बरेली (ब्यूरो)। शहर में अगर आप कहीं अपने वाहन से जा रहे हैं तो जरा सावधानी बरतें। क्योंकि शहर की रोड कहीं पर भी धंस जा रही हैं। दरअसल एक वर्ष पहले सीवर लाइन बिछाने का काम हुआ था इसके बाद रोड तो बना दी गई, लेकिन उसमें कहीं न कहीं लापरवाही जरूर की गई, जो रोड धंसने पर उजागर हो रही है। एक सप्ताह में शहर के दो चौराहों पर रोड धंस गई गनीमत रही कि इससे कोई बड़ा हादसा नहीं हुआ।
बाल-बाल बचे लोग
बियावानी कोठी के पास थर्सडे को सुबह अचानक गड्ढ़े में जाकर कार का पहिया फंस गया। देखा तो रोड धंसी हुई थी। देखते ही देखते बियावनी कोठी से ईसाइयों की पुलिया तक जाम लग गया। मौके पर मौजूद पुलिस कर्मियों ने अन्य लोगों की मदद से कार को निकलवाया और वहां से रवाना कर जाम को खुलवा दिया। गड्ढे में पहिया जाने से कार में सवार लोगों को हल्की चोटें झटका लगने से लगीं। वहीं ईसाईयों की पुलिया से बियावानी कोठी तक आने वाली रोड दो जगह खुर्रम गौटिया के पास धंस गई, वहां पर भी निकलने वालों को हादसे का डर बना हुआ है।
सौ फिटा चौराहा के पास धंसी रोड
शहर के सौ फिटा रोड से आईवीआरआई की तरफ जाने वाली रोड धंसने से बड़ा गड्ढा हो गया है। आसपास के लोगों की मानें तो इस रोड पर अक्सर पानी की लाइन से लीकेज था। जिस कारण अचानक रोड कहीं पर भी धंस जाती है। इस रोड के आस-पास के निवासियों का कहना है कि इस तरह आए दिन धंस रही रोड पर कभी भी कोई बड़ा हादसा होने से इनकार नहीं किया जा सकता है।
सर्किट हाउस चौराहा पर धंसी रोड
शहर के व्यस्त रहने वाला सर्किट हाउस चौराहा के पास भी संडे शाम को एक कार गड्ढे में फंस गई। कार सवारों को झटका लगा देखा तो कार का पहिया जहां था वहां की रोड ही धंसी हुई थी। किसी तरह कार धंसी हुई रोड से हटवाई गई और रोड के गड्ढे को मिट्टी से भरा गया। इसके बाद भी वहां से निकलने वालों को सावधानी से निकलना हो रहा है।
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-शहर की रोड कई जगह धंस रही है, बारिश के बाद तो जहां की भी रोड पर निकलने वहां पर संभल कर निकलें। क्योंकि रोड जो बनाई गई उसे ठीक से नहीं बनाई गई।
श्रेष्ठ वर्मा, संजय नगर
जो भी रोड सीवर लाइन बिछाने के बाद बनाई गई है उसमें कहीं न कहीं लापरवाही की गई है। जिस कारण रोड अचानक धंस रही है। इससे हादसा होने का भी डर बना हुआ है।
वंदना सिंह, प्रेमनगर
धंसी हुई रोड को ठीक तुरंत ठीक कराना चाहिए। इससे टू व्हीलर सवारों की जान का भी खतरा बना हुआ है। जिम्मेदारों को इस पर ध्यान देना चाहिए।
मनीष राजपूत, इज्जतनगर