बरेली (ब्यूरो)। क्योलडिय़ा में चारा लेने गया युवक 24 घंटे बाद भी घर नहीं लौटा। बाढ़ के पानी में फंसने से वह एक टापू पर आ गया। बाढ़ का पानी इतना तेज था कि युवक चाह कर भी वहां से निकल नहीं सका। उधर 48 घंटे से परिजन और गांव के लोग युवक को तलाश रहे थे। कोई पता नहीं चलने पर परिजन अनहोनी की आशंका से परेशान थे। वहीं 48 घंटे से जंगल में बाढ़ के बीच फंसा युवक भूख से व्याकुल था। थसर्ड को एक ग्रामीण ने उसे बाढ़ के बीच फंसे देखा तो उसके परिजनों का सूचना दी। इसके बाद सूचना पर पहुंची पुलिस ने गोताखोरों की मदद से उसे सुरक्षित निकाला।
बाढ़ का पानी पीकर चलाया काम
क्योलडिय़ा के जालपा मोहनपुर निवासी 50 वर्षीय रामगोपाल किसान हैं। मंगलवार को वह जंगल मे चारा लेने गए लेकिन अचानक बाढ़ आ गई तो वह एक मिट्टी के टीले पर चढ़ गया। कुछ मिनटों में बाढ़ का पानी ऐसे आया कि वह चाह कर भी वहां से निकल नहीं सका। इस दौरान भूख प्यास लगी तो बाढ़ का पानी पीकर ही जान बचाई।
ट्रैक्टर और गोताखोर की मदद से बचाया
थानाध्यक्ष क्योलडिय़ा राजेंद्र सिंह सिरोही को फोन कर ग्रामीणों ने सूचना दी तो वह फोर्स लेकर पहुंचे। युवक को बचाने के लिए रेस्क्यू शुरू किया। पुलिस ट्रैक्टर में गोताखोर, ट्यूब और रस्सी लादकर आधे रास्ते में पहुंची। गोताखोर ट्यूब में रस्सी बांधकर टीले तक पहुंचे और युवक को ट्यूब में बैठाकर सुरक्षित बाहर ले आए।
भूख से हालत खराब
पुलिस ने जब युवक को निकाला तो वह भूख और कमजोरी से खड़ा नहीं हो पा रहा था। जिसके बाद पुलिस ने उसे खाने के लिए केले दिए। वहीं ग्रामीणों ने भी पुलिस की जमकर सरहाना की तो पीडि़त परिवार ने भी पुलिस को दुआएं दी। वहीं क्योलडिय़ा पुलिस के सराहनीय कार्य के लिए एसएसपी रोहित सिंह सजवाण ने भी प्रशंसा की है।