स्कूल बैग एक्ट 2006

- स्कूल बैग का वजन बच्चे के वजन से 10 परसेंट से ज्यादा नहीं होना चाहिए। जिसमें स्कूल बैग का वजन भी शामिल है।

-नर्सरी और किंडरगॉर्डेन क्लास में स्कूल बैग नहीं होने चाहिए।

-स्कूलों में क्लास 8 तक के प्रत्येक बच्चे के लिए एक लॉकर होना जरूरी है। इसमें वे अपने स्पोट्र्स के सामान, बुक्स और नोटबुक्स रख सकें।

-क्लास 5 तक के बच्चों को एडवांस में यह इंफॉर्म किया जाना जरूरी है कि नेक्स्ट डे उन्हें कौन सा बुक्स लेकर आना है।

- क्लास के अनुसार बैग का साइज और फैब्रिक डिसाइड करने की जिम्मेदारी स्कूल मैनेजमेंट की है।

-  बैग डबल स्ट्रैप वाला होना चाहिए और उसमें कई कम्पार्टमेंट होने चाहिए जो वेट को बैलेंस कर सके और जिससे स्टूडेंट के स्पाइनल कॉर्ड पर इफ्ेक्ट न पड़े।

- कनवेंस और क्लास के लिए वेट करने के लिए बैग जमीन पर रखा जाना चाहिए।

-स्टूडेंट को स्कूल बैग पैक करने का तरीके बताना चाहिए। वजनदार आइटम बॉडी के नजदीक रखना चाहिए।

केंद्रीय विद्यालय संगठन ने कहा है

-स्कूल बैग का वजन बच्चे के वजन से अधिकतम 20 परसेंट से ज्यादा नहीं होना चाहिए। जिससे उनका स्पाइनल कॉर्ड मजबूत और स्ट्रेट रहे।

-क्लास 1 और दो में स्कूल बैग का वजन दो किलो से ज्यादा नहीं होना चाहिए।

-क्लास 3 और 4 में स्कूल बैग का वजन 3 किलो से ज्यादा नहीं होना चाहिए।

-  क्लास 5 से 7 में स्कूल बैग का वजन 4 किलो से ज्यादा नहीं होना चाहिए।

-  क्लास 8 से 12 में स्कूल बैग का वजन 6 किलो से ज्यादा नहीं होना चाहिए।

- स्कूल मैनेजमेंट को बच्चों पर एक्स्ट्रा बुक्स, रिफ्रेंस बुक्स, एक्स्ट्रा नोटबुक्स, होमवर्क, क्लासवर्क व रफ नोटबुक लाने के लिए फोर्स नहीं करना चाहिए।

सीबीएसई के अनसार

-स्टूडेंट्स के ऊपर से मेंटल और फिजिकल प्रेशर कम करने के लिए सीबीएसई ने यशपाल कमेटी की रिपोर्ट और उनकी सिफारिशों का सहारा लेकर गाइडलाइंस जारी किए।

-स्कूलों में ऐसी व्यवस्था हो, जिससे बच्चों को घर से स्कूल बैग लाना न पड़े।

-क्लास 2 तक के बच्चों को होमवर्क बिल्कुल न दिया जाए।

-सीसीई के तहत पढ़ाई कराई जाए। जिससे पास-फेल का क्राइटेरिया और बुक्स व नोटबुक्स ढोने का सिस्टम ही खत्म हो जाए।

कौन इंप्लीमेंट करे

-स्कूल बैग एक्ट में जो भी गाइडलाइंस हैं वे सभी बोर्ड के स्कूलों को फॉलो करनी है। जिसे इंप्लिमेंट कराने के लिए स्टेट गवर्नमेंट, लोकल बॉडीज और स्कूलों को रोडमैप तैयार करने के निर्देश दिए गए हैं।

-केंद्रीय विद्यालय संगठन की गाइडलाइंस सभी केंद्रीय विद्यालयों को लागू करनी है।

-सीबीएसई ने जो गाइडलाइंस जारी की है उसे सभी एफिलिएटेड स्कूलों में फॉलो करने के निर्देश दिए हैं।

