बरेली(ब्यूरो)। शहर की सरकार के चुनाव की गाड़ी गति पकड़ रही है, वोटिंग के दिन भी नजदीक आने लगे हैैं। प्रत्याशियों के चयन व उन से क्या उम्मीदें हैैं, इस की चर्चा भी शहर में तेज हो गई है। इसी क्रम में दैनिक जागरण आई नेक्स्ट की टीम थर्सडे को राजेंद्र नगर पहुंची, जहां पार्क में बैठी महिलाएं प्रत्याशी व शहर के विकास के बारे में चर्चा कर रही थीं। डीजे आई नेक्स्ट की टीम भी इस दौरान चर्चा का हिस्सा बन गई। महिलाओं ने शहर के विकास से ले कर अन्य मुद्दों पर बेबाकी से अपने विचार रखे, पेश है यह स्पेशल रिपोर्ट
विकास है अधूरा
महिलाओंं का कहना था कि संजय नगर के साथ ही शहर के अन्य हिस्सों में सडक़ें अधूरी हैैं। डिवाइडर पर भी रिफ्लेक्टर नहीं लगाए गए हैैं, जिस से हादसा होने की आशंका बनी रहती है। जिम्मेदारों को पब्लिक सेफ्टी का ध्यान रखना चाहिए। युवाओं के लिए काउंसलिंग सेंटर खोले जाने चाहिए, जिस से भटके हुए युवाओं का मार्गदर्शन मिल सके।
आवारा पशुओं का आतंक
सडक़ों पर आवारा पशुओं का आतंक बरकरार है। बीच रोड पर बैठे पशु अक्सर सडक़ दुर्घटना का कारण बनते है। वहीं छत पर जाने पर बंदरों के आतंक का सामना करना पड़ रहा है। गली-मोहल्लों में स्ट्रीट डॉग्स भी बच्चों से ले कर बड़े सब के ही लिए मुसीबत का सबब बन रहे हैैं।
स्पीड से हो डेवलपमेंट
शहर में विकास कार्य हो रहे हें, अच्छी बात है। इस के साथ ही कार्य की गति को भी तेज करने की जरूरत है, स्लो मोशन से हो रहे कार्य से लोगों को समस्याओं से दो चार होना पड़ रहा है।
जाम व अतिक्रमण से मिले निजात
चुनाव में पब्लिक सेफ्टी, गार्बेज, हेल्थ फैसेलिटी भी बहुत अहम मुद्दा है। अब भी ट्रैफिक सिस्टम में सुधार की बहुत आवश्यकता है, सडक़ों के किनारे अतिक्रमण बरकरार है। सडक़ों पर पार्किंग का अभाव है, जिस वजह से अक्सर जाम लगता है।
जनता से जुड़ाव हैै जरूरी
महिलाओं का कहना है कि पार्षद हो या मेयर जनता से जुड़ाव बहुत जरूरी होता है। कई बार प्रत्याशी वोट मांगते समय तो खुद को जमीन से जुड़ा हुआ शो करता है, लेकिन जीतने के बाद उस का आम आदमी के प्रति व्यवहार बदल जाता है, ऐसा नहीं होना चाहिए।
उम्मीदों पर खरा उतरे
महिलाओं ने बताया कि आगामी पांच वर्ष में जीतने वाले नेता से उम्मीद रहेगी कि वह समय-समय पर जनता से मिलता रहे। शहर के विकास को प्राथमिकता दे, साथ ही जनता को होनी वाली परेशानी के हल में हरसंभव प्रयास करेगा।
सडक़ों पर अब भी गड्डे बरकरार हैैं, सिस्टेमेटिक तरीके से विकास कार्य नहीं किए जा रहे हैैं। जीतने वाले प्रत्याशी से उम्मीद रहेगी कि वह आम जन के प्रति समर्पित हो।
चित्रा जौहरी
जीतने वाले प्रत्याशी के कथनी व करनी में अंतर नहीं होना चाहिए, वह जो चुनाव से पहले वादा करे। उन्हें धरातल पर उतरने पर ध्यान दे।
डॉ। शिखा अग्रवाल
वोट देते समय प्रत्याशी ही मायने रखता है, पार्टी के कारण कई बार डेवलपमेंट में समस्या होती है।
रितांशी श्रीवास्तव
शहर में आवारा पशुओं का आतंक बरकरार है, सडक़ों पर अब भी बारिश में जलभराव होता है। इन सब समस्याओं से निजात मिलनी चाहिए।
दीक्षा सक्सेना
सिटी में पार्किंग की बहुत बड़ी समस्या है, बाजार में जाने पर वाहन पर ही अधिक ध्यान रहता है। कई बार यह जाम की वजह बन जाते हैैं।
सौम्या स्वामी गुप्ता
शहर को स्मार्ट सिटी बनाने के लिए अब भी बहुत कार्य करना बाकी है, वहीं विकास कार्यों की रफ्तार भी तेज होनी चाहिए।
गुंजन अग्रवाल
चुने गए नेता को जनता के प्रति समर्पित होना चाहिए। चुनाव जीतने के बाद भी वह लोगों की समस्याओं को गंभीरता से सुने और निस्तारण करे।
सारिका सक्सेना
शहर में हो रहे डेवलपेंट वक्र्स पर जिम्मेदारों को ध्यान देना चाहिए, इस के कारण पब्लिक सेफ्टी रिस्क पर न रहे और कार्य भी तेजी से करना चाहिए।
दीपाली सक्सेना
स्मार्ट सिटी के तहत तैयार किए गए कई प्रोजेक्ट्स अब भी बंद पड़े हुए हैैं। वहीं निर्माणाधीन कार्यों की भी गति बढ़ाई नहीं जा रही है।
स्मिता यादव