
गोरखपुर में स्क्रैपिंग सेंटर खोलने के लिए दो फर्मों ने रुचि दिखाई है। मुख्यालय स्तर से प्रयास किया जा रहा है। जल्द ही फर्म नामित हो जाएगी। इसके बाद पुराने वाहनों को स्क्रैपिंग का कार्य शुरू करवाया जाएगा।
वीके सिंह, आरटीओ प्रवर्तन