विदेशों में क्या है सिस्टम

अधिकांश फॉरन स्कूल्स में स्कूल बैग लाने की साफ मनाही है। वहां के स्कूलों में सभी स्टूडेंट को सेप्रेट लॉकर प्रोवाइड किया जाता है। इसमें स्टूडेंट्स अपनी बुक्स और नोटबुक्स रखते हैं। वहीं कुछ कंट्रीज ने स्कूल बैग का वजन स्टूडेंट के वजन से करीब 14 परसेंट अधिक न होने के साफ डायरेक्शंस दिए हैं।

सबसे पूछा बस एक सवाल

क्या है स्कूल बैग एक्ट 2006

Bishop Conrad

मुझे स्कूल बैग एक्ट के बारे में नहीं पता है।

-फादर ग्रेगरी, प्रिंसिपल

St। Xavier

अभी तो मैं स्कूल से लौट रही हूं। थकी हुई हूं। कल स्कूल आकर मिलिएगा तब बताउंगी। वैसे तो मैं आपको जवाब देने के लिए रेस्पॉन्सिबल नहीं हूं।

-मंदिरा चटर्जी, प्रिंसिपल

Alma Mater

मैं इस एक्ट के बारे में जानता हूं। बच्चों पर स्कूल बैग का बर्डन नहीं होना चाहिए। वैसे भी हमारा स्कूल तो डे बोर्डिंग है। किंडर गार्डन में बैग नहीं होता। 1-8 डे बोर्डिंग है और 9-12 में शेड्यूल के हिसाब से बैग होता है।

-राजीव ढींगरा, प्रिंसिपल

GPM

अभी घर आई हूं। थोड़ी देर पहले लंच किया है। ये मेरे सोने का टाइम है।

बार-बार पूछने पर उन्होंने कहा-

स्कूल बैग एक्ट, ये क्या है भाई।

-मधु मिश्रा, प्रिंसिपल

Sacred Hearts

हां मैं जानती हूं। चिल्ड्रन पर बैग का बर्डन नहीं होना चाहिए लेकिन सीबीएसई ने कोई गाइडलाइन तो जारी किया नहीं है। केंद्रीय विद्यालय में रूल है इसलिए फॉलो किया जाता है। वैसे हम कोशिश करते हैं कि बच्चों को हैवी बैग न कैरी करना पड़े। इसलिए स्मार्ट क्लासेज कंडक्ट करवाते हैं। हालांकि मैं नो बैग की पॉलिसी के खिलाफ हूं। बच्चा घर पर बुक्स नहीं ले जाएगा तो फिर सारा टाइम करेगा क्या।

-राधा सिंह, डायरेक्टर

DPS

यस, आई नो दिस एक्ट। इसके अकॉर्डिंग बच्चे पर स्कूल बैग का बर्डन नहीं होना चाहिए। हमारे यहां क्लास 3 तक बैग नहीं लाना होता है। इसके अबव क्लासेज मे ंभी हम बैग का बर्डन ज्यादा नहीं लादते हैं। इसलिए स्मार्ट क्लासेज कॉन्सेप्ट फॉलो कर रहे हैं। जहां तक नो बैग की बात है तो ये लोकल कंडीशन और रिक्वायरमेंट पर भी डिपेंड करता है। बरेली में पेरेंट्स नो बैग के कॉन्सेप्ट को नहीं समझेंगे। उनके लिए पढ़ाई का मतलब है ज्यादा बुक्स और कॉपीज।

-रजनी, प्रिंसिपल

SR International

नॉट श्योर। फिर बोलींहम जानते हैं। इसके मुताबिक, बच्चों पर बैग का बोझ नहीं होना चाहिए.   उनकी क्लास के अकॉर्डिंग बैग का वेट होना चाहिए। क्लास 2 तक हमारे यहां भी बैग नहीं लाना होता। अबव क्लासेज में शेड्यूल के अकॉर्डिंग ही बुक्स कैरी करनी होती हैं। वी फॉलो लो बर्डन कॉन्सेप्ट.                     

