- यूपीटीयू के पूर्व गोल्ड मेडलिस्ट
स्टूडेंट्स के अनुभवों से तैयार किया जाएगा सिलेबस
- यूपीटीयू ने बनायी व्यवस्था
BAREILLY: यूपी टेक्निकल यूनिवर्सिटी अब कोर्सेज को संवारने के लिए अपने पूर्व मेधावी छात्रों की सहायता लेगी। जो गोल्ड मेडलिस्ट रह चुके हैं और कहीं न कहीं जॉब कर रहे हैं उनकी महत्वपूर्ण राय ली जाएगी। सिलेबस को मोडीफाई करने के लिए उनके अनुभवों को काउंट किया जाएगा। प्रदेश के प्रमुख इंस्टीट्यूट्स और यूनिवर्सिटी के वीसी के साथ हुई मीटिंग में इस बात पर राय बनी। ऐसे एक्स छात्रों को खोजने के लिए जरूरत पड़े तो एजेंसी की भी मदद ली जाएगी। हालांकि कुछ तो अलमनाई एसोसिएशन में जुड़े होने की वजह से मिल जाएंगे। बाकियों की तलाश एजेंसी फ्री ऑफ कॉस्ट करेगी।
ब्फ् इंस्टीट्यूट्स के साथ हुई थी मीटिंग
इंडस्ट्री की डिमांड के अनुसार टेक्निकल और मैनेजमेंट के कोर्सेज को मोडीफाई करने और स्टूडेंट्स के बीच ज्यादा से ज्यादा रोजगार के अवसरों का सृजन करने के लिए यूपीटीयू ने गत क्7 जनवरी को इंस्टीट्यूट्स के चेयरमैन की मीटिंग बुलाई थी। प्रदेश के प्रमुख ब्फ् इंस्टीट्यूट्स के चेयरमैन मीटिंग में शिरकत किए थे, जिसमें से बरेली के तीन इंस्टीट्यूट के चेयरमैन भी शामिल थे। वीसी आरके खांडल की अध्यक्षता में यह मीटिंग कंडक्ट की गई।
स्किल्ड ओरिएंटेड करिकुलम पर था फोकस
मीटिंग में करिकुलम को स्किल्ड ओरिएंटेड बनाने पर मेन फोकस था। यूपीटीयू से पढ़े स्टूडेंट्स को रोजगार पाने में काफी मशक्कत करनी पड़ती है। एक दो मेट्रो शहर को छोड़ बाकी जगहों पर कैंपस प्लेसमेंट की परफॉर्मेस बेहद पूअर है। स्किल डेवलपमेंट व रोजगार और करिकुलम को लेकर दो कमेटियां भी बनाई गई हैं। जो यूनिवर्सिटी को अपनी रिपोर्ट पेश करेंगी।
बोर्ड ऑफ स्टडीज में शामिल होंगे गोल्ड मेडलिस्ट
कोर्सेज को स्किल्ड ओरिएंटेड बनाने के लिए यूनिवर्सिटी को गोल्ड मेडलिस्ट की सहायता लेने का मुद्दा रखा गया। जिस पर सहमति भी बनी। इसके तहत जो टॉप मोस्ट गोल्ड मेडलिस्ट हैं उनको यूनिवर्सिटी की फैकल्टी के बोर्ड ऑफ स्टडीज में शामिल किया जाएगा। करिकुलम की रूपरेखा तय करने, उन्हें इंडस्ट्री की डिमांड के अनुसार मोडीफाई करने के लिए उनके महत्वपूर्ण सुझाव भी लिए जाएंगे। गोल्ड मेडलिस्ट जो कहीं न कहीं सक्सेजफुली अपना बिजनेस सेटअप किए हों या फिर टॉप मल्टीनेशनल कंपनीज में काम कर रहे हों। उन्हें ढूंढने के लिए यूनिवर्सिटी ने एजेंसी से कॉन्टेक्ट भी किया है।
ऐसी एजेंसी से बात चल रही है जो हमारे टॉप गोल्ड मेडलिस्ट पूर्व छात्रों को ढूंढ सके। हर इंस्टीट्यट के अपनी अलमनाई है। एजेंसी उनसे भी कॉन्टेक्ट करेगी। गोल्ड मेडलिस्ट की सहायता से यूपीटीयू के सिलेबस को मोडीफाई किया जाएगा।
- प्रो। आरके खांडल, वीसी यूपीटीयू