-सुभाषनगर में घरेलू चाकू से गला रेतकर हत्या, पूरे एरिया में दहशत का माहौल

BAREILLY : एक बार फिर बरेली पुलिस को चुनौती देते हुए सुभाषनगर में दिनदहाड़े महिला की चाकू से गला रेतकर हत्या कर दी। हत्या किसने और क्यों की, यह फिलहाल किसी पहेली से कम नहीं। असल में हमेशा चहल-पहल वाले इलाके के जिस घर में वारदात हुई, उसके सभी दरवाजे अंदर से बंद थे। यही नहीं ज्वैलरी और सामान भी सेफ मिला। शक की सूई फिलहाल किसी अपने के ऊपर ही घूम रही है।

पति हैं सहकारिता समिति में सचिव

40 वर्षीय मिथलेश, राजीव कॉलोनी गली नंबर 5 में परिवार के साथ रहती थीं। उनके पति नेमपाल चौहान बभियाना, कांठ, शाहजहांपुर के सहकारिता समिति में सचिव हैं। मिथलेश का बड़ा बेटा राजीव दिल्ली में इंजीनियर है और छोटा बेटा संजीव बरेली में ही एक निजी बैंक में फील्ड ऑफिसर है। मिथलेश की बेटी चांदनी बीएड की छात्रा है। संजीव की पत्‍‌नी विनीता सुभाषनगर में ही स्कूल में प्राइवेट टीचर है। घर में एक भतीजा अंकित भी रहता है। वह सुभाषनगर में ही श्रीमती रामप्यारी इंटर कॉलेज में नौवीं क्लास में पढ़ता है।

सुबह 11 बजे से दोपहर 1बजे के बीच हत्या

नेमपाल रोजाना सुबह 6 बजे अपनी ड्यूटी के लिए निकल जाते हैं। संजीव भी सुबह 10 बजे के बाद काम पर चला जाता है। चांदनी और अंकित भी सुबह पढ़ने के लिए कॉलेज चले जाते हैं और विनीता सुबह 11 बजे के करीब स्कूल पढ़ाने चली जाती है। दिन में घर में सिर्फ मिथलेश ही अकेली रह जाती हैं। अंकित स्कूल से दिन में एक बजे लौटता है। इस तरह देखा जाए तो हत्यारे इससे पूरी तरह से वाकिफ से थे कि मिथलेश सुबह 11 बजे से एक बजे के बीच घर में अकेले होती हैं। इसी दो घंटे के बीच मिथिलेश को मौत के घाट उतार दिया गया।

अंकित ने देखा सबसे पहले

रोजाना की तरह ट्यूजडे को सभी घर से बाहर थे। दोपहर करीब एक बजे अंकित अपने पड़ोस में रहने वाले दोस्त और रिश्तेदार आकाश के साथ घर वापस लौटा। अंकित मेन गेट से अंदर गया तो देखा कि दरवाजा अंदर से बंद है। वह दूसरे गेट पर गया तो वो भी बंद था। उसने बैठक वाले गेट को धक्का दिया तो कुंडी खुल गई। वह अंदर गया तो देखा कि मौसी जमीन पर पड़ी थीं। अंकित ने अपने मौसेरे भाई संजीव को फोन किया लेकिन कॉल रिसीव नहीं हुई।

पेपर से लिपटा था चाकू

मिथलेश की डेडबॉडी घर के आंगन में टंकी के पास पड़ी थी। टंकी चल रही थी और पास में कूकर और अंदर एक बर्तन और छन्नी पड़ी थी। बाडी के बांयी साइड में खून से सना चाकू पड़ा था। चाकू पर पेपर लिपटा था। यही नहीं खून नाली में बह रहा था। एक चूड़ी भी टूटी पड़ी थी। मिथलेश के कान, गले और नाम में ज्वैलरी थी। इसके अलावा, घर में कोई सामान भी बिखरा नहीं हुआ था। साफ है कि हत्या लूट के इरादे से नहीं की गई है।

पेपर पर मिले खून के निशान

हत्या में जिस चाकू का इस्तेमाल हुआ वह मिथलेश के घर का ही है। चाकू सब्जी काटने वाला है। हत्यारे में हत्या से पहले अपने दिमाग का इस्तेमाल किया और चाकू को पेपर से पकड़ा लेकिन चालाकी चल नहीं सकी। गला रेतने के दौरान ब्लड पेपर पर लग गया जिससे उसके पेपर पर फिंगर प्रिंट आ गए हैं। फील्ड यूनिट ने पेपर पर मिले फिंगर प्रिंट कलेक्ट कर ि1लए हैं।

तो अचानक काट दिया गला

जिस तरह से मिथलेश की बाडी पड़ी हुई थी इससे साफ है कि वह संघर्ष नहीं कर सकी। पुलिस को आशंका है कि वह बर्तन धोने के लिए बैठी होंगी। इसी दौरान किसी ने पीछे से उनके बाल पकड़कर फर्श पर गिरा दिया होगा और आराम से गला काट दिया होगा।

दरवाजे खुले थे या बंद, सवालों में

घर में सबसे पहले पहुंचने वाले अंकित और आकाश की मानें तो घर के दोनों मेन दरवाजे बंद थे। पुलिस का भी कहना है कि सभी गेट बंद थे और छत के गेट भी बंद थे। लेकिन बाद में फील्ड यूनिट को छत के गेट खुले मिले हैं। अब सवाल है कि छत के गेट पहले से खुले थे या बाद में खोले गए। अगर सभी गेट बंद थे तो हत्यारा हत्या करने के बाद बाहर कैसे निकलकर गया।

संजीव ने क्यों नहीं उठाया फोनन!

आकाश की मानें तो उसने सबसे पहले संजीव को हत्या की जानकारी फोन पर देनी चाही लेकिन संजीव ने फोन नहीं उठाया। संजीव कुछ देर बाद ही घर पर पहुंच गया था। संजीव ने पुलिस को बताया वह लंच करने के लिए घर आ रहा था। संजीव अपने बड़े भाई रोहित के ही कमरे में रहता था। यह कमरा भी बंद था और बेड पर लैपटाॅप व चार्जर पड़ा था।

किसी अपने का ही हाथ

शक की सुई घर के ही मेंबर पर जा रही है क्योंकि वारदात को दो घंटे के अंतराल में अंजाम दिया गया है। इस दौरान घर में मिथलेश के अलावा कोई नहीं होता है। इस बारे में घर के मेंबर से ज्यादा कोई नहीं जान सकता या फिर कोई घर के बारे में पूरी जानकारी रखता है।

कोई मेरी मां को जिंदा कर दो

हत्या के बाद पूरे परिवार का बुरा हाल है। हत्या की सूचना पर बेटी चांदनी दौड़कर पहुंची और मां का चेहरा देखने की जिद करने लगी। वह जोर-जोर से चीखने लगी कि मेरी मां को किसने मारा, कोई मेरी मां को जिंदा कर दो।

सुभाषनगर में अब तक कई वारदातें

सुभाषनगर थाना क्षेत्र में इस साल कई मर्डर की वारदातें हो चुकी हैं। करीब क्भ् दिन पहले भी सुभाषनगर में महिला होमगार्ड के बेटे विनोद की हत्या हुई थी। इन सभी मर्डर में पुलिस किसी का भी खुलासा नहीं कर सकी है। हर मामले में पुलिस का पहला शक घरेलू मेंबर पर ही जाता है लेकिन बाद में पुलिस की जांच ढीली पड़ जाती है।