experts होंगे appoint
सीएमओ डॉ। एके त्यागी ने बताया कि आयुर्वेद और योग की यूनिट स्टार्ट करने के फस्र्ट फेज में राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन ने 22 डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल्स में योग डॉक्टर्स रखने की मंजूरी दी है। उनका कहना है कि फ्यूचर में मेडिटेशन के जरिए पेशेंट्स तमाम जटिल रोगों से आसानी से मुक्ति पा सकेंगे। डॉ। सिद्धू ने बताया कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आयुष विभाग ने योग, आयुर्वेद और होम्योपैथी पद्धति को डेवलप करने के लिए यह प्लान बनाया है। इलाज के लिए मेडिसिन का अरेंजमेंट्स भी किया जाना है। इसके लिए सैपरेट मेडिसिन डिस्ट्रिब्यूशन काउंटर ओपन किया जाएगा।
Selection procedure
योग गुरु बनने वालों के पास 3 साल का अनुभव और 2 साल की डिग्री होनी चाहिए। वहीं जिन्हें 5 साल का अनुभव होगा, उनका एक साल का पीजी डिप्लोमा ही काफी होगा। योग गुरु का चयन डीएम की अध्यक्षता वाली एक कमेटी करगी। इस कमेटी में जिला आयुर्वेदिक अधिकारी और एनआरएचएम कोऑर्डिनेटर को भी शामिल किया जाएगा।
क्या-क्या करेंगे योग गुरू
योग गुरु डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में सीएमएस के अधीन ही कार्यरत रहेंगे। हेल्थ डिपार्टमेंट द्वारा जारी सर्कुलर के अनुसार-
४योग गुरु वार्ड में एडमिट पेशेंट्स से पर्सनली मिलेंगे और उनसे पूछेंगे कि उन्हें क्या दिक्कत है। अगर उनकी सेहत के लिए योग की जरूरत होगी तो उन्हें भी इसका लाभ दिया जाएगा।
४यही नहीं हॉस्पिटल में एप्वाइंट योग एक्सपट्र्स स्टूडेंट्स, सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों को भी योग के जरिए रिलेक्स करेंगे। इसके लिए प्रॉपर कैंप ऑर्गनाइज किए जाएंगे.
Separate building बनेगी
डॉ। त्यागी के अकॉर्डिंग, डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में सैपरेट आयुष यूनिट स्टार्ट की जानी है। इस यूनिट के लिए सैपरेट बिल्डिंग रखी जाएगी। हेल्थ डिपार्टमेंट से आए डायरेक्शन की मानें तो इतने बड़े पैमाने पर ट्रीटमेंट के लिए डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में मेडिटेशन हॉल बनावाया जाएगा। साथ ही होम्योपैथ और आयुर्वेद जैसी ऑल्टरनेटिव मेडिकल फैसिलिटीज के लिए भी सैपरेट इंफ्रास्ट्रक्चर क्रिएट किए जाने की जरूरत है।
आज की जरूरत है यह
साइकेट्रिस्ट हेमा खन्ना का कहना है कि आज की फास्ट लाइफ में मानसिक तनाव बढ़ता जा रहा है। बरेली यूं तो मेडिकल हब है। सिटी में प्राइवेट लेवल पर तो तमाम हॉस्पिटल और मेडिटेशन सेंटर हैं मगर गवर्नमेंट लेवल पर कोई भी सेंटर नहीं था। डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में सेंटर ओपन होने के बाद कई जरूरतमंद पेशेंट्स के लिए भी बेहतर ट्रीटमेंट के दरवाजे खुल जाएंगे।
इस प्लान का सर्कुलर हमें मिल चुका है। हम इसके लिए जगह खोजने की प्लानिंग कर रहे हैं। बजट मिलने के बाद काम शुरू कर दिया जाएगा।
-डॉ। एके त्यागी, सीएमओ