-रुमा गुप्ता, प्रिंसिपल

Sobti Public School

यस आई नो। स्कूल बैग हैवी नहीं होना चाहिए। इससे बच्चों की ग्रोथ पर असर पड़ता है। हमारे यहां जूनियर क्लासेज में कुछ ही बुक्स कैरी करनी पड़ती हैं। सीनियर क्लासेज में प्रॉपर टाइम टेबल बना हुआ है। इसलिए बैग हैवी नहीं होता। बाकी एक्स्ट्रा बुक्स स्कूल में ही सबमिट करवा ली जाती हैं।

-उर्मिला बाजपेई, प्रिंसिपल

Vidya Bhawan Public School

यस आई नो वैरी वेल। एक्ट कहता है कि बच्चों पर स्कूल बैग का बर्डन नहीं होना चाहिए। क्लासवर्क और होमवर्क सब स्कूल में ही हो ताकि बाहर जाकर वह व्यवहारिक ज्ञान हासिल करे, किताबों में न उलझा रहे। हम भी काफी हद तक स्कूल में इसे फॉलो करते हैं लेकिन अगर शहर में एक्ट का नो बैग कॉन्सेप्ट लागू कर दिया तो पेरेंट्स को बड़ी परेशानी होगी।

- सुरेश आहूजा, प्रिंसिपल

Chikkar International

हम एक्ट जानते हैं और इसे प्रॉपरली फॉलो करते हैं। हमारे यहां सभी बच्चों के लॉकर्स हैं। बस 1-2 किताबें लर्निंग के लिए घर भेजते हैं। स्टूडेंट्स के पास ही कीज भी रहती हैं। लॉकर्स की हर हफ्ते चेकिंग भी की जाती है।

- फिरदौस रहमान, प्रिंसिपल

St.Mary Convent

मैं एक्ट के बारे में जानता हूं। ये नो बैग कॉन्सेप्ट है ताकि जूनियर क्लासेज के बच्चे स्कूल से बाहर जाकर भी दबाव न महसूस करें। हम इसे प्रॉपरली लागू नहीं कर सकते क्योंकि आईसीएसई के करिकुलम में नहीं है। बोर्ड जैसा चाहेगा वैसा ही फॉलो किया जाएगा।

- डॉ। जयदीप, प्रिंसिपल

Radha Madhav

आई हैव नो आइडिया अबाउट दिस एक्ट।

-आरसी दस्मना, प्रिंसिपल

St। Francis

स्कूल बैग एक्ट के बारे में मुझे नहीं पता।

-सिस्टर लिस्मिन, प्रिंसिपल

KV-JLA

एक्ट के अकॉर्डिंग स्टूडेंट्स को बैगलेस होना चाहिए। जिन क्लासेज में बैग जरूरी है तो वो भी एज और क्लास के अकॉर्डिंग हो। केवी के जीओ के मुताबिक हम इसे पूरी तरह से फॉलो करते हैं।

-टी खान, प्रिंसिपल

KV-IVRI

हम स्कूल बैग एक्ट जानते हैं और बच्चों पर बैग का बोझ नहीं डालते। जो बुक्स लानी भी होती हैं तो  वो एनसीईआरटी की पतली-पतली बुक्स होती हैं इसलिए बर्डन नहीं पड़ता। केंद्रीय विद्यालय में इसी तरह की पॉलिसी है।

- मिसेज कौशिक, प्रिंसिपल

KV_JRC

एक्ट के अकॉर्डिंग क्लास 5 तक के बच्चों के बैग का वेट सेट किया गया है। उससे ज्यादा नहीं होना चाहिए। केंद्रीय विद्यालय इसे प्रॉपरली फॉलो कर रहा है।

- बीडी ओली, प्रिंसिपल

Madhav Rao Scindhia

एक्ट के बारे में एग्जेक्टली नहीं पता है लेकिन हमारे यहां एक्स्ट्रा नोटबुक स्कूल में जमा करवा लेते हैं। ताकि स्टूडेंट्स को परेशानी न हो।

- प्रिंयंका, कोऑर्डिनेटर