BAREILLY:

शान, सत्यम शिवम सुंदरम, हरे रामा हरे कृष्णा जैसी फिल्मों में बेहतरीन अभिनय का जलवा बिखेरने वाली बॉलीवुड की फेमस एक्ट्रेस जीनत अमान आज भी लोगों के धड़कनों में बसती है। ट्यूजडे को एक कार्यक्रम में शरीक होने बरेली आयी जीनत की एक झलक पाने के लिए बरेलियंस बेताब दिखे। म्ब् की उम्र में भी उनके चेहरे पर एक अलग ही चमक बिखरी रही थी। बरेली की धरती पर पहली बार आयी जीनत अमान ने आई नेक्स्ट से कई अनछुए पहलुओं पर दिल खोल कर बातें शेयर की।

बरेली को बचपन से जानती हैं, आयी पहली बार

बरेली आने के एक सवाल पर जीनत अमान कॉमेडी अंदाज में जवाब देते हुए कहती है कि, बरेली झुमके ढूंढने आई हूं। हालांकि, जीनत पहली बार बरेली आयी हुई थी। लेकिन, बरेली को वो बचपन से जानती है। उन्होंने बताया कि, जब 'झुमका गिरा रे बरेली के बाजार' में सांग्स फिल्म के माध्यम से सुनने को मिला, तब से बरेली के बारे में जानती हूं। उस समय मैं बहुत छोटी थी। फिल्म में काम करना मेरे लिए एक सपना हुआ करता था।

बेहतरीन एक्सपीरियंस रहा बरेली आना

आज इतने वर्षो बाद बरेली और बरेली के लोगों को देखने का मौका मिला है। अब तक मैं यही जान सकी हूं कि, इस शहर के लोग अच्छे दिलवाले है। मेरा यहां आना मेरे लिए बेहतरीन एक्सपीरियंस रहा। यहां टैलेंट की कमी नहीं है। बस जरूरत है तो, कलाकारों के टैलेंट को तराशना। हर व्यक्ति के अंदर एक कलाकार होता है। बस जरूरत उसे पहचानने भर की होती है। बॉलीवुड में काम कर रहे एक्टर, एक्ट्रेस के बारे में जीनत अमान बताती कि, समय के साथ बॉलीवुड ने आज की डेट में एक अलग पहचान बना ली है। दूसरे कंट्रीज के कलाकार भी यहां काम करने के लिए आ रहे है। वर्तमान समय के कलाकारों के टैलेंट को कम आंकना नाइंसाफी और एक भूल करना भर है।

आइटम सांग्स को मानती है अच्छा

फिल्मों में आइटम सांग्स को किसी भी तरह से जीनत अमान बुरा नहीं मानती है। इनका कहना है कि, एक जमाना था जब हेलेन और बिंदू जैसे एक्ट्रेस के दम पर फिल्में सुपरहिट होती थी। लोग फिल्म में सिर्फ इनके गाने देखने और सुनने जाते थे। सांग्स खत्म और फिल्म खत्म मानकर दर्शक फिल्म देखना छोड़ सिनेमा हाल से बाहर चले आते थे। हालांकि, जीनत जबरदस्ती फिल्मों में आइटम सांग्स फिट करना गलत मानती है। इनका कहना है कि फिल्म की डिमांड होने पर ही फिल्म में आइटम सांग्स को जगह दी जानी चाहिए।

आज भी कसक है टैलेंट को न परखे जाने पर

जीनत अपने हर किरदार को अपना माइलस्टोन मानती है। लेकिन, अपने जमाने की सुपरहिट फिल्म सत्यम शिवम सुंदरम में उनके टैलेंट को नजर अंदाज किए जाने की कसक उनके मन में आज भी है। जीनत बताती है कि, इस फिल्म में लोग मेरे कुरूप कैरेक्टर को देखने जाते थे। न कि, मेरे टैलेंट को। लोगों ने मेरे काम को महत्व नहीं दिया। जबकि, इस फिल्म में मैंने अपने जीवन का बेहतरीन काम किया था।

बेटा बतौर डायरेक्टर डेब्यू कर रहा फिल्म

फिल्मों में नई पारी शुरू करने की बात पर जीनत अमान अपने बेटे के साथ जुड़े रहने की बात कहती है। जीनत का बेटा अजान खां बॉलीवुड में बतौर डायरेक्टर डेब्यू करने जा रहा है। बैंकस्टर नाम की फिल्म पर काम चल रहा है।