40 परसेंट ड्राइवर्स की नजर बेहद कमजोर

सिटी की सड़कों पर निकल रहे हैं तो जरा अलर्ट रहे। हो सकता है कि सामने से आ रहे व्हीकल के ड्राइवर को ठीक से दिख न रहा हो। दरअसल आरटीओ डिपार्टमेंट द्वारा 3 जनवरी से चलाए जा रहे रोड सेफ्टी वीक के तहत कई ड्राइवर्स के आंखों की जांच की गई। जहां चौंकाने वाले नतीजे सामने आए हैं। अब तक 40 परसेंट ड्राइवर्स की नजर कमजोर पाई गई है.आई टेस्ट कर रहे डॉक्टर्स की मानें तो ये ड्राइवर्स जिस प्रॉब्लम से जूझ रहे हैं वह कोहरे में और खतरनाक साबित हो सकता है।

Myopia, Presbyopia अधिक

आरटीओ डिपार्टमेंट रोड सेफ्टी वीक के तहत सड़क पर व्हीकल लेकर चल रहे ड्राइवर्स की आंखों की जांच करवा रहा है। यह जांच डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल के  आई स्पेशलिस्ट कर रहे हैं। डॉक्टर्स के अकॉर्डिंग अब तक 276 ड्राइवर्स का आई टेस्ट हुआ है। जांच के दौरान ज्यादातर ड्राइवर्स 'प्रेसबायोपियाÓ बीमारी से ग्रसित पाए गए हैं। इस बीमारी में लोगों को नजदीक की चीजें बेहद कम दिखाई पड़ती है। इसके अलावा ड्राइवर्स में 'मायोपियाÓ की भी शिकायत देखने को मिल रही हैे। इसमें लोगों को दूर की चीजें देखने में काफी प्रॉब्लम होती है। डॉक्टर्स की मानें तो मायोपिया का अगर समय पर इलाज नहीं कराया जाए तो आंखों की देखने की क्षमता धीरे-धीरे कम होने लगती है। लास्ट स्टेज में व्यक्ति मोतियाबिंद बीमारी से ग्रसित हो जाता है।

समय रहते इलाज की जरूरत

आखों की जांच कर रहे डॉक्टर्स के अकॉर्डिंग अब तक जितने भी ड्राइवर्स के आंखों की जांच हुई, उसमें से 40 परसेंट तक ड्राइवर्स की आंखें कमजोर पाई गई है। इन ड्राइवर्स में से 30 परसेंट ड्राइवर्स को 'प्रेसबायोपियाÓऔर 10 परसेंट ड्राइवर्स में 'मायोपिया' की प्रॉब्लम देखी गई है। इन्हें समय रहते इलाज की जरूरत है।

कोहरे में और भी problem

आंखों की बीमारियों से जूझ रहे इन ड्राइवर्स के लिए यह मौसम कुछ ज्यादा ही खतरनाक है। इस मौसम में कोहरे का असर काफी ज्यादा देखा जा रहा है। डॉक्टर्स की मानें तो कोहरे में 'मायोपियाÓ से पीडि़त लोगों की देखने की क्षमता काफी प्रभावित होती है और सड़क पर इन्हें देखने में काफी दिक्कत होती है। ऐसे में रोड एक्सीडेंट के चांसेज काफी बढ़ जाते हैं।

ऑपरेशन की सलाह

आंखों की कमजोरी से जूझ रहे ड्राइवर्स को डॉक्टर्स द्वारा इलाज कराने की सलाह दी जा रही है। डॉक्टर्स के अकॉर्डिंग अभी जिन ड्राइवर्स की बीमारी इन मेच्योर है, उन्हें नजर का चश्मा लगवाने की बात कही जा रही है। कुछ ड्राइवर्स के आंखों का ऑपरेशन करवाने की भी जरूरत है।

व्हीकल्स की पॉल्यूशन जांच

आरटीओ द्वारा रोड सेफ्टी वीक के दौरान ड्राइवर्स के आंखों की जांच क साथ ही व्हीकल्स से निकलने वाले पॉल्यूशन स्तर की भी जांच की जा रही है। 3 जनवरी से चल रहे इस अभियान के तहत अब तक 408 व्हीकल्स की जांच की गई थी, जिसमें से 250 व्हीकल को पॉल्यूशन फ्री पाया गया।

 

दिया एक वीक का time

स्टैंडर्ड मानक से अधिक पॉल्यूशन फैला रहे व्हीकल ओनर को एक वीक का समय दिया गया है। इस दौरान व्हीकल्स को रिपेयर करा कर पॉल्यूशन की फिर से जांच कराने की बात कही गयी है।

आरटीओ के अकॉर्डिंग

एक वीक के बाद भी धुआं उगल रहे वाहनों को ठीक नहीं करवाया गया तो ड्राइवर्स के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। मोटरयान अधिनियम के तहत 1000 रुपए का चालान काटा जाएगा।

कई लोग अपनी आंखों की जांच नहीं कराते हैं। इस कैंप का उद्देश्य है कि जिन लोगों की आंखों में प्रॉब्लम सामने आ रही है, वह इलाज करवाएं। इसके अलावा जिन वाहनों से मानक से अधिक धुआं निकल रहा है उन्हें एक वीक का समय दिया जा रहा है। इसके बाद भी व्हीकल्स सही नहीं करवाते हैं तो कार्रवाई की जाएगी।

शिवपूजन त्रिपाठी, आरटीओ

अब तक जितने भी ड्राइवर्स के आंखों की जांच की गई है, उनमें से करीब आधे ड्राइवर्स की आंखें कमजोर हैं। नजर का चश्मा लगाने के साथ कुछ ड्राइवर्स को ऑपरेशन की भी सलाह दी गई है।

-डॉ। विशाल सक्सेना, आई स्पेशलिस्